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हरियाणा में 12 आउटसोर्स कर्मचारियों की छुट्टी, हटाने से पहले नहीं दिया गया नोटिस - महेंद्रगढ़ स्वच्छ भारत मिशन प्रेरक हटाए गए

स्वच्छ भारत मिशन के तहत आउटसोर्स पर काम कर रहे 12 प्रेरकों की सेवाएं अचानक खत्म कर दी गई हैं. जिसके बाद अब उन्होंने उपायुक्त को ज्ञापन देकर न्याय की गुहार लगाई है.

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हरियाणा में 12 आउटसोर्स कर्मचारियों की छुट्टी, हटाने से पहले नहीं दिया गया नोटिस
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Published : Jul 2, 2021, 3:09 PM IST

महेंद्रगढ़: हरियाणा की गठबंधन सरकार ने सत्ता में आने से पहले प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन इस वादे के मायने बदलते दिखाई दे रहे हैं. दरअसल, ऐसा हम नहीं बल्कि नौकरी से निकाले गए 12 प्रेरक (मोटिवेटर्स) कह रहे हैं. जिनकी सेवाएं बिना किसी नोटिस के खत्म कर दी गई हैं.

मामला महेंद्रगढ़ जिले का है. जहां स्वच्छ भारत मिशन के तहत काम कर रहे 12 प्रेरकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. ये सभी प्रेरक स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत खंड स्तर पर आउटसोर्सिंग एजेंसी के जरिए काम कर रहे थे. जिन्हें बिना किसी नोटिस और सूचना के बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.

ये भी पढ़िए: HPSC Recruitment 2021: हरियाणा लोक सेवा में भर्ती के लिए परीक्षा का शेड्यूल जारी, जानें कब से होंगी परीक्षा

इन सभी 12 प्रेरकों की सेवाएं 30 जून को खत्म कर दी गई. ऐसे में नौकरी से निकाले गए सभी प्रेरक न्याय की गुहार ला रहे हैं. निकाले गए प्रेरकों ने बताया कि वो लंबे वक्त से स्वच्छ भारत मिशन के तहत अपनी सेवाएं दे रहे थे. कोरोना काल में भी उन्होंने जिम्मेदारी से काम किया, लेकिन बिना किसी एडवांस नोटिस के उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है.

ये भी पढ़िए: सिरसा में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का धरना, सरकार को दी चेतावनी

अब सभी 12 प्रेरकों ने जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा है. जिसके जरिए उन्होंने नौकरी बहाल करने की मांग की है. उनका ये भी कहना है कि उन्हें 3 से 4 महीने का वेतन भी नहीं मिला है. ऐसे में नौकरी के साथ-साथ उनका वेतन भी उन्हें दिया जाए ताकि उनके घर का चूल्हा भी जल सके.

ये भी पढ़िए: 75 आरक्षण के लिए उद्योगपतियों के साथ होगी सरकार की बैठक, भर्ती प्रक्रिया पर होगी चर्चा

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मामला महेंद्रगढ़ जिले का है. जहां स्वच्छ भारत मिशन के तहत काम कर रहे 12 प्रेरकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. ये सभी प्रेरक स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत खंड स्तर पर आउटसोर्सिंग एजेंसी के जरिए काम कर रहे थे. जिन्हें बिना किसी नोटिस और सूचना के बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.

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इन सभी 12 प्रेरकों की सेवाएं 30 जून को खत्म कर दी गई. ऐसे में नौकरी से निकाले गए सभी प्रेरक न्याय की गुहार ला रहे हैं. निकाले गए प्रेरकों ने बताया कि वो लंबे वक्त से स्वच्छ भारत मिशन के तहत अपनी सेवाएं दे रहे थे. कोरोना काल में भी उन्होंने जिम्मेदारी से काम किया, लेकिन बिना किसी एडवांस नोटिस के उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है.

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अब सभी 12 प्रेरकों ने जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा है. जिसके जरिए उन्होंने नौकरी बहाल करने की मांग की है. उनका ये भी कहना है कि उन्हें 3 से 4 महीने का वेतन भी नहीं मिला है. ऐसे में नौकरी के साथ-साथ उनका वेतन भी उन्हें दिया जाए ताकि उनके घर का चूल्हा भी जल सके.

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