करनाल: हरियाणा की मंडियों में धान पहुंचनी लगी है. मंडियों का कैसा माहौल है ?. इसको देखने ई-टीवी भारत की टीम भी पहुंच गई कुरूक्षेत्र की मंडी में. यहां पहुंचे किसानों और मंडी एजेंट्स से बातचीत की. इसमें निकल कर आया कि मंडी में व्यवस्थाएं तो ठीक हैं. पर मांग, जल्दी सरकारी खरीद शुरू करने की है. इस बार धान का सरकारी रेट (एमएसपी) करीब 2500 रखा गया है.
मंडी में धान पहुंचना शुरू कुरूक्षेत्र मंडी का हाल: मंडी में जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो सभी जगह धान फैला हुआ था.कुछ ढेरों पर इसे सुखाया जा रहा था तो कहीं नपाई का काम चल रहा था. यहां मिले एजेंट ने बताया,' अभी 1509 किस्म की धान पहुंच रही है.1509 धान की खरीदी प्राइवेट एजेंसी कर रही हैं.मोटी धान भी अनाज मंडी में पहुंचना शुरू हो गई है.इसकी खरीदी सरकारी एजेंसियां करती हैं लेकिन अभी तक नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है.'बहरहाल किसानों को उम्मीद है कि सरकारी खरीदी का काम शुरू होता है तो धान का रेट ठहर जाएगा.एजेंट्स ने बताया कि अभी 1509 किस्म वाली धान का रेट 3000 से लेकर 3500 रूपए प्रति क्विंटल चल रहा है.
कैसी है मंडी की व्यवस्था ?: अभी अनाज मंडी में धान की आवक कम है. इसके अनुसार व्यवस्थाएं ठीक है. कुरुक्षेत्र अनाज मंडी के कमीशन एजेंट रणबीर चौधरी ने बताया,'सरकार को मोटी धान के लिए खरीदी शुरू करना चाहिए. इससे अनाज मंडी में व्यवस्था बनी रहेंगी. धान की सरकारी खरीद एक अक्टूबर से होने का अनुमान है. अनाज मंडी में धान की ज्यादा आवक होने से व्यवस्था बिगड़ सकती है.' कमीशन एजेंट रणवीर चौधरी ने कहा कि अगर एकदम से किसान बहुत अधिक मात्रा में धान लाते हैं तो संभालना मुश्किल हो जाता है. हम लोगों का पिछला अनुभव यही कहता है. 15 जून से धान की रोपाई शुरू हो जाती है.तीन महीने बाद धान कटाई होती है.ऐसे नए बीज भी चल रहे हैं, जो हाइब्रिड होते हैं. तीन महीने में ही पक कर तैयार हो जाते हैं.इस हिसाब से 15 सितंबर से धान की सरकारी खरीद शुरू होनी चाहिए.
मंडी प्रशासन ने क्या कहा ? कुरुक्षेत्र अनाज मंडी के सेक्रेटरी हरजिंदर सिंह ने बताया कि धान खरीद के सीजन को लेकर अनाज मंडी में सफाई अभियान चलाया गया है. किसानों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था की गई है.मंडी गेट पास काटने के लिए भी टीम लगाई गई है. ताकि सही तरीके से मंडी गेट पास काटा जा सके.पिछले साल कुरुक्षेत्र मंडी में करीब 25 लाख क्विंटल धान की खरीद की गई थी. लेकिन अबकी बार करीब 20 लाख क्विंटल धान का अनुमान लगाया जा रहा है क्योंकि बरसात और बाढ़ की वजह से काफी फसल खराब हो चुकी है.