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ऑस्ट्रेलिया से करनाल पहुंचा 27 वर्षीय गुलशन का शव, 10 दिन पहले सड़क हादसे में हुई थी मौत

Karnal News: करनाल के युवक गुलशन का शव 10 दिन बाद ऑस्ट्रेलिया से उनके पैतृक गांव पहुंचा. जहां परिजनों ने मृतक का अंतिम संस्कार किया. 27 वर्षीय गुलशन की ऑस्ट्रेलिया में सड़क हादसे में मौत हो गई थी.

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ऑस्ट्रेलिया से करनाल पहुंचा 27 वर्षीय गुलशन का शव
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 10, 2023, 9:38 PM IST

करनाल: हरियाणा के जिला करनाल में चोर कारसा गांव के गुलशन का शव ऑस्ट्रेलिया से रविवार को उनके पैतृक गांव पहुंचा. जहां परिजनों ने मृतक का अंतिम संस्कार किया. बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में 10 दिन पहले गुलशन की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. करनाल समेत दूसरे जिलों से भी मृतक को श्रद्धांजलि देने भारी संख्या में लोग पहुंचे थे.

10 दिन पहले हुई थी युवक की मौत: आपको बता दे की ऑस्ट्रेलिया में 27 वर्षीय गुलशन 10 दिन पहले शाम के समय अपने काम से घर लौट रहा था. इसी बीच सड़क हादसे में उसकी मौत हो गई. हादसे के बाद घटना की सूचना परिवार वालों को दी गई थी और परिवार तब से ही सरकार से गुहार लगा रहा था कि उनके बेटे के अंतिम दर्शन करने के लिए शव को अपने देश की मिट्टी भारत मिलने के लिए सहयोग करें.

विदेश से बेटे का शव लाने के नहीं थे पैसे: वहीं, परिवार को अपने मृतक बेटे का शव भारत लाने के लिए काफी पैसों की आवश्यकता थी और परिवार की आर्थिक हालत ज्यादा अच्छी न होने के चलते समाज के लोगों द्वारा गुलशन के शव को भारत लाने के लिए पैसे इकट्ठे किए गए थे. जिसकी बदौलत आज गुलशन का शव उसके पैतृक गांव में पहुंचा. जहां पर परिजनों द्वारा नम आंखों से अंतिम संस्कार किया गया.

माता-पिता की ख्वाहिश रही अधूरी: मृतक युवक के पिता जयपाल ने कहा उसका बेटा आज से 9 वर्ष पहले पढ़ाई करने के लिए ऑस्ट्रेलिया गया था. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वह वहां पर परमानेंट रेजिडेंस भी हो गया था. जिसके चलते वह कंपनी में काम कर रहा था. अब उसको दिसंबर के अंत में भारत आना था. जिसके बाद उसकी शादी भी करानी थी. लेकिन भारत आने से पहले ही उनका बेटा सड़क हादसे में भगवान को प्यारा हो जाएगा.

9 साल में एक बार भी घर नहीं आया था बेटा: उन्होंने बताया कि 9 वर्ष में एक बार भी वह भारत नहीं आया है. उन्होंने कहा कि सरकार से मदद जरूर मांगी गई थी कि उनके बेटे के शव को भारत लाने में उनकी सहायता करें. लेकिन सरकार की तरफ से उनका किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं किया गया. जिसके चलते वह अपील करते हैं कि जितने भी हमारे देश के लोग विदेश में रहते हैं. वहां पर दुर्घटना में अगर मौत का शिकार हो जाते हैं, तो भारत सरकार ऐसे लोगों के लिए कोई प्रावधान लेकर आए.

ये भी पढ़ें: Road Accident In Sonipat: हरियाणा में उत्तर प्रदेश के 5 मजदूरों की मौत, 15 गंभीर रूप से घायल, पिकअप को ट्रक ने पीछे से मारी टक्कर

ये भी पढ़ें: Road Accident In Haryana: KMP एक्‍सप्रेस-वे पर भीषण सड़क हादसे में गुजरात के 4 लोगों की मौत, 1 की हालत गंभीर

करनाल: हरियाणा के जिला करनाल में चोर कारसा गांव के गुलशन का शव ऑस्ट्रेलिया से रविवार को उनके पैतृक गांव पहुंचा. जहां परिजनों ने मृतक का अंतिम संस्कार किया. बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में 10 दिन पहले गुलशन की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. करनाल समेत दूसरे जिलों से भी मृतक को श्रद्धांजलि देने भारी संख्या में लोग पहुंचे थे.

10 दिन पहले हुई थी युवक की मौत: आपको बता दे की ऑस्ट्रेलिया में 27 वर्षीय गुलशन 10 दिन पहले शाम के समय अपने काम से घर लौट रहा था. इसी बीच सड़क हादसे में उसकी मौत हो गई. हादसे के बाद घटना की सूचना परिवार वालों को दी गई थी और परिवार तब से ही सरकार से गुहार लगा रहा था कि उनके बेटे के अंतिम दर्शन करने के लिए शव को अपने देश की मिट्टी भारत मिलने के लिए सहयोग करें.

विदेश से बेटे का शव लाने के नहीं थे पैसे: वहीं, परिवार को अपने मृतक बेटे का शव भारत लाने के लिए काफी पैसों की आवश्यकता थी और परिवार की आर्थिक हालत ज्यादा अच्छी न होने के चलते समाज के लोगों द्वारा गुलशन के शव को भारत लाने के लिए पैसे इकट्ठे किए गए थे. जिसकी बदौलत आज गुलशन का शव उसके पैतृक गांव में पहुंचा. जहां पर परिजनों द्वारा नम आंखों से अंतिम संस्कार किया गया.

माता-पिता की ख्वाहिश रही अधूरी: मृतक युवक के पिता जयपाल ने कहा उसका बेटा आज से 9 वर्ष पहले पढ़ाई करने के लिए ऑस्ट्रेलिया गया था. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वह वहां पर परमानेंट रेजिडेंस भी हो गया था. जिसके चलते वह कंपनी में काम कर रहा था. अब उसको दिसंबर के अंत में भारत आना था. जिसके बाद उसकी शादी भी करानी थी. लेकिन भारत आने से पहले ही उनका बेटा सड़क हादसे में भगवान को प्यारा हो जाएगा.

9 साल में एक बार भी घर नहीं आया था बेटा: उन्होंने बताया कि 9 वर्ष में एक बार भी वह भारत नहीं आया है. उन्होंने कहा कि सरकार से मदद जरूर मांगी गई थी कि उनके बेटे के शव को भारत लाने में उनकी सहायता करें. लेकिन सरकार की तरफ से उनका किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं किया गया. जिसके चलते वह अपील करते हैं कि जितने भी हमारे देश के लोग विदेश में रहते हैं. वहां पर दुर्घटना में अगर मौत का शिकार हो जाते हैं, तो भारत सरकार ऐसे लोगों के लिए कोई प्रावधान लेकर आए.

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