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हरियाणा में कांग्रेस देगी सरप्राइज, भूपेंद्र हुड्डा के अलावा ये नेता मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे

Haryana Election Result 2024: कांग्रेस आलाकमान मुख्यमंत्री का सरप्राइज नाम दे सकता है. 19 साल पहले भी यही हुआ था. कई नेता दौड़ में हैं.

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 2 hours ago

Haryana Election Result 2024
हरियाणा में कांग्रेस देगी सरप्राइज (Photo- Bhupinder hooda FB Page)

चंडीगढ़: हरियाणा चुनाव के एग्जिट पोल में कांग्रेस को बहुमत मिलने के दावे के बीच मुख्यमंत्री पद के दावेदारों को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है. हरियाणा कांग्रेस के कई नेता सीएम पद की रेस में बताये जा रहे हैं. कई नेताओं ने मीडिया के सामने खुले तौर पर सीएम बनने की इच्छा की स्वीकार भी किया और कहा कि हर किसी का सपना होता है मुख्यमंत्री बनने का. चर्चा ये भी है कि कांग्रेस 19 साल पहले की तरह इस बार भी सरप्राइज दे सकती है.

मुख्यमंत्री पद की रेस में कौन-कौन

हरियाणा कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के लिए इस समय कई नामों पर कयासबाजी चल रही है. इनमें पहले नंबर पर पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, दूसरा नाम सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा, भूपेंद्र हुड्डा के बेटे और रोहतक सांसद दीपेंद्र हुड्डा और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला का नाम सामने आ रहा है. इनमें से दीपेंद्र हुड्डा को छोड़कर सभी नेताओं ने सार्वजनिक मंच पर सीएम बनने को लेकर दावे ठोंके हैं. वहीं हुड्डा गुट के विरोधी कहे जाने वाले रणदीप सुरजेवाला और कुमारी सैलजा ने भी अपनी दावेदारी जताई है.

19 साल पहले हुड्डा बने थे सरप्राइज मुख्यमंत्री

2005 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 67 सीटें जीती थी. उस समय के सबसे कद्दावर नेता भजनलाल भी आदमपुर से विधायक थे और मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार भी. भजनलाल हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष भी थे. लेकिन जब मुख्यमंत्री बनने की बारी आई तो अचानक आलाकमान ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम का ऐलान कर दिया. जब हुड्डा मुख्यमंत्री बने तब तक वो विधायक नहीं थे और रोहतक से लोकसभा सांसद थे. सीएम बनने के बाद वो किलोई से पहली बार विधायक बने. हलांकि सीएम पद के सबसे प्रबल दावेदारों में पहला नाम आज भी भूपेंद्र हुड्डा का ही है. लेकिन आलाकमान इस बार भी कोई सरप्राइज दे सकता है, इससे भी इनकार नहीं.

क्या हरियाणा को मिलेगा पहला दलित और महिला मुख्यमंत्री?

भूपेंद्र हुड्डा के अलावा मुख्यमंत्री पद को लेकर सबसे प्रबल दावेदारों में कुमारी सैलजा का नाम सामने आ रहा है. चर्चा है कि सीएम पद को लेकर कुमारी सैलजा दिल्ली में लॉबिंग भी शुरू कर दी है. कुमारी सैलजा के साथ सबसे अच्छी बात ये है कि सभी फैक्टर सटीक बैठ रहे हैं. जैसे- वो महिला हैं और दलित भी. अगर वो हरियाणा की मुख्यमंत्री बनती हैं तो पहली महिला और दलित सीएम होंगी. हरियाणा में जाट और दलित वोटर बराबर संख्या में है. लेकिन आज तक कोई महिला और दलित मुख्यमंत्री नहीं बना. हलांकि सैलजा के साथ एक कमजोर कड़ी ये है कि वो विधानसभा चुनाव नहीं लड़ पाईं. लेकिन इससे पहले भूपेंद्र हुड्डा जब 2005 में सीएम बने थे तब वो भी विधानसभा सदस्य नहीं बल्कि लोकसभा सांसद थे. इसलिए ये बात भी सैलजा के पक्ष में जाती है.

छुपा रुस्तम साबित हो सकते हैं उदयभान

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर केवल दलित सीएम की बात सामने आती है तो उसके लिए हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदयभान भी शामिल हो सकते हैं. उदयभान कांग्रेस के सीनियर नेताओं में शामिल हैं. और सबसे खास बात ये कि वो भूपेंद्र हुड्डा गुट के नेता माने जाते हैं. इसलिए हरियाणा की राजनीति को समझने वाले बताते हैं कि अगर कुमारी सैलजा का नाम सीएम पद के लिए भारी पड़ता है कि हुड्डा खेमा उदयभान का नाम आगे बढ़ा सकता है. कुछ लोग उदयभान को छुपा रुस्तम मान रहे हैं. उनका चर्चा में भले ना हो लेकिन वो दावेदारों में शामिल हैं.

रणदीप सुरेजवाले के दिन में भी सीएम पद

रणदीप सुरजेवाला कई मौकों पर कह चुके हैं कि हां मैं भी सीएम का दावेदार हूं. सीएम का सपना देखना कोई बुरी बात नहीं है. भूपेंद्र हुड्डा, कुमारी सैलजा या रणदीप सुरजेवाला, कोई भी मुख्यमंत्री बन सकता है. रणदीप सुरजेवाला को भी भूपेंद्र हुड्डा के विरोधी गुट का नेता माना जाता है. विधानसभा चुनाव के प्रचार में भी वो सीमित सीटों पर ही प्रचार करते नजर आये हैं. वहीं कुमारी सैलजा भी काफी समय तक घर से नहीं निकलीं.

क्या दीपेंद्र हुड्डा की होगी एंट्री?

हरियाणा में पिछले कई साल से ये चर्चा है कि भूपेंद्र हुड्डा अब अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा को राजनीतिक विरासत सौंपने की तैयारी कर रहे हैं. इसीलिए दीपेंद्र हुड्डा को भविष्य के मुख्यमंत्री के तौर पर पेश किया जा रहा है. बीच में ऐसी भी खबरें आईं थी कि भूपेंद्र हुड्डा ने आलाकमान से कहा था कि ये उनका आखिरी चुनाव है. हलांकि बाद में उन्होंने इस बात से इनकार करते हुए कहा कि उसका संदर्भ कुछ अलग था. लेकिन ये बाद साफ है कि 77 साल के भूपेंद्र हुड्डा अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा के लिए आगे की राह बनाने में लगे हैं. इसलिए अगर दलित सीएम बनाने की बात आई तो हुड्डा सैलजा की जगह उदयभान को पसंद करेंगे ताकि आगे के लिए दीपेंद्र हुड्डा की राह आसान हो जाए. हलांकि एक बात सभी नेता कहते रहे हैं कि मुख्यमंत्री का फैसला आलाकमान करेगा. देखना होगा कि चुनाव नतीजे किसके पक्षे में आते हैं और आलाकमान क्या फैसला करता है.

ये भी पढ़ें- भूपेंद्र सिंह हुड्डा का यह आखिरी चुनाव! क्यों हो रही है ऐसी चर्चा, क्या कहते हैं हुड्डा

ये भी पढ़ें- हरियाणा में सीएम फेस पर सुरजेवाला का बड़ा बयान, बोले- हां, मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं

ये भी पढ़ें- हरियाणा चुनाव: मुख्यमंत्री पद पर कांग्रेस दोहरायेगी 2005 का इतिहास, लोकसभा सांसद बनेगा सीएम!

चंडीगढ़: हरियाणा चुनाव के एग्जिट पोल में कांग्रेस को बहुमत मिलने के दावे के बीच मुख्यमंत्री पद के दावेदारों को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है. हरियाणा कांग्रेस के कई नेता सीएम पद की रेस में बताये जा रहे हैं. कई नेताओं ने मीडिया के सामने खुले तौर पर सीएम बनने की इच्छा की स्वीकार भी किया और कहा कि हर किसी का सपना होता है मुख्यमंत्री बनने का. चर्चा ये भी है कि कांग्रेस 19 साल पहले की तरह इस बार भी सरप्राइज दे सकती है.

मुख्यमंत्री पद की रेस में कौन-कौन

हरियाणा कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के लिए इस समय कई नामों पर कयासबाजी चल रही है. इनमें पहले नंबर पर पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, दूसरा नाम सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा, भूपेंद्र हुड्डा के बेटे और रोहतक सांसद दीपेंद्र हुड्डा और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला का नाम सामने आ रहा है. इनमें से दीपेंद्र हुड्डा को छोड़कर सभी नेताओं ने सार्वजनिक मंच पर सीएम बनने को लेकर दावे ठोंके हैं. वहीं हुड्डा गुट के विरोधी कहे जाने वाले रणदीप सुरजेवाला और कुमारी सैलजा ने भी अपनी दावेदारी जताई है.

19 साल पहले हुड्डा बने थे सरप्राइज मुख्यमंत्री

2005 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 67 सीटें जीती थी. उस समय के सबसे कद्दावर नेता भजनलाल भी आदमपुर से विधायक थे और मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार भी. भजनलाल हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष भी थे. लेकिन जब मुख्यमंत्री बनने की बारी आई तो अचानक आलाकमान ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम का ऐलान कर दिया. जब हुड्डा मुख्यमंत्री बने तब तक वो विधायक नहीं थे और रोहतक से लोकसभा सांसद थे. सीएम बनने के बाद वो किलोई से पहली बार विधायक बने. हलांकि सीएम पद के सबसे प्रबल दावेदारों में पहला नाम आज भी भूपेंद्र हुड्डा का ही है. लेकिन आलाकमान इस बार भी कोई सरप्राइज दे सकता है, इससे भी इनकार नहीं.

क्या हरियाणा को मिलेगा पहला दलित और महिला मुख्यमंत्री?

भूपेंद्र हुड्डा के अलावा मुख्यमंत्री पद को लेकर सबसे प्रबल दावेदारों में कुमारी सैलजा का नाम सामने आ रहा है. चर्चा है कि सीएम पद को लेकर कुमारी सैलजा दिल्ली में लॉबिंग भी शुरू कर दी है. कुमारी सैलजा के साथ सबसे अच्छी बात ये है कि सभी फैक्टर सटीक बैठ रहे हैं. जैसे- वो महिला हैं और दलित भी. अगर वो हरियाणा की मुख्यमंत्री बनती हैं तो पहली महिला और दलित सीएम होंगी. हरियाणा में जाट और दलित वोटर बराबर संख्या में है. लेकिन आज तक कोई महिला और दलित मुख्यमंत्री नहीं बना. हलांकि सैलजा के साथ एक कमजोर कड़ी ये है कि वो विधानसभा चुनाव नहीं लड़ पाईं. लेकिन इससे पहले भूपेंद्र हुड्डा जब 2005 में सीएम बने थे तब वो भी विधानसभा सदस्य नहीं बल्कि लोकसभा सांसद थे. इसलिए ये बात भी सैलजा के पक्ष में जाती है.

छुपा रुस्तम साबित हो सकते हैं उदयभान

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर केवल दलित सीएम की बात सामने आती है तो उसके लिए हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदयभान भी शामिल हो सकते हैं. उदयभान कांग्रेस के सीनियर नेताओं में शामिल हैं. और सबसे खास बात ये कि वो भूपेंद्र हुड्डा गुट के नेता माने जाते हैं. इसलिए हरियाणा की राजनीति को समझने वाले बताते हैं कि अगर कुमारी सैलजा का नाम सीएम पद के लिए भारी पड़ता है कि हुड्डा खेमा उदयभान का नाम आगे बढ़ा सकता है. कुछ लोग उदयभान को छुपा रुस्तम मान रहे हैं. उनका चर्चा में भले ना हो लेकिन वो दावेदारों में शामिल हैं.

रणदीप सुरेजवाले के दिन में भी सीएम पद

रणदीप सुरजेवाला कई मौकों पर कह चुके हैं कि हां मैं भी सीएम का दावेदार हूं. सीएम का सपना देखना कोई बुरी बात नहीं है. भूपेंद्र हुड्डा, कुमारी सैलजा या रणदीप सुरजेवाला, कोई भी मुख्यमंत्री बन सकता है. रणदीप सुरजेवाला को भी भूपेंद्र हुड्डा के विरोधी गुट का नेता माना जाता है. विधानसभा चुनाव के प्रचार में भी वो सीमित सीटों पर ही प्रचार करते नजर आये हैं. वहीं कुमारी सैलजा भी काफी समय तक घर से नहीं निकलीं.

क्या दीपेंद्र हुड्डा की होगी एंट्री?

हरियाणा में पिछले कई साल से ये चर्चा है कि भूपेंद्र हुड्डा अब अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा को राजनीतिक विरासत सौंपने की तैयारी कर रहे हैं. इसीलिए दीपेंद्र हुड्डा को भविष्य के मुख्यमंत्री के तौर पर पेश किया जा रहा है. बीच में ऐसी भी खबरें आईं थी कि भूपेंद्र हुड्डा ने आलाकमान से कहा था कि ये उनका आखिरी चुनाव है. हलांकि बाद में उन्होंने इस बात से इनकार करते हुए कहा कि उसका संदर्भ कुछ अलग था. लेकिन ये बाद साफ है कि 77 साल के भूपेंद्र हुड्डा अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा के लिए आगे की राह बनाने में लगे हैं. इसलिए अगर दलित सीएम बनाने की बात आई तो हुड्डा सैलजा की जगह उदयभान को पसंद करेंगे ताकि आगे के लिए दीपेंद्र हुड्डा की राह आसान हो जाए. हलांकि एक बात सभी नेता कहते रहे हैं कि मुख्यमंत्री का फैसला आलाकमान करेगा. देखना होगा कि चुनाव नतीजे किसके पक्षे में आते हैं और आलाकमान क्या फैसला करता है.

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