करनाल: कृषि कानून के बाद मंडी में किसानों की फसल नहीं बिकने पर सरकार को भी लगातार किसानों के गुस्से का शिकार होना पड़ रहा था. जिसको लेकर किसान व आढ़ती दो दिनों से धरने प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन गुरुवार को करनाल जिला प्रशासन व आढ़तियों के बीच जिला सचिवालय में एक अहम बैठक हुई. जिसके बाद जिला प्रशासन व आढ़तियों के बीच सहमति बन गई. जिसके बाद मंडियों में धान की खरीद सुचारू रूप से शुरू हो गई है.
दरअसल सरकार के आदेश के बाद करनाल की अनाज मंडियों में धान की खरीद नहीं शुरू होने से किसान काफी नाराज चल रहे थे. किसान मंडी में अपनी फसल को लेकर लगातार पहुंच रहे थे, लेकिन किसानों की फसल को खरीदने के लिए कोई भी नहीं पहुंच रहा था. ऐसे में किसानों को खुले आसमान के नीचे पड़ी उनकी फसल खराब होने का डर सता रहा था. जिसको लेकर वे लगातार सरकार पर हमला कर रहे थे.
वहीं जिला प्रशासन के साथ हुई बैठक में पहुंचे आढ़तियों ने बताया कि उनकी पहली मांग अब आढ़ती 25 क्विंटल की बजाए 33 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से किसान की फसल को खरीद सकेंगे, दूसरी मांग धान में नमी 17 प्रतिशत से कम की खरीद नहीं होगी और तीसरी मंडी से 24 घण्टे में लिफ्टिंग कर दी जाएगी. इन मांगों को जिला प्रशासन द्वारा मान लिया गया है.
जिला उपायुक्त निशान्त यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले की सभी मंडियों में आज से धान खरीद सुचारू रूप से जारी रहेगी. जो गतिरोध था वो टूट गया है. आढ़तियों को अब कोई दिक्कत नहीं आएगी. वहीं राईस सेलर्स से भी बात चल रही है.
बता दें कि, भले ही जिला प्रशासन व आढ़तियों के बीच सहमति बन गई और मंडियों में धान की खरीद शुरू हो गई है, लेकिन राइस मिलर्स और सरकार के बीच में अभी भी तनातनी बनी हुई है. फिलहाल अब देखना ये होगा जिला प्रशासन के इस फैसले से किसान कितना संतुष्ट हो पायेगा.
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