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फरीदाबाद में गुर्जर महोत्सव 2024: UP की बेटी हिमांशी की पेंटिंग बनी आकर्षण का केन्द्र - FARIDABAD GURJAR MAHOTSAV 2024

सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले के प्रांगण में गुर्जर महोत्सव 2024 का आयोजन किया गया. महोत्सव में हिमांशी की पेंटिंग लोगों को भा रही है.

Himanshi at Gujjar Festival
गुर्जर महोत्सव में हिमांशी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 11 hours ago

फरीदाबाद: फरीदाबाद के अरावली पहाड़ों के बीच बसे सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले के प्रांगण में गुर्जर महोत्सव 2024 का आयोजन किया गया है. इस महोत्सव में देश के अलग-अलग हिस्सों से गुर्जर समाज के लोग आए हुए हैं. गुर्जर महोत्सव में ये लोग अपने संस्कृति और कला का प्रदर्शन कर रहे हैं. इस महोत्सव में उत्तर प्रदेश की बेटी हिमांशी चौहान भी पहुंची है. ये गुर्जर समाज से हैं. इनके पेंटिंग की हर ओर चर्चा हो रही है. हर कोई उनका पेंटिंग देख उनकी कला मुरीद होता जा रहा है.

गुर्जर महोत्सव में पहुंची यूपी की हिमांशी: हिमांशी यूपी के शामली जिले के पंजोखड़ा गांव की बेटी है. ये गुर्जर महोत्सव में पहुंची है. ये अपनी पेंटिंग कला के बदौलत देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी सम्मानित हो चुकी हैं. हिमांशी आर्ट एंड क्राफ्ट में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज करवा चुकी हैं.

फरीदाबाद में गुर्जर महोत्सव 2024 (ETV Bharat)

बचपन से था पेंटिंग का शौक: ईटीवी भारत ने यूपी की बेटी हिमांशी चौहान कल्सयान से बातचीत की. हिमांशी ने बताया, "मैं गुर्जर समाज से आती हूं और इस समाज की लड़कियों को घर से बाहर ज्यादा निकलने की इजाजत नहीं होती. इसके बावजूद मेरे परिवार ने मेरा पूरा सपोर्ट किया. यही वजह है कि मैं घर से निकल कर आज इस मुकाम पर पहुंच सकी हूं. मुझे बचपन से ही पेंटिंग का शौक था. मेरी बड़ी बहन पेंटिंग बनाया करती थी. उसे देखकर मैंने भी पेंटिंग बनाना शुरू किया. मैंने पहली पेंटिंग दूसरी क्लास में थी तब बनाई. मेरे बनाए उस पेंटिंग को मेरे पूरे परिवार ने सराहा, जिसके बाद धीरे-धीरे मेरा इंटरेस्ट इसमें और भी बढ़ता गया और मैं रंगों की दुनिया में खोती चली गई.ठ

मिल चुके हैं कई अवार्ड: हिंमांशी ने आगे बताया, "अभी तक मैं 160 देशों में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुकी है. अब तक मुझे 21 अंतरराष्ट्रीय और 53 राष्ट्रीय अवार्ड मिल चुके हैं. इसके अलावा G20 सम्मेलन में भी मुझे मेरी पेंटिंग की वजह से गोल्ड मेडल से मिल चुका है. 14 साल की उम्र में लाइव पेंटिंग बनाने को लेकर मेरा नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज हुआ है. मैं चाहती हूं कि मेरी कला देश के कोने-कोने में पहुंचे और यही वजह है कि अब मैं पेंटिंग सिखाती भी हूं. मैंने एक संस्था बना रखा है, जिसका नाम "उड़ान" है. "उड़ान" के तहत मैं बच्चों को पेंटिंग सिखाती हूं. जिन बच्चों के पास पैसे नहीं होते हैं, उन्हें अभी मैं मुफ्त में पेंटिंग सिखाती हूं. इसके अलावा कई तरह के क्राफ्ट अभी मैं बच्चों को बनाना सिखाती हूं."

मेरे इस सफर में काफी कठिनाइयों भी आई, लेकिन मेरे परिवार ने मेरा साथ कभी नहीं छोड़ा. जब संघर्ष भरे दिन चल रहे थे, उस समय पिताजी की मौत हो गई. उस समय मुझे सबसे ज्यादा झटका लगा, लेकिन फिर भी मेरे परिवार ने मुझे टूटने नहीं दिया. मेरा हौसला बनाए रखा और पिताजी के मौत के 3 साल बाद मेरा नाम की गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ.- हिमांशी चौहान, पेंटर

बता दें कि सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय क्राफ्ट मेले के प्रांगण में गुर्जर महोत्सव 2024 का तीन दिवसीय आयोजन किया गया है. इसमें 15 राज्यों के प्रतिनिधि ने हिस्सा लिया है. इस महोत्सव में हरियाणा का अलावा अलग-अलग राज्यों के गुर्जर समाज के लोग इकट्ठा होकर अपनी संस्कृति, अपनी विरासत को लोगों तक पहुंचा रहे हैं. इसी महोत्सव में यूपी की बेटी हिमांशी के पेंटिंग को लोग खासा पसंद कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: फरीदाबाद में तीन दिवसीय गुर्जर महोत्सव का आयोजन, राज्य मंत्री राजेश नागर ने किया शुभारंभ

फरीदाबाद: फरीदाबाद के अरावली पहाड़ों के बीच बसे सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले के प्रांगण में गुर्जर महोत्सव 2024 का आयोजन किया गया है. इस महोत्सव में देश के अलग-अलग हिस्सों से गुर्जर समाज के लोग आए हुए हैं. गुर्जर महोत्सव में ये लोग अपने संस्कृति और कला का प्रदर्शन कर रहे हैं. इस महोत्सव में उत्तर प्रदेश की बेटी हिमांशी चौहान भी पहुंची है. ये गुर्जर समाज से हैं. इनके पेंटिंग की हर ओर चर्चा हो रही है. हर कोई उनका पेंटिंग देख उनकी कला मुरीद होता जा रहा है.

गुर्जर महोत्सव में पहुंची यूपी की हिमांशी: हिमांशी यूपी के शामली जिले के पंजोखड़ा गांव की बेटी है. ये गुर्जर महोत्सव में पहुंची है. ये अपनी पेंटिंग कला के बदौलत देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी सम्मानित हो चुकी हैं. हिमांशी आर्ट एंड क्राफ्ट में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज करवा चुकी हैं.

फरीदाबाद में गुर्जर महोत्सव 2024 (ETV Bharat)

बचपन से था पेंटिंग का शौक: ईटीवी भारत ने यूपी की बेटी हिमांशी चौहान कल्सयान से बातचीत की. हिमांशी ने बताया, "मैं गुर्जर समाज से आती हूं और इस समाज की लड़कियों को घर से बाहर ज्यादा निकलने की इजाजत नहीं होती. इसके बावजूद मेरे परिवार ने मेरा पूरा सपोर्ट किया. यही वजह है कि मैं घर से निकल कर आज इस मुकाम पर पहुंच सकी हूं. मुझे बचपन से ही पेंटिंग का शौक था. मेरी बड़ी बहन पेंटिंग बनाया करती थी. उसे देखकर मैंने भी पेंटिंग बनाना शुरू किया. मैंने पहली पेंटिंग दूसरी क्लास में थी तब बनाई. मेरे बनाए उस पेंटिंग को मेरे पूरे परिवार ने सराहा, जिसके बाद धीरे-धीरे मेरा इंटरेस्ट इसमें और भी बढ़ता गया और मैं रंगों की दुनिया में खोती चली गई.ठ

मिल चुके हैं कई अवार्ड: हिंमांशी ने आगे बताया, "अभी तक मैं 160 देशों में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुकी है. अब तक मुझे 21 अंतरराष्ट्रीय और 53 राष्ट्रीय अवार्ड मिल चुके हैं. इसके अलावा G20 सम्मेलन में भी मुझे मेरी पेंटिंग की वजह से गोल्ड मेडल से मिल चुका है. 14 साल की उम्र में लाइव पेंटिंग बनाने को लेकर मेरा नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज हुआ है. मैं चाहती हूं कि मेरी कला देश के कोने-कोने में पहुंचे और यही वजह है कि अब मैं पेंटिंग सिखाती भी हूं. मैंने एक संस्था बना रखा है, जिसका नाम "उड़ान" है. "उड़ान" के तहत मैं बच्चों को पेंटिंग सिखाती हूं. जिन बच्चों के पास पैसे नहीं होते हैं, उन्हें अभी मैं मुफ्त में पेंटिंग सिखाती हूं. इसके अलावा कई तरह के क्राफ्ट अभी मैं बच्चों को बनाना सिखाती हूं."

मेरे इस सफर में काफी कठिनाइयों भी आई, लेकिन मेरे परिवार ने मेरा साथ कभी नहीं छोड़ा. जब संघर्ष भरे दिन चल रहे थे, उस समय पिताजी की मौत हो गई. उस समय मुझे सबसे ज्यादा झटका लगा, लेकिन फिर भी मेरे परिवार ने मुझे टूटने नहीं दिया. मेरा हौसला बनाए रखा और पिताजी के मौत के 3 साल बाद मेरा नाम की गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ.- हिमांशी चौहान, पेंटर

बता दें कि सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय क्राफ्ट मेले के प्रांगण में गुर्जर महोत्सव 2024 का तीन दिवसीय आयोजन किया गया है. इसमें 15 राज्यों के प्रतिनिधि ने हिस्सा लिया है. इस महोत्सव में हरियाणा का अलावा अलग-अलग राज्यों के गुर्जर समाज के लोग इकट्ठा होकर अपनी संस्कृति, अपनी विरासत को लोगों तक पहुंचा रहे हैं. इसी महोत्सव में यूपी की बेटी हिमांशी के पेंटिंग को लोग खासा पसंद कर रहे हैं.

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