करनाल: हरियाणा में बुधवार को फल- सब्जियों के दाम (Fruits and Vegetables Price in Haryana) जारी हो गए हैं. आलू, टमाटर, प्याज समेत हरी सब्जियों की कीमत में रोजाना उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. प्रदेश में सब्जियों की महंगाई से थोड़ा-बहुत राहत जरूर मिली है. लेकिन मांग अधिक होने के कारण दाम अभी उतने नहीं घटे हैं जितने होने चाहिए.
खैर, सब्जियों के दामों में थोड़ी- बहुत राहत से भी आम आदमी का बिगड़ा रसोई का बजट फिलहाल काबू में है. वहीं दूसरी ओर फलों के दाम में कोई खास उतार-चढ़ाव नहीं है, लेकिन उम्मीद है आने वाले वक्त में फलों के दाम भी कुछ कम हो सकते (vegetable price in haryana) हैं. इन दिनों मंडियों में फल सब्जियों की आवक में सुधार हो रहा है. लोकल सब्जियों के मंडी पहुंचने से और बाकी राज्यों से आवक पूर्ति होने से आम आदमी को हल्की राहत जरूर मिली है.हरियाणा की मंडियों में गोभी, टमाटर जैसी सब्जियां जो पहले 60 से 70 रुपये प्रति किलो बिक रही थी वो अब 10 रुपये से 40 रुपये प्रति किलो बिक रही (vegetable price in haryana) हैं. कुछ वक्त पहले लोगों की थालियों से गायब होने वाला टमाटर अब 30 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. ऐसे ही गोभी और शिमला मिर्च भी 40 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है. जानें बुधवार को क्या रहे हरियाणा में सब्जियों के दाम
सब्जी | दाम प्रतिकिलोग्राम |
मटर | 40 रुपये |
गाजर | 15 रुपये |
आलू | 10 रुपये |
प्याज | 35 रुपये |
खीरा | 40 रुपये |
पालक | 10 रुपये |
धनिया | 10 रुपये |
मेथी | 20 रुपये |
नीबू | 40 रुपये |
शिमला मिर्च | 70 रुपये |
मूली | 05 रुपये |
अदरक | 40 रुपये |
फ्रांस बीन | 80 रुपये |
बथुआ | 20 रुपये |
मशूरम | 80 रुपये |
हरी मिर्च | 100 रुपये |
कोरोना के इस दौर फलों की मांग भी ठीक-ठाक बनी हुई है. सर्दियों के इस मौसम में अमरूद काफी पसंद किया जा रहा है जो कि स्वाभाविक है. क्योंकि सीजनल फल जो ठहरा. इसके साथ ही केला, सेब, संतरा समेत तमाम फलों की बिक्री काफी हो रही है. हरियाणा में फलों की कीमत (Fruits Price in Haryana) भी रोजाना बदल रही है. ताजा जारी कीमतों के मुताबिक हरियाणा में केला 40 रुपये प्रति दर्जन के हिसाब से बिक रहा है. वहीं सेब आज 95 रुपये किलो के हिसाब से बिक रहा है. चलिए जानते हैं आज क्या हैं हरियाणा में फलों की कीमत.
फल | दाम |
केला | 40 |
सेब | 90 |
संतरा | 40 |
अनार | 90 |
अंगूर | 80 |
अमरूद | 35 |
बता दें कि मंडियों में फल-सब्जियों की आवक में सुधार आ चुका है, लेकिन मांग अधिक होने के कारण दाम अभी उतने नहीं घटे हैं जितने होने चाहिए. हालांकि, लोकल सब्जियों के मंडी पहुंचने से और बाकी राज्यों से आवक पूर्ति होने से आम आदमी को राहत जरूर मिली है.
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