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विदेशों में भी हो रही हरियाणा की मुर्रा भैंसों की डिमांड, जानें क्या है इनकी खासियत

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Published : Aug 9, 2021, 2:31 PM IST

हरियाणा की मुर्रा नस्ल की भैंस (Murrah Buffalo Haryana) की डिमांड अब विदेशों में भी हो रही है. जानें क्या है इस नस्ल की खासियत और क्यों इसे दूसरे राज्यों और विदेशों में पसंद किया जा रहा है.

Murrah Buffalo Haryana
Murrah Buffalo Haryana

करनाल: हरियाणा की मुर्रा भैंस (Murrah Buffalo Haryana) की डिमांड अब विदेशों में भी हो रही है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है इस भैंस की खासियत. इस भैंस की सबसे बड़ी खासियत दूध देने की क्षमता है. ये भैंस एक दिन में 20 से 25 लीटर तक दूध दे देती है. इसके दूध में 7 प्रतिशत फैट पाया जाता है. जिसकी वजह से इस भैंस की डिमांड दूसरे राज्यों में ही नहीं बल्कि विदेशों (Murrah buffalo demand abroad) में भी हो रही है.

इस भैंसों की खास बात ये भी है कि ये किसी भी प्रकार की जलवायु में जीवित रहने में सक्षम होती हैं. हालांकि कई रिपोर्ट में कहा गया है कि ये भैंस ज्यादा शोर में रहना पसंद नहीं करती. ये शांति में रहना पसंद करती हैं. हरियाणा में मुर्रा भैंस को 'काला सोना' कहा जाता है. क्योंकि दूध में वसा उत्पादन के लिए मुर्रा सबसे अच्छी नस्ल है. मुर्रा नस्ल के सींग जलेबी के आकार के होते हैं. इसे इटली, बुल्गारिया, मिश्र आदि देशों में पाला जा रहा है.

विदेशों में भी हो रही हरियाणा की मुर्रा भैंसों की डिमांड, जानें क्या है इनकी खासियत

मुर्रा भैंस की गर्भा अवधि 310 दिन की होती है. इस नस्ल की भैंस को अपने कद काठी के साथ-साथ दूध देने की मात्रा के लिए जाना जाता है. करनाल पशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉक्टर धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि मुर्रा हरियाणा की मुख्य भैंस की नस्ल है. जो विदेशों में भी पाली जा रही है.

मुर्रा नस्ल को बढ़ावा देने के लिए पशुपालन विभाग और सरकार ने डेयरी पर कुछ योजनाएं भी लागू की हैं, ताकि बेरोजगार युवक डेयरी खोलकर मुनाफा कमा सकते हैं. इसमें 4 से 10 भैंस की डेयरी पर 25% अनुदान दिया जाता है. इसी तरह 20 से 50 मुर्रा नस्ल की भैंस पर 5 साल तक 75% ब्याज पशुपालन विभाग या सरकार के द्वारा भुगतान किया जाता है, ताकि इसको बढ़ावा दिया जा सके.

Murrah Buffalo Haryana
मुर्रा नस्ल की भैंस के सींग जलेबी की आकार के होते हैं.

ये भी पढ़ें- हरियाणा की ऐसी गाय जो एक दिन में देती है 65 लीटर दूध, जीत चुकी है कई प्रतियोगिताएं

अकेले करनाल जिले में 2 लाख के करीब मुर्रा नस्ल की भैंस हैं. सरकार ने इस नस्ल को बढ़ावा देने के लिए उच्च किस्म के सीमन भी उपलब्ध कराए हुए हैं. जिससे और अच्छी गुणवत्ता के पशु तैयार हो सके. अधिकारी के मुताबिक भारत सरकार और पशु विभाग मिलकर किसानों को उत्तम नस्ल की भैंस पालने के लिए सीमन उपलब्ध करवा रहे हैं. ताकि मुर्रा नस्ल की भैंस से किसान अच्छा कारोबार कर सके.

करनाल: हरियाणा की मुर्रा भैंस (Murrah Buffalo Haryana) की डिमांड अब विदेशों में भी हो रही है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है इस भैंस की खासियत. इस भैंस की सबसे बड़ी खासियत दूध देने की क्षमता है. ये भैंस एक दिन में 20 से 25 लीटर तक दूध दे देती है. इसके दूध में 7 प्रतिशत फैट पाया जाता है. जिसकी वजह से इस भैंस की डिमांड दूसरे राज्यों में ही नहीं बल्कि विदेशों (Murrah buffalo demand abroad) में भी हो रही है.

इस भैंसों की खास बात ये भी है कि ये किसी भी प्रकार की जलवायु में जीवित रहने में सक्षम होती हैं. हालांकि कई रिपोर्ट में कहा गया है कि ये भैंस ज्यादा शोर में रहना पसंद नहीं करती. ये शांति में रहना पसंद करती हैं. हरियाणा में मुर्रा भैंस को 'काला सोना' कहा जाता है. क्योंकि दूध में वसा उत्पादन के लिए मुर्रा सबसे अच्छी नस्ल है. मुर्रा नस्ल के सींग जलेबी के आकार के होते हैं. इसे इटली, बुल्गारिया, मिश्र आदि देशों में पाला जा रहा है.

विदेशों में भी हो रही हरियाणा की मुर्रा भैंसों की डिमांड, जानें क्या है इनकी खासियत

मुर्रा भैंस की गर्भा अवधि 310 दिन की होती है. इस नस्ल की भैंस को अपने कद काठी के साथ-साथ दूध देने की मात्रा के लिए जाना जाता है. करनाल पशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉक्टर धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि मुर्रा हरियाणा की मुख्य भैंस की नस्ल है. जो विदेशों में भी पाली जा रही है.

मुर्रा नस्ल को बढ़ावा देने के लिए पशुपालन विभाग और सरकार ने डेयरी पर कुछ योजनाएं भी लागू की हैं, ताकि बेरोजगार युवक डेयरी खोलकर मुनाफा कमा सकते हैं. इसमें 4 से 10 भैंस की डेयरी पर 25% अनुदान दिया जाता है. इसी तरह 20 से 50 मुर्रा नस्ल की भैंस पर 5 साल तक 75% ब्याज पशुपालन विभाग या सरकार के द्वारा भुगतान किया जाता है, ताकि इसको बढ़ावा दिया जा सके.

Murrah Buffalo Haryana
मुर्रा नस्ल की भैंस के सींग जलेबी की आकार के होते हैं.

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अकेले करनाल जिले में 2 लाख के करीब मुर्रा नस्ल की भैंस हैं. सरकार ने इस नस्ल को बढ़ावा देने के लिए उच्च किस्म के सीमन भी उपलब्ध कराए हुए हैं. जिससे और अच्छी गुणवत्ता के पशु तैयार हो सके. अधिकारी के मुताबिक भारत सरकार और पशु विभाग मिलकर किसानों को उत्तम नस्ल की भैंस पालने के लिए सीमन उपलब्ध करवा रहे हैं. ताकि मुर्रा नस्ल की भैंस से किसान अच्छा कारोबार कर सके.

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