करनाल: शनिवार को घरौंडा टोल प्लाजा पर किसानों के ऊपर हुए लाठीचार्ज (Lathi Charge On Farmers) का मामला तूल पकड़ चुका है. लाठीचार्ज के बाद से किसान भड़के हुए हैं. लाठीचार्ज के विरोध में किसान प्रदेश में जगह-जगह रोड जाम कर प्रदर्शन कर रहे हैं. राजा महाराजा टोल प्लाजा करनाल पर भी किसानों ने डेरा डाल दिया है. किसानों का कहना है कि जब तक हिरासत में लिए गए उनके किसान भाइयों को नहीं छोड़ा जाता तब तक वो यहां से नहीं हटेंगे.
टोल प्लाजा पर पहुंचे किसान नेता गुरनाम चढूनी (Gurnam Singh Charuni) ने भी हरियाणा सरकार पर जमकर निशाना (Haryana government) साधा. गुरनाम चढूनी ने कहा कि उस अधिकारी पर एफआईआर दर्ज कर बर्खास्त किया जाना चाहिए, जिसने किसानों का सिर फोड़ने का आदेश दिया. चढूनी ने कहा कि सरकार तानाशाही कर रही है और आमजन को परेशान कर रही है. करनाल के बीजेपी के कार्यक्रम में पूरे करनाल की किलाबंदी कर दी गई. ये सरकार के डर को दिखाता है.
उन्होंने कहा कि पानी अब सिर से ऊपर निकल गया है. इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) के नेता बैठक करके आगे का निर्णय लेंगे और अब किसी बड़े कदम से सरकार को जवाब देने का समय आ गया है.
चढूनी के अलावा कांग्रेस से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भी लाठीचार्ज का आदेश देने वाले एसडीएम को निलंबित किए जाने की मांग की है. साथ ही ट्वीट कर लिखा कि किसान आने वाले चुनाव में किसान से लहू की एक-एक बूंद का बदला लेंगे.
बता दें कि निकाय चुनाव को लेकर शनिवार को करनाल में बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी (Karnal BJP meeting) की एक अहम बैठक हो रही थी. जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित, प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ समेत कई नेता शामिल हुए. बैठक में प्रदेश की 90 विधानसभाओं के बीजेपी प्रत्याशी और मौजूदा विधायक भी मौजूद रहे. बता दें कि किसानों ने पहले ही बीजेपी के इस कार्यक्रम का विरोध करने की चेतावनी दी थी. जिसके बाद किसानों ने बसताड़ा टोल प्लाजा पर विरोध किया. जिसके बाद पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया.