कुरुक्षेत्र: दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के आंदोलन का रविवार को 25वां दिन था. किसान केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. किसान संगठनों ने आंदोलन के दौरान अपनी जान गवां चुके किसानों को शहीदों का दर्जा दे दिया है. जिनको श्रद्धांजलि देने के लिए पूरे प्रदेश में किसानों ने श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की.
किसान संगठनों का दावा है कि अब तक 33 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है. इसी कड़ी में शाहाबाद तहसील में किसान नेता मान सिंह रतनगढ़ व साथियों ने शहीद किसानों को श्रद्धांजलि दी. किसान नेता मान सिंह ने नम आंखों से किसानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि जय जवान-जय किसान का नारा पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने दिया था.
एक तरफ देश की सुरक्षा करते हुए जवान बॉर्डर पर शहीद हो रहा है वहीं दूसरी ओर किसान अपने खेतों को बचाने व हकों के किए सड़कों पर शहीद हो रहे हैं. केंद्र सरकार ने किसान विरोधी कानून बनाकर किसान को अपने ही खेत से बाहर निकालने का काम किया है.
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उन्होंने कहा कि खेत किसान के लिए मात्र जमीन का टुकड़ा ही नहीं बल्कि उसके परिवार का सदस्य है जिसकी रक्षा और सुरक्षा के लिए किसान कुछ भी कर सकता है. उन्होंने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि जल्द से जल्द किसानों के इस प्रदर्शन को खत्म करवाने के लिए किसानों से बातचीत करें और उनकी मांगों को मानकर इन कानूनों को रद्द किया जाए.
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