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कुरुक्षेत्र: पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा बौद्ध स्तूप, खर्च होंगे 4 करोड़ 50 लाख

ब्रह्मसरोवर के तट पर स्थित प्राचीन बौद्ध स्तूप को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किए जाने की योजना है. एक महीने के अंदर बौद्ध स्तूप की मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा.

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पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा बौद्ध स्तूप
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Published : Jan 14, 2021, 12:18 PM IST

कुरुक्षेत्र: धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में कई तीर्थस्थल हैं, जिनकी मरम्मत का काम अबतक चल रहा है. इसी कड़ी में ब्रह्मसरोवर के तट पर स्थित प्राचीन बौद्ध स्तूप को लेकर अब सरकार ने संज्ञान लिया है और इस तूप को पुनर्जीवित करने के लिए और इसकी करने के लिए एक योजना तैयार की है.

इस योजना के तहत इस स्तूप को विकसित किया जाएगा और यहां पर शॉपिंग कंपलेक्स, पार्किंग और दूसरी अन्य सुविधाएं दी जाएंगी. ईटीवी भारत की टीम ने जब भी स्तूप का निरीक्षण किया तो पाया है कि ये काफी पुराना हो चुका है.

पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा बौद्ध स्तूप

सालों पुराना है बौद्ध स्तूप का इतिहास

यहां के लोगों से बातचीत के दौरान पता चला के इसका इतिहास काफी पुराना बताया जाता है. कहा जाता है कि बौद्ध भिक्षु यहां पर साधना करते थे और आज भी बौद्ध धर्म से जुड़े लोग इसको अपनी आस्था का केंद्र मानते हैं. यही वजह है कि आज भी कई बौद्ध भिक्षु यहां आकर ध्यान लगाते हैं.

ये भी पढ़िए: अंबाला सेंट्रल जेल में कैदी आत्महत्या मामले में जेल उपाधीक्षक पर गिरी गाज

1 महीने में शुरू होगा मरम्मत का काम

बौद्ध स्तूप की मरम्मत की योजना को शुरू करने के लिए 1 महीने का समय मांगा गया है. जिसपर करीब 4 करोड़ 50 लाख रुपये का खर्च आएगा.

कुरुक्षेत्र: धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में कई तीर्थस्थल हैं, जिनकी मरम्मत का काम अबतक चल रहा है. इसी कड़ी में ब्रह्मसरोवर के तट पर स्थित प्राचीन बौद्ध स्तूप को लेकर अब सरकार ने संज्ञान लिया है और इस तूप को पुनर्जीवित करने के लिए और इसकी करने के लिए एक योजना तैयार की है.

इस योजना के तहत इस स्तूप को विकसित किया जाएगा और यहां पर शॉपिंग कंपलेक्स, पार्किंग और दूसरी अन्य सुविधाएं दी जाएंगी. ईटीवी भारत की टीम ने जब भी स्तूप का निरीक्षण किया तो पाया है कि ये काफी पुराना हो चुका है.

पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा बौद्ध स्तूप

सालों पुराना है बौद्ध स्तूप का इतिहास

यहां के लोगों से बातचीत के दौरान पता चला के इसका इतिहास काफी पुराना बताया जाता है. कहा जाता है कि बौद्ध भिक्षु यहां पर साधना करते थे और आज भी बौद्ध धर्म से जुड़े लोग इसको अपनी आस्था का केंद्र मानते हैं. यही वजह है कि आज भी कई बौद्ध भिक्षु यहां आकर ध्यान लगाते हैं.

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1 महीने में शुरू होगा मरम्मत का काम

बौद्ध स्तूप की मरम्मत की योजना को शुरू करने के लिए 1 महीने का समय मांगा गया है. जिसपर करीब 4 करोड़ 50 लाख रुपये का खर्च आएगा.

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