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अंतिम दर्शन के लिए करनाल के गुरुद्वारे में रखा गया संत रामसिंह का पार्थिव शरीर

बाबा संत राम सिंह का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए गांव सिंगड़ा के गुरुद्वारे में रखा गया है. सुबह से ही हजारों की तादाद में लोग बाबा के अंतिम दर्शन करने के लिए गुरुद्वारे पहुंच रहे हैं.

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Published : Dec 17, 2020, 12:13 PM IST

saint ram singh body gurudwara karnal
अंतिम दर्शन के लिए गुरुद्वारे में रखा गया संत राम सिंह का पार्थिव शरीर

करनाल: किसान आंदोलन के समर्थन में बीते रोज सिंघु बॉर्डर पर संत बाबा राम सिंह ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. संत बाबा राम सिंह करनाल के गांव सिंगड़ा के गुरुद्वारे में रहने थे. आज उनका पार्थिव शरीर गांव के गुरुद्वारे में अंतिम दर्शन करने के लिए रखा गया है.

बाबा के अंतिम दर्शन के लिए हरियाणा ही नहीं पंजाब और अन्य राज्यों से भी संगत और उनके अनुयायी पहुंच रहे हैं. सुबह से ही हजारों की तादाद में लोग गुरुद्वारे पहुंच रहे हैं. आज पूरा दिन उनके अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर गुरुद्वारे में रखा जाएगा और कल उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

अंतिम दर्शन के लिए करनाल के गुरुद्वारे में रखा गया संत राम सिंह का पार्थिव शरीर

बता दें कि सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ बुधवार को करनाल के संत राम सिंह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. संत राम सिंह के पास से सुसाइड नोट भी मिला है.

ये भी पढ़िए: मैं किसानों के हक के लिए और सरकार के जुल्म के खिलाफ आत्महत्या करता हूं- लिखकर संत ने खुद को मारी गोली

संत ने सुसाइड नोट में क्या लिखा?

किसानों का दुख देखा, अपने हक के लिए सड़कों पर बैठे हैं. बहुत दिल दुखा है. सरकार न्याय नहीं दे रही, जुल्म है. जुल्म करना पाप है, जुल्म सहना भी पाप है. किसी ने किसानों के हक में और जुल्म के खिलाफ कुछ किया, कुछ नहीं किया. कइयों ने सम्मान वापस किये, पुरुस्कार वापस करके रोष जताया. मैं किसानों के हक के लिए और सरकार के जुल्म के खिलाफ आत्महत्या करता हूं. ये जुल्म के खिलाफ आवाज है. ये कीर्ति किसानों के हक में आवाज है. वाहे गुरू जी का खालसा. वाहे गुरू जी की फतेह.

22 दिन से किसानों का प्रदर्शन जारी

22 दिनों से किसान हरियाणा-दिल्ली सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं. बढ़ती ठंड की वजह से किसानों की मौत की संख्या भी बढ़ती जा रही है. अभीतक सिंघु बॉर्डर पर 6 किसानों की मौत हो चुकी है.

करनाल: किसान आंदोलन के समर्थन में बीते रोज सिंघु बॉर्डर पर संत बाबा राम सिंह ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. संत बाबा राम सिंह करनाल के गांव सिंगड़ा के गुरुद्वारे में रहने थे. आज उनका पार्थिव शरीर गांव के गुरुद्वारे में अंतिम दर्शन करने के लिए रखा गया है.

बाबा के अंतिम दर्शन के लिए हरियाणा ही नहीं पंजाब और अन्य राज्यों से भी संगत और उनके अनुयायी पहुंच रहे हैं. सुबह से ही हजारों की तादाद में लोग गुरुद्वारे पहुंच रहे हैं. आज पूरा दिन उनके अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर गुरुद्वारे में रखा जाएगा और कल उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

अंतिम दर्शन के लिए करनाल के गुरुद्वारे में रखा गया संत राम सिंह का पार्थिव शरीर

बता दें कि सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ बुधवार को करनाल के संत राम सिंह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. संत राम सिंह के पास से सुसाइड नोट भी मिला है.

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संत ने सुसाइड नोट में क्या लिखा?

किसानों का दुख देखा, अपने हक के लिए सड़कों पर बैठे हैं. बहुत दिल दुखा है. सरकार न्याय नहीं दे रही, जुल्म है. जुल्म करना पाप है, जुल्म सहना भी पाप है. किसी ने किसानों के हक में और जुल्म के खिलाफ कुछ किया, कुछ नहीं किया. कइयों ने सम्मान वापस किये, पुरुस्कार वापस करके रोष जताया. मैं किसानों के हक के लिए और सरकार के जुल्म के खिलाफ आत्महत्या करता हूं. ये जुल्म के खिलाफ आवाज है. ये कीर्ति किसानों के हक में आवाज है. वाहे गुरू जी का खालसा. वाहे गुरू जी की फतेह.

22 दिन से किसानों का प्रदर्शन जारी

22 दिनों से किसान हरियाणा-दिल्ली सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं. बढ़ती ठंड की वजह से किसानों की मौत की संख्या भी बढ़ती जा रही है. अभीतक सिंघु बॉर्डर पर 6 किसानों की मौत हो चुकी है.

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