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करनाल से प्रवासी मजदूरों को पहुंचाया गया उनके गंतव्य - करनाल से प्रवासी मजदूरों भेजा जा रहा घर

लॉकडाउन के दौरान प्रदेश सरकार ने प्रवासी मजदूरों को राहत देने का काम किया है. करनाल में प्रशासन की सहायता से प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है. करनाल में प्रवासी मजदूरों के चेहरे पर घर जाने की खुशी देखने को मिली.

Relief news for migrant laborers from Karnal
करनाल के शेलटर होम से घर जाते हुए प्रवासी मजदूर
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Published : Apr 27, 2020, 1:30 PM IST

करनाल: प्रदेश सरकार द्वारा लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को राहत देने का काम किया जा रहा है. प्रवासी मजदूरों को प्रशासन की सहायता से उनके गंतव्य तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है. पिछले एक महिने से ज्यादा समय से प्रवासी मजदूरों शेल्टर होम में रह रहे थे.

वो लगातार अपने गांव अपने घर जाने की फरियाद कर रहे थे. लेकिन कोरोना के कहर को देखते हुए सरकार और प्रशासन ने जाने की इजाजत नही दी थी. वहीं करनाल के शेल्टर होम से प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है. करनाल के राधा-स्वामी सत्संग भवन में रह रहे प्रवासी मजदूरों को जिला प्रशासन की सहायता से उनके गंतव्य के लिए रवाना किया गया. प्रवासी मजदूरों के चहरे पर घर वापिस जाने और अपनों से मिलने का उत्साह साफ दिखाई दिया. घर जाने के उत्साह में प्रवासी मजदूर सुबह 4 बजे उठकर तैयारियों में लग गए थे. और अपना सामान बांधने के बाद बसों में बैठने के लिए उत्सुक दिखाई दिए.

Migrant laborers keeping their belongings on the bus
अपने सामान को बस में रखते हुए प्रवासी मजदूर
घर के लिए रवाना होने से पहले प्रवासी मजदूरों ने सत्संग भवन के अनुयायियों को उनकी सेवा के लिए धन्यवाद किया. वहीं दूसरी ओर सत्संग भवन के सेवादार ने अतिथि देवो भव: की संस्कृति का निर्वाह किया. इस मौके पर प्रवासी मजदूरों का कहना था कि हम लॉकडाउन के दौरान व्यतीत किए ये दिन कभी भूला नही पायेगें. सेवा करने की जो सीख हमें इन दिनों में यहां से मिली है. इससे प्रेरणा लेकर शायद हम भी किसी के काम आएगे. इसी सोच के साथ यहां से जा रहे है.
Administration sent migrant laborers home
करनाल से प्रवासी मजदूरों को रवाना करते हुए प्रशासन

वहीं उन्होंने कहा कि वीडियों फिल्मों के माध्यम से हमें सामाजिक बुराईयों के प्रति भी जागरूक होने की शिक्षा मिली है. पान, बीडी, गुटका और शराब आदि का त्याग हमने कर दिया है. प्रवासी मजदूरों का कहना था कि हमें यहां से नया जीवन जीने की प्रेरणा मिली है. इसके लिए हम और हमारा परिवार सदा राधा-स्वामी सत्संग ब्यास के ऋणी रहेगें. इस अवसर पर मौजूद अनुयायियों ने जिला प्रशासन के अधिकारियों और प्रवासी मजदूरों को धन्यवाद किया और कहा कि आप सबकी वजह से ही हमें सेवा का अवसर मिला है.

Migrant laborers go home from shelter home
करनाल शेल्टर होम से घर जाने के लिए रवाना होते हुए प्रवासी मजदूर
उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बतया कि 803 प्रवासी मजदूरों के ठहरने की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की गई थी. जिसमें से 260 प्रवासी मजदूरों को एक दिन पहले वापिस भेजा जा चुका है. रविवार को 495 प्रवासी मजदूरों को 17 बसों की व्यवस्था करते हुए घर भेजा गया. ये 17 बसें करनाल से बुलंदशहर , मथूरा, सहारनपुर, बागपत और शामली रूटों पर आने वाले विभिन्न जिलों के प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने का काम करेगीं.

उन्होंनेबताया कि शेष 48 प्रवासी मजदूरों को भी सरकार से मंजूरी मिलने के बाद उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रवासी मजदूरों को बसों में वापिस भेजने में सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा गया है. रोडवेज कर्मचारियों को भी सुरक्षा के लिए मास्क और सेनीटाईजर उपलब्ध करवाए गए हैं.

करनाल: प्रदेश सरकार द्वारा लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को राहत देने का काम किया जा रहा है. प्रवासी मजदूरों को प्रशासन की सहायता से उनके गंतव्य तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है. पिछले एक महिने से ज्यादा समय से प्रवासी मजदूरों शेल्टर होम में रह रहे थे.

वो लगातार अपने गांव अपने घर जाने की फरियाद कर रहे थे. लेकिन कोरोना के कहर को देखते हुए सरकार और प्रशासन ने जाने की इजाजत नही दी थी. वहीं करनाल के शेल्टर होम से प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है. करनाल के राधा-स्वामी सत्संग भवन में रह रहे प्रवासी मजदूरों को जिला प्रशासन की सहायता से उनके गंतव्य के लिए रवाना किया गया. प्रवासी मजदूरों के चहरे पर घर वापिस जाने और अपनों से मिलने का उत्साह साफ दिखाई दिया. घर जाने के उत्साह में प्रवासी मजदूर सुबह 4 बजे उठकर तैयारियों में लग गए थे. और अपना सामान बांधने के बाद बसों में बैठने के लिए उत्सुक दिखाई दिए.

Migrant laborers keeping their belongings on the bus
अपने सामान को बस में रखते हुए प्रवासी मजदूर
घर के लिए रवाना होने से पहले प्रवासी मजदूरों ने सत्संग भवन के अनुयायियों को उनकी सेवा के लिए धन्यवाद किया. वहीं दूसरी ओर सत्संग भवन के सेवादार ने अतिथि देवो भव: की संस्कृति का निर्वाह किया. इस मौके पर प्रवासी मजदूरों का कहना था कि हम लॉकडाउन के दौरान व्यतीत किए ये दिन कभी भूला नही पायेगें. सेवा करने की जो सीख हमें इन दिनों में यहां से मिली है. इससे प्रेरणा लेकर शायद हम भी किसी के काम आएगे. इसी सोच के साथ यहां से जा रहे है.
Administration sent migrant laborers home
करनाल से प्रवासी मजदूरों को रवाना करते हुए प्रशासन

वहीं उन्होंने कहा कि वीडियों फिल्मों के माध्यम से हमें सामाजिक बुराईयों के प्रति भी जागरूक होने की शिक्षा मिली है. पान, बीडी, गुटका और शराब आदि का त्याग हमने कर दिया है. प्रवासी मजदूरों का कहना था कि हमें यहां से नया जीवन जीने की प्रेरणा मिली है. इसके लिए हम और हमारा परिवार सदा राधा-स्वामी सत्संग ब्यास के ऋणी रहेगें. इस अवसर पर मौजूद अनुयायियों ने जिला प्रशासन के अधिकारियों और प्रवासी मजदूरों को धन्यवाद किया और कहा कि आप सबकी वजह से ही हमें सेवा का अवसर मिला है.

Migrant laborers go home from shelter home
करनाल शेल्टर होम से घर जाने के लिए रवाना होते हुए प्रवासी मजदूर
उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बतया कि 803 प्रवासी मजदूरों के ठहरने की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की गई थी. जिसमें से 260 प्रवासी मजदूरों को एक दिन पहले वापिस भेजा जा चुका है. रविवार को 495 प्रवासी मजदूरों को 17 बसों की व्यवस्था करते हुए घर भेजा गया. ये 17 बसें करनाल से बुलंदशहर , मथूरा, सहारनपुर, बागपत और शामली रूटों पर आने वाले विभिन्न जिलों के प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने का काम करेगीं.

उन्होंनेबताया कि शेष 48 प्रवासी मजदूरों को भी सरकार से मंजूरी मिलने के बाद उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रवासी मजदूरों को बसों में वापिस भेजने में सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा गया है. रोडवेज कर्मचारियों को भी सुरक्षा के लिए मास्क और सेनीटाईजर उपलब्ध करवाए गए हैं.

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