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हरियाणा स्वास्थ्य विभाग: पेट दर्द आज, अल्ट्रासाउंड 20 दिन बाद

नारनौल के नागरिक अस्पताल ने सरकार के सारे दावों की पोल खोलकर रख दी है. इस अस्पताल में मरीज को पेट में दर्द से परेशान मरीज के अल्ट्रासाउंड के लिए 20 दिन बाद की तारीख दी.

नागरिक अस्पताल
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Published : Jul 5, 2019, 11:19 PM IST

महेंद्रगढ़: नारनौल में स्वास्थ्य विभाग के आमजन को बेहतर स्वास्थ्य लाभ देने के दावे झूठे साबित हो रहे हैं. ताजा मामला नारनौल के नागरिक अस्पताल से आया है. इस अस्पताल में मरीजों का अल्ट्रासाउंड बीमारी के एक महीने बाद किया जाता है.

हैरानी की बात यह है कि गर्भवती महिला हो या फिर किसी आमजन के पेट में दर्द, चिकित्सक मरीजों को अल्ट्रासाउंड करवाने की पर्ची लिख कर देते हैं. मरीज अल्ट्रासाउंड केंद्र पर पहुंचता है तो उसे 15 से 20 दिन की तारीख देकर वापस भेज दिया जाता है.

क्लिक कर देखें विडियो.

बिना अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देखे डॉक्टर मरीज का उपचार शुरू नहीं कर सकता है. मरीज भी बीमारी को 15 से 20 दिन तक पकड़कर नहीं बैठ सकता. ऐसे में अल्ट्रासाउंड के लिए मिली लंबी तारीख को देखकर मरीज हताश होकर निजी अस्पताल की ओर रुख कर जाता है.

वहीं जिला अस्पताल की मेडिकल सुपरिटेंडेंट आशा शर्मा ने सफाई देते हुए कहा कि नागरिक अस्पताल में केवल एक ही अल्ट्रासाउंड मशीन है और जिले के 6 ब्लॉक के लोग यहां अल्ट्रासाउंड कराने के लिए आते हैं.

महेंद्रगढ़: नारनौल में स्वास्थ्य विभाग के आमजन को बेहतर स्वास्थ्य लाभ देने के दावे झूठे साबित हो रहे हैं. ताजा मामला नारनौल के नागरिक अस्पताल से आया है. इस अस्पताल में मरीजों का अल्ट्रासाउंड बीमारी के एक महीने बाद किया जाता है.

हैरानी की बात यह है कि गर्भवती महिला हो या फिर किसी आमजन के पेट में दर्द, चिकित्सक मरीजों को अल्ट्रासाउंड करवाने की पर्ची लिख कर देते हैं. मरीज अल्ट्रासाउंड केंद्र पर पहुंचता है तो उसे 15 से 20 दिन की तारीख देकर वापस भेज दिया जाता है.

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बिना अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देखे डॉक्टर मरीज का उपचार शुरू नहीं कर सकता है. मरीज भी बीमारी को 15 से 20 दिन तक पकड़कर नहीं बैठ सकता. ऐसे में अल्ट्रासाउंड के लिए मिली लंबी तारीख को देखकर मरीज हताश होकर निजी अस्पताल की ओर रुख कर जाता है.

वहीं जिला अस्पताल की मेडिकल सुपरिटेंडेंट आशा शर्मा ने सफाई देते हुए कहा कि नागरिक अस्पताल में केवल एक ही अल्ट्रासाउंड मशीन है और जिले के 6 ब्लॉक के लोग यहां अल्ट्रासाउंड कराने के लिए आते हैं.

Intro:नारनौल। स्वास्थ्य विभाग आमजन को बेहतर स्वास्थ्य लाभ देने के लाख दावे करें। यह दावे नारनोल के नागरिक अस्पताल में आकर खत्म हो जाते हैं। अब देखिए ना, नागरिक अस्पताल में रोजाना एक हजार के करीब ओपीडी होती है। इसमें से अगर 10 फ़ीसदी मरीजों को चिकित्सक अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए लिख दे तो समझो उसकी बीमारी का उपचार एक माह बाद ही होगा। हैरानी की बात है कि गर्भवती महिला हो या फिर किसी आमजन के पेट में दर्द चिकित्सक मरीजों को अल्ट्रासाउंड करवाने की पर्ची लिख कर देते हैं। मरीज अल्ट्रासाउंड केंद्र पर पहुंचता है तो उसे 15 से 20 दिन की तारीख देकर वापस भेज दिया जाता है। अब चिकित्सक भी मजबूरी में बिना अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देखे मरीज का उपचार आरंभ नहीं कर सकता और मरीज भी बीमारी को 15 से 20 दिन तक पकड़कर नहीं बैठ सकता। ऐसे में अल्ट्रासाउंड के लिए मिली लंबी तारीख को देखकर मरीज हताश होकर निजी अस्पताल की ओर रुख कर जाता है।


Body: नागरिक अस्पताल में आए मोहल्ला राव का निवासी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि उसको पेट में दर्द होने के कारण वह अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कराने आया था। पर्ची कटवाने के बाद चिकित्सक को पेट में दर्द होने की बात कही। चिकित्सक ने अल्ट्रासाउंड करवाने की सलाह दी और जैसे ही वीरेंद्र अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए गया तो वहां पर उसकी पर्ची पर 20 जुलाई की तारीख लिख दी गई । पूछने पर उसे बताया गया कि इस तारीख पर ही अल्ट्रासाउंड होगा तब तक इंतजार करें। अब आप ही बताएं कि पेट में दर्द आज हो रहा है 20 जुलाई तक कैसे इंतजार किया जा सकता है?

गांव सलूनी निवासी अशोक ने बताया कि बेटे के पेट में दर्द है। वह गांव से उसे यहां नागरिक अस्पताल में लेकर आया। अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए पहुंचा और पर्ची भी दिखाई। उसकी पर्ची पर भी 20 जुलाई की तारीख लिख दी गई। वह 20 तारीख तक कैसे इंतजार कर सकता है। सरकार व प्रशासन दावे करते हैं कि नागरिक अस्पताल में हर उपचार मिलेगा। यहां यह हालत देखकर दावे हवा-हवाई लगते हैं इसी वजह से गरीब तबका मजबूरी में निजी अस्पताल में जाकर जेब कटवाने को मजबूर है। सरकार को चाहिए कि इस और ध्यान दें।


Conclusion: नागरिक अस्पताल की मेडिकल सुपरिटेंडेंट आशा शर्मा ने बताया कि नागरिक अस्पताल में केवल एक ही अल्ट्रासाउंड मशीन है और जिले के 6 ब्लॉक के लोग यहां अल्ट्रासाउंड कराने के लिए आते हैं। साथ ही अल्ट्रासाउंड करने वाला चिकित्सक भी एक ही है और वह भी 6 घंटों तक अपनी सेवाएं देते हैं।इसके बाद बहुत ही जरूरी होता है तो मैं खुद अल्ट्रासाउंड करती हूं। जिसके चलते अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए तारीख निर्धारित की है ताकि किसी भी मरीज को परेशान ना होना पड़े और ना ही अस्पताल के बार-बार चक्कर लगाने पड़े। मरीज को दी गई तारीख पर अल्ट्रासाउंड अवश्य किया जाता है ऐसा करने से अस्पताल में अल्ट्रासाउंड करवाने वालों की भीड़ भी कम रहती है और उनका सही तरीके से अल्ट्रासाउंड भी किया जाता है।
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