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षटतिला एकादशी 2025: इस दिन जरूर करें तिल का दान, होगी हर मनोकामना पूरी, गलती से भी न करें ये काम - SHATTILA EKADASHI 2025

षटतिला एकादशी के दिन तिल का दान करने से हर मनोकामना पूरी होती है. आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.

Shattila Ekadashi 2025
षटतिला एकादशी 2025 (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 19, 2025, 6:51 AM IST

करनाल: सनातन धर्म में एकादशी व्रत काफी महत्वपूर्ण माना गया है. एक साल में 24 एकादशी पड़ती है.हर माह दो एकादशी होती है. इस समय हिंदू वर्ष का माघ महीना चल रहा है. माघ महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस एकादशी को सबसे अधिक शुभ माना गया है. इस दिन विधिवत भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है.साथ ही व्रत भी रखा जाता है.

जानिए क्या होता है षटतिला का अर्थ: षटतिला एकादशी को पाप हरनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस एकादशी का व्रत करने से इंसान को सभी तरह के पापों से छुटकारा मिलता है. इस दिन तिल का दान करना बेहद शुभ माना गया है. षटतिला का अर्थ होता है छह तिल. यानी कि इस दिन 6 प्रकार से तिलों का दान करने से कई प्रकार के लाभ मिलते हैं.

कब है षटतिला एकादशी: पंडित पवन शर्मा ने बताया, "हिंदू कैलेंडर के मुताबिक माघ महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को षटतिला एकादशी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस बार षटतिला एकादशी का आरंभ 24 जनवरी शाम 7:25 से हो रहा है, जबकि इसका समापन 25 जनवरी को रात 8:31 बजे होगा. उदया तिथि के अनुसार षटतिला एकादशी का व्रत 25 जनवरी के दिन रखा जाएगा. एकादशी का पारण व्रत से अगले दिन होता है. षटतिला एकादशी के व्रत का पारण 26 जनवरी को सुबह 7:21 से 9:34 तक किया जाएगा."

षटतिला एकादशी का महत्व: षटतिला एकादशी के बारे में पंडित ने पवन शर्मा ने कहा, "ये एकादशी सभी एकादशी में से ज्यादा लाभकारी होती है. इस दिन विधिवत भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है. ऐसा माना जाता है कि जो भी इंसान इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करता है. उसकी सभी मनोकामना पूरी होती है. इस दिन व्रत रखने से घर में सुख समृद्धि आती है. सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है. एकादशी के दिन जो लोग व्रत करते हैं, उनके व्रत का इतना महत्व होता है, जितना 1000 साल की तपस्या के बराबर का पुण्य प्राप्त हो, उसके बराबर का फल इस व्रत का माना गया है."

तिल का दान करना होता है शुभ: इस दिन तिल का दान बहुत ही लाभकारी माना जाता है. पूजा से लेकर मिठाई या दान करने में तिल का प्रयोग करने से घर में सुख समृद्धि आती है. षटतिला एकादशी पर पानी में तिल डालकर उसे पानी से स्नान करने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी दूर होती है. इस दिन खाने में तिल का प्रयोग करें. पूजा में तिल का प्रयोग करें. तिल का पानी पीना इस दिन बहुत ही अच्छा माना जाता है. तिल का दान करें. तिल से बनी हुई मिठाइयां बनाएं और उनका सेवन करें. इसके साथ-साथ उसका दान भी करें. घर में सुख-समृद्धि आती है. आर्थिक संकट दूर होता है. ऐसा माना जाता है कि जितने तिल दान करते हैं, उतने ही पापों से मुक्ति मिलती है. साथ ही घर में सुख समृद्धि आती है.

व्रत के दिन क्या करें:

  • एकादशी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें.
  • उसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करें.
  • इसके साथ ही व्रत रखने का प्रण लें.
  • भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के आगे दीपक जलाएं.
  • इसके बाद प्रसाद का भोग लगाए.
  • भगवान विष्णु को पीले रंग के फल, फूल, वस्त्र मिठाई अर्पित करें.
  • उसके बाद भगवान विष्णु को गंगाजल में तिल डालकर भगवान विष्णु की मूर्ति को स्नान कराएं.
  • दिन में विष्णु पुराण और एकादशी की कथा पढ़े.
  • शाम के समय भगवान विष्णु माता लक्ष्मी की आरती करके उनको प्रसाद का भोग लगाएं.
  • इस दिन जरूरतमंदों को दान करें. हो सके तो तिल से बनी हुई चीजों का दान करें.
  • अगले दिन पारण के समय अपने व्रत का पारण कर लें.

व्रत के दिन क्या न करें:

  • एकादशी के दिन किसी भी प्रकार के मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.
  • इस दिन लहसुन प्याज नहीं खाना चाहिए. इससे घर में आर्थिक समस्या होती है.
  • एकादशी के दिन चावल खाना सही नहीं माना जाता.
  • एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना भी अशुभ माना जाता है.
  • एकादशी के दिन महिलाओं को अपने सर के बाल नहीं धोने चाहिए.
  • ना ही किसी को बाल काटने चाहिए.
  • व्रत रखने वाले जातक को एकादशी के दिन दोपहर के समय सोना नहीं चाहिए, इससे आर्थिक तंगी आती है.

नोट: खबर में प्रकाशित बातें पंडित जी द्वारा कही गई बातें हैं. ईटीवी भारत इसकी पुष्टि नहीं करता.

ये भी पढ़ें: वैकुंठ एकादशी आज, बस कर लें ये काम, संतान के साथ मिलेगी अपार धन और सफलता

करनाल: सनातन धर्म में एकादशी व्रत काफी महत्वपूर्ण माना गया है. एक साल में 24 एकादशी पड़ती है.हर माह दो एकादशी होती है. इस समय हिंदू वर्ष का माघ महीना चल रहा है. माघ महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस एकादशी को सबसे अधिक शुभ माना गया है. इस दिन विधिवत भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है.साथ ही व्रत भी रखा जाता है.

जानिए क्या होता है षटतिला का अर्थ: षटतिला एकादशी को पाप हरनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस एकादशी का व्रत करने से इंसान को सभी तरह के पापों से छुटकारा मिलता है. इस दिन तिल का दान करना बेहद शुभ माना गया है. षटतिला का अर्थ होता है छह तिल. यानी कि इस दिन 6 प्रकार से तिलों का दान करने से कई प्रकार के लाभ मिलते हैं.

कब है षटतिला एकादशी: पंडित पवन शर्मा ने बताया, "हिंदू कैलेंडर के मुताबिक माघ महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को षटतिला एकादशी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस बार षटतिला एकादशी का आरंभ 24 जनवरी शाम 7:25 से हो रहा है, जबकि इसका समापन 25 जनवरी को रात 8:31 बजे होगा. उदया तिथि के अनुसार षटतिला एकादशी का व्रत 25 जनवरी के दिन रखा जाएगा. एकादशी का पारण व्रत से अगले दिन होता है. षटतिला एकादशी के व्रत का पारण 26 जनवरी को सुबह 7:21 से 9:34 तक किया जाएगा."

षटतिला एकादशी का महत्व: षटतिला एकादशी के बारे में पंडित ने पवन शर्मा ने कहा, "ये एकादशी सभी एकादशी में से ज्यादा लाभकारी होती है. इस दिन विधिवत भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है. ऐसा माना जाता है कि जो भी इंसान इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करता है. उसकी सभी मनोकामना पूरी होती है. इस दिन व्रत रखने से घर में सुख समृद्धि आती है. सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है. एकादशी के दिन जो लोग व्रत करते हैं, उनके व्रत का इतना महत्व होता है, जितना 1000 साल की तपस्या के बराबर का पुण्य प्राप्त हो, उसके बराबर का फल इस व्रत का माना गया है."

तिल का दान करना होता है शुभ: इस दिन तिल का दान बहुत ही लाभकारी माना जाता है. पूजा से लेकर मिठाई या दान करने में तिल का प्रयोग करने से घर में सुख समृद्धि आती है. षटतिला एकादशी पर पानी में तिल डालकर उसे पानी से स्नान करने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी दूर होती है. इस दिन खाने में तिल का प्रयोग करें. पूजा में तिल का प्रयोग करें. तिल का पानी पीना इस दिन बहुत ही अच्छा माना जाता है. तिल का दान करें. तिल से बनी हुई मिठाइयां बनाएं और उनका सेवन करें. इसके साथ-साथ उसका दान भी करें. घर में सुख-समृद्धि आती है. आर्थिक संकट दूर होता है. ऐसा माना जाता है कि जितने तिल दान करते हैं, उतने ही पापों से मुक्ति मिलती है. साथ ही घर में सुख समृद्धि आती है.

व्रत के दिन क्या करें:

  • एकादशी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें.
  • उसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करें.
  • इसके साथ ही व्रत रखने का प्रण लें.
  • भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के आगे दीपक जलाएं.
  • इसके बाद प्रसाद का भोग लगाए.
  • भगवान विष्णु को पीले रंग के फल, फूल, वस्त्र मिठाई अर्पित करें.
  • उसके बाद भगवान विष्णु को गंगाजल में तिल डालकर भगवान विष्णु की मूर्ति को स्नान कराएं.
  • दिन में विष्णु पुराण और एकादशी की कथा पढ़े.
  • शाम के समय भगवान विष्णु माता लक्ष्मी की आरती करके उनको प्रसाद का भोग लगाएं.
  • इस दिन जरूरतमंदों को दान करें. हो सके तो तिल से बनी हुई चीजों का दान करें.
  • अगले दिन पारण के समय अपने व्रत का पारण कर लें.

व्रत के दिन क्या न करें:

  • एकादशी के दिन किसी भी प्रकार के मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.
  • इस दिन लहसुन प्याज नहीं खाना चाहिए. इससे घर में आर्थिक समस्या होती है.
  • एकादशी के दिन चावल खाना सही नहीं माना जाता.
  • एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना भी अशुभ माना जाता है.
  • एकादशी के दिन महिलाओं को अपने सर के बाल नहीं धोने चाहिए.
  • ना ही किसी को बाल काटने चाहिए.
  • व्रत रखने वाले जातक को एकादशी के दिन दोपहर के समय सोना नहीं चाहिए, इससे आर्थिक तंगी आती है.

नोट: खबर में प्रकाशित बातें पंडित जी द्वारा कही गई बातें हैं. ईटीवी भारत इसकी पुष्टि नहीं करता.

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