करनाल: प्रदेश सरकार द्वारा लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को राहत देने का काम किया जा रहा है. प्रवासी मजदूरों को प्रशासन की सहायता से उनके गंतव्य तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है. पिछले एक महिने से ज्यादा समय से प्रवासी मजदूरों शेल्टर होम में रह रहे थे.
वो लगातार अपने गांव अपने घर जाने की फरियाद कर रहे थे. लेकिन कोरोना के कहर को देखते हुए सरकार और प्रशासन ने जाने की इजाजत नही दी थी. वहीं करनाल के शेल्टर होम से प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है. करनाल के राधा-स्वामी सत्संग भवन में रह रहे प्रवासी मजदूरों को जिला प्रशासन की सहायता से उनके गंतव्य के लिए रवाना किया गया. प्रवासी मजदूरों के चहरे पर घर वापिस जाने और अपनों से मिलने का उत्साह साफ दिखाई दिया. घर जाने के उत्साह में प्रवासी मजदूर सुबह 4 बजे उठकर तैयारियों में लग गए थे. और अपना सामान बांधने के बाद बसों में बैठने के लिए उत्सुक दिखाई दिए.
वहीं उन्होंने कहा कि वीडियों फिल्मों के माध्यम से हमें सामाजिक बुराईयों के प्रति भी जागरूक होने की शिक्षा मिली है. पान, बीडी, गुटका और शराब आदि का त्याग हमने कर दिया है. प्रवासी मजदूरों का कहना था कि हमें यहां से नया जीवन जीने की प्रेरणा मिली है. इसके लिए हम और हमारा परिवार सदा राधा-स्वामी सत्संग ब्यास के ऋणी रहेगें. इस अवसर पर मौजूद अनुयायियों ने जिला प्रशासन के अधिकारियों और प्रवासी मजदूरों को धन्यवाद किया और कहा कि आप सबकी वजह से ही हमें सेवा का अवसर मिला है.
उन्होंनेबताया कि शेष 48 प्रवासी मजदूरों को भी सरकार से मंजूरी मिलने के बाद उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रवासी मजदूरों को बसों में वापिस भेजने में सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा गया है. रोडवेज कर्मचारियों को भी सुरक्षा के लिए मास्क और सेनीटाईजर उपलब्ध करवाए गए हैं.