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करनाल खाद्य आपूर्ति विभाग की अंधेरगर्दी! 1 साल में आए ढाई लाख राशन कार्ड, बांटे गए केवल 50 हजार, 2 लाख फांक रहे धूल - करनाल राशन कार्ड

करनाल खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते आज भी लोग राशन कार्ड के इंतजार में बैठे हैं. जिसके चलते आमजन और गरीब तबके के लोगों को काफी परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है. उसके बावजूद आला अधिकारी मानो आंख मूंदे बैठे हैं और प्रशासन का भी इस ओर कोई ध्यान नहीं है.

सरकारी दफ्तरों में पड़े हैं पिछली साल के राशन कार्ड
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Published : Aug 16, 2019, 3:07 PM IST

Updated : Aug 16, 2019, 7:09 PM IST

करनालः सीएम सिटी करनाल के खाद्य एवं आपूर्ती विभाग की पेटियों में लोगों के राशन कार्ड पड़े-पड़े धूल फांक रहे हैं. पिछली साल जनवरी में बने राशन कार्ड आज भी लोगों तक नहीं पहुंच पाए हैं. करनाल- मेरठ रोड स्तिथ खाद्य आपूर्ति विभाग की पेटियों में करीब 2 लाख राशन कार्ड पड़े हुए हैं लेकिन आला अधिकारियों की लापरवाही के चलते आज भी लोग सरकारी सुविधाओं से वंचित है.

करनाल में खाद्य-आपूर्ती विभाग की बड़ी लापरवाही!

ढाई लाख में से बांटे गए केवल 50 हजार राशन कार्ड
पिछले साल जनवरी में करीब ढाई लाख राशन कार्ड दिल्ली से छपकर करनाल के खाद्य आपूर्ति विभाग के दफ्तर में लाए गए थे. ढाई लाख राशन कार्डों में से अधिकारियों ने करीब पचास हजार राशन कार्ड बांट दिए लेकिन 50 हजार राशन कार्ड बांटने के बाद विभाग के अधिकारी सुस्त पड़ गए. शायद यही कारण है कि सालों से करनाल के लोग राशन कार्ड की आस लगाए बैठे हैं. आज एक साल से ज्यादा का समय हो गया है लेकिन उसके बावजूद अभी तक ये राशन कार्ड लोगों तक नहीं पहुंच पाए हैं. करीब 2 लाख से ज्यादा राशन कार्डों पर जाले लग गए हैं.

क्या कहना है आला अधिकारियों का?
सरकारी कार्यालयों में पड़े इन राशन कार्डों के बारे में जब खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों से पूछा गया तो वो आनाकानी करते नजर आए. जिला खाद्य एवं आपूर्ती विभाग अधिकारी कुशल बूरा ने कहा कि दिल्ली से ये राशन कार्ड सेंटर वाइज जमकर नहीं आए थे. जिसके चलते इन्हें बांटने में समय लग गया. उन्होंने कहा कि एक महीने के अंदर ही इन राशन कार्डों को बंटवा दिया जाएगा. हमारे सवालों और जनता की समस्या से पल्ला झाड़ते हुए भले ही अधिकारियों ने कह दिया कि एक महीने में सारे राशन कार्ड बांट दिए जाएंगे लेकिन ये तो खुद अधिकारी भी अच्छे से जानते हैं कि जब 1 साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी ये राशन कार्ड नहीं बांटे गए तो एक महीने में क्या बांटे जाएंगे.

कहां जाए आम जनता?
वहीं अपने राशन कार्ड की आस में बैठे आमजनों का कहना है उन्हें फॉर्म भरे हुए भी काफी वक्त हो गया. यही नहीं सरकारी कार्यालयों से लेकर प्राइवेट दुकानों में भी जाकर उन्होंने फॉर्म भरे हैं लेकिन आज तक उन्हें राशन कार्ड मुहैया नहीं करवाया गया. लोगों का कहना है कि आला अधिकारी उन्हें एक महीने की बात कहकर सालों से चक्कर कटवा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अधिकारी बस झूठा आश्वासन ही देते हैं. इन लोगों का कहना है कि बिना राशन कार्ड के अनाज नहीं मिलता और सरकारी सुविधा का लाभ नहीं मिलता. ऐसे में आमजनता जाएं तो जाएं कहां.

करनालः सीएम सिटी करनाल के खाद्य एवं आपूर्ती विभाग की पेटियों में लोगों के राशन कार्ड पड़े-पड़े धूल फांक रहे हैं. पिछली साल जनवरी में बने राशन कार्ड आज भी लोगों तक नहीं पहुंच पाए हैं. करनाल- मेरठ रोड स्तिथ खाद्य आपूर्ति विभाग की पेटियों में करीब 2 लाख राशन कार्ड पड़े हुए हैं लेकिन आला अधिकारियों की लापरवाही के चलते आज भी लोग सरकारी सुविधाओं से वंचित है.

करनाल में खाद्य-आपूर्ती विभाग की बड़ी लापरवाही!

ढाई लाख में से बांटे गए केवल 50 हजार राशन कार्ड
पिछले साल जनवरी में करीब ढाई लाख राशन कार्ड दिल्ली से छपकर करनाल के खाद्य आपूर्ति विभाग के दफ्तर में लाए गए थे. ढाई लाख राशन कार्डों में से अधिकारियों ने करीब पचास हजार राशन कार्ड बांट दिए लेकिन 50 हजार राशन कार्ड बांटने के बाद विभाग के अधिकारी सुस्त पड़ गए. शायद यही कारण है कि सालों से करनाल के लोग राशन कार्ड की आस लगाए बैठे हैं. आज एक साल से ज्यादा का समय हो गया है लेकिन उसके बावजूद अभी तक ये राशन कार्ड लोगों तक नहीं पहुंच पाए हैं. करीब 2 लाख से ज्यादा राशन कार्डों पर जाले लग गए हैं.

क्या कहना है आला अधिकारियों का?
सरकारी कार्यालयों में पड़े इन राशन कार्डों के बारे में जब खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों से पूछा गया तो वो आनाकानी करते नजर आए. जिला खाद्य एवं आपूर्ती विभाग अधिकारी कुशल बूरा ने कहा कि दिल्ली से ये राशन कार्ड सेंटर वाइज जमकर नहीं आए थे. जिसके चलते इन्हें बांटने में समय लग गया. उन्होंने कहा कि एक महीने के अंदर ही इन राशन कार्डों को बंटवा दिया जाएगा. हमारे सवालों और जनता की समस्या से पल्ला झाड़ते हुए भले ही अधिकारियों ने कह दिया कि एक महीने में सारे राशन कार्ड बांट दिए जाएंगे लेकिन ये तो खुद अधिकारी भी अच्छे से जानते हैं कि जब 1 साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी ये राशन कार्ड नहीं बांटे गए तो एक महीने में क्या बांटे जाएंगे.

कहां जाए आम जनता?
वहीं अपने राशन कार्ड की आस में बैठे आमजनों का कहना है उन्हें फॉर्म भरे हुए भी काफी वक्त हो गया. यही नहीं सरकारी कार्यालयों से लेकर प्राइवेट दुकानों में भी जाकर उन्होंने फॉर्म भरे हैं लेकिन आज तक उन्हें राशन कार्ड मुहैया नहीं करवाया गया. लोगों का कहना है कि आला अधिकारी उन्हें एक महीने की बात कहकर सालों से चक्कर कटवा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अधिकारी बस झूठा आश्वासन ही देते हैं. इन लोगों का कहना है कि बिना राशन कार्ड के अनाज नहीं मिलता और सरकारी सुविधा का लाभ नहीं मिलता. ऐसे में आमजनता जाएं तो जाएं कहां.

Intro: खाद्य आपूर्ति विभाग राशन कार्ड की बड़ी लापरवाही के चलते सी एम् के जिले के लाखो लोगो को करना पड रहा कई परेशानियों का सामना , विभाग द्वारा राशन कार्ड तो नहीं पहुँचाया जा रहा है लोगो तक, आस में लोग बैठे कर रहे है इंतजार लेकिन उनके बने राशन कार्ड पर जमी घुल , लोग परेशान पर खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी आँखे मुद्दे हुए।


Body:करनाल मेरठ रोड स्तिथ खाद्य आपूर्ति विभाग में पेटियों में राशन कार्ड पड़े हुए है जिनके इंतजार में लोग बैठे है ना जाने की कब उनके राशन कार्ड उन्हें मिले और उस राशन कार्ड की मदद से उन्हें सरकारी सुविधा उपलब्ध हो सके , लेकिन जनाब आप थोडा इन्तजार कीजिए क्यूंकि खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी आराम फरमा रहे है। कभी किसी दुसरे काम तो कभी अपनी समस्या का रोना रोकर राशन कार्ड नहीं बंटवा पा रहे है। पेटियों में पड़े ये डेड लाख से ज्यादा राशन कार्ड उन लोगो तक पहुँचने थे जिन्होंने राशन कार्ड बनवाने के फार्म भरे थे तो कुछ वो राशन कार्ड है जिनमे पुराने के बदले नये राशन कार्ड मिलने थे ,लेकिन करनाल के लोग बस इतंजार करते रहना है क्यूंकि विभाग के अधिकारी व्यस्त लग रहे है। अपने राशन कार्ड की आस में बैठी करनाल की जनता को तो यह भी नही मालुम होगा उनके बने हुए राशन कार्डो पर धुल मिटटी चुकी है और वह खाद्य आपूर्ति विभाग के कमरों में बंद है। पुराने सर्वे के अनुसार जिले में 4 लाख 47 हजार राशन कार्ड होल्डर है जिनके 5 अलग अलग वर्ग में राशन कार्ड बने हुए है और 2018 में पांच अलग अलग वर्ग में दिल्ली से राशन कार्ड बनकर आए जो अभी तक लोगो तक नही पहुंचे जिनकी आस लोग लगाए बैठे है।
Conclusion:वीओ- जनवरी 2018 में 2. 87 लाख राशन कार्ड दिल्ली की किसी कम्पनी से छपकर खाद्य आपूर्ति विभाग के दफ्तर में आए। अधिकारियो द्वारा करीब पचास हजार राशन कार्ड बांट दिए गए। 50 हजार राशन कार्ड बाटने के बाद विभाग के अधिकारी सुस्त हो गए और जनाब आराम फरमाने लगे बिना ये सोचे की आखिर बाकी के राशन कार्डो का क्या होगा जिसका इंतजार लोग कर रह होंगे। आज पुरे एक साल से ज्यादा का समय हो गया 2 लाख से ज्यादा राशन कार्डो पर मिट्टी- धुल पड़ी है और अधिकारीयो का कहना सभी राशन कार्ड जिले के एक साथ आए इसलिए इन्हें अलग अलग करने के लिए समय लग रहा और हमारे कर्मचारीयो को दुसरे काम भी करने होते है जिस वजह से यह सब हुआ है। 1 महीने में यह काम पूरा हो जायेगा और सभी राशन कार्ड बट जायेगे अधिकारी साहब ने तो एक महिना बोल दिया और बहाना बना दिया लेकिन एक महीने में यह राशन कार्ड बट जायेगे ये महोदय जी को भी अच्छे से पता होगा क्यूंकि जब 1 साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद यह राशन कार्ड नही बटे तो एक महीने में क्या बटेगे।

वीओ- दिहाड़ी मजदूरी करके अपने घर में दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करते है राशन कार्ड ना मिलने से अपना दर्द ब्यान करती इन महिलाओ को अब आस भी नही है इनके राशन कार्ड इन्हें मिलेगे क्यूंकि कई बार राशन कार्ड के फ़ार्म भरे गए अधिकारियो के आगे गुजारिश की लेकिन राशन कार्ड तो कहा मिला।अधिकारी बस आश्वासन ही देते रहे। इन लोगो का कहना है की बीना राशन कार्ड के अनाज नही मिलता और सरकारी सुविधा का लाभ नही मिलता। रेजिडेंट प्रूफ नही मिलता। इतने परेशान है की कुछ समझ नही आता। अधिकारियो के दफ्तर जाए या फिर मजदूरी दिहाड़ी करे। इन्हें नही मालुम जनवरी-18 में बन कर राशन कार्ड खाद्य आपूर्ति विभाग के कमरों में मिटटी धुल का शिकार हो रहे है और अधिकारी जल्दी ही बाटने की बात कह रहे रहे है लेकिन राशन कार्ड लोगो को मिलेगे कब इसका कुछ कहा नही जा सकता।

बाइट- तीन परेशान महिलाओ की बाइट- मोनिका, सीमा और रिम्प्या

बाइट- कुशल बूरा- जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी करनाल
Last Updated : Aug 16, 2019, 7:09 PM IST
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