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करनालः मंडी में धान की खरीद न होना पर किसानों ने दी सरकार को चेतावनी

करनाल की इंद्री मंडी में धान की ज्याद पैदावार होने के कारण पिछले 20 अक्टूबर से खरीद बंद है. जिसके चलते किसानों ने प्रशासन को एक बार फिर प्रदर्शन की चेतवानी देते हुए कहा कि सरकार के पास तीन दिन का समय है.

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Published : Oct 29, 2019, 4:03 PM IST

मंडी में धान ना खरीद ने पर किसानों ने दी सरकार को चेतावनी

करनाल: इंद्री की अनाज मंडी में पिछले 20 अक्टूबर से धान की खरीद बंद है. खरीद बंद होने से आढ़तियों व किसानों में मंडी प्रशासन के प्रति रोष का माहौल है. वहीं किसानों व आढ़तियों से मिलने पहुंचे हरियाणा पंचायती राज प्रकोष्ट के चैयरमैन सुनील कुमार ने कहा कि इस बार मंडी में 1 लाख क्विंटल धान अभी पड़ा हुआ है, जिसकी एंट्री मंडी के सरकारी रजिस्टर में नहीं हुई है. इसका मतलब ये है कि किसानो को आढ़तियों की ओर से धान के रुपये नहीं दिए जाएगे.

करनालः मंडी में धान की खरीद न होना पर किसानों ने दी सरकार को चेतावनी

'ना रो पा रहा है, ना बोल पा रहा है किसान'
हरियाणा पंचायती राज के चैयरमैन सुनील ने आगे कहा कि सरकार को फसलों के समय ध्यान देना चाहिए की फसल की पैदावार कैसी है. अगर फसल की पैदावार ज्यादा है तो सरकार को उसके लिए प्रबंध करने चाहिए. जिससे की किसानो व आढ़तियों को परेशानी न हो. उनका कहना है कि इस समय पर किसान की स्थिति ऐसी है कि वह ना तो रो पा रहा है और ना ही कुछ बोल पा रहा है.

किसानों ने दी आंदोलन की चेतवनी
वहीं किसानों नेता सुशील कुमार का कहना है कि सरकार को हम लोग तीन दिन का समय देते हैं. सरकार जल्द-से-जल्द धानों की खरीद शुरू करे नहीं तो हम लोग एसडीएस व डीसी का घेराव करेंगे. लेकिन किसानो की आवाज को दबने नहीं देंगे.
वहीं मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान हरपाल मंडाण का कहना है कि एजेंसी की ओर से कल एक मैसेज आया है जिसमें कहा गया है कि कल शाम 5 बजे तक जिस किसान की गाड़ी मंडी के अंदर धान लेकर आई है उसी के धानो की खरीद करनी है. जो किसान कल रात व आज सुबह धान लेकर आए हैं उनके धानों की खरीद की कोई सूचना नही है.

पिछली बार से अधिक पैदावार
अधिकारियों की मानें तो इस बार प्रदेश में धान की फसल अच्छी हुई है जिसके कारण पैदावर भी अच्छी मात्रा में हुई है. इसबार 1 लाख क्विंटल ज्यादा लिख दिया गया है. इसकी वजह से सरकार माल लेने में असमर्थन है और इसकी कारण मंडियों में खरीद बंद है.

वहीं मंडी में धान की बिक्री के लिए आए किसानों का कहना है कि धान की पैदावार ज्यादा होने से फसल का बहुत बुरा हाल है. जो सरकारी रेट है वह भी नहीं मिल रहा है और फसल को 1500 से 1700 रुपये क्विंटल के रेट पर देना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें:ज्यादा पैदावार के चलते करनाल मंडी में धान की खरीद बंद

करनाल: इंद्री की अनाज मंडी में पिछले 20 अक्टूबर से धान की खरीद बंद है. खरीद बंद होने से आढ़तियों व किसानों में मंडी प्रशासन के प्रति रोष का माहौल है. वहीं किसानों व आढ़तियों से मिलने पहुंचे हरियाणा पंचायती राज प्रकोष्ट के चैयरमैन सुनील कुमार ने कहा कि इस बार मंडी में 1 लाख क्विंटल धान अभी पड़ा हुआ है, जिसकी एंट्री मंडी के सरकारी रजिस्टर में नहीं हुई है. इसका मतलब ये है कि किसानो को आढ़तियों की ओर से धान के रुपये नहीं दिए जाएगे.

करनालः मंडी में धान की खरीद न होना पर किसानों ने दी सरकार को चेतावनी

'ना रो पा रहा है, ना बोल पा रहा है किसान'
हरियाणा पंचायती राज के चैयरमैन सुनील ने आगे कहा कि सरकार को फसलों के समय ध्यान देना चाहिए की फसल की पैदावार कैसी है. अगर फसल की पैदावार ज्यादा है तो सरकार को उसके लिए प्रबंध करने चाहिए. जिससे की किसानो व आढ़तियों को परेशानी न हो. उनका कहना है कि इस समय पर किसान की स्थिति ऐसी है कि वह ना तो रो पा रहा है और ना ही कुछ बोल पा रहा है.

किसानों ने दी आंदोलन की चेतवनी
वहीं किसानों नेता सुशील कुमार का कहना है कि सरकार को हम लोग तीन दिन का समय देते हैं. सरकार जल्द-से-जल्द धानों की खरीद शुरू करे नहीं तो हम लोग एसडीएस व डीसी का घेराव करेंगे. लेकिन किसानो की आवाज को दबने नहीं देंगे.
वहीं मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान हरपाल मंडाण का कहना है कि एजेंसी की ओर से कल एक मैसेज आया है जिसमें कहा गया है कि कल शाम 5 बजे तक जिस किसान की गाड़ी मंडी के अंदर धान लेकर आई है उसी के धानो की खरीद करनी है. जो किसान कल रात व आज सुबह धान लेकर आए हैं उनके धानों की खरीद की कोई सूचना नही है.

पिछली बार से अधिक पैदावार
अधिकारियों की मानें तो इस बार प्रदेश में धान की फसल अच्छी हुई है जिसके कारण पैदावर भी अच्छी मात्रा में हुई है. इसबार 1 लाख क्विंटल ज्यादा लिख दिया गया है. इसकी वजह से सरकार माल लेने में असमर्थन है और इसकी कारण मंडियों में खरीद बंद है.

वहीं मंडी में धान की बिक्री के लिए आए किसानों का कहना है कि धान की पैदावार ज्यादा होने से फसल का बहुत बुरा हाल है. जो सरकारी रेट है वह भी नहीं मिल रहा है और फसल को 1500 से 1700 रुपये क्विंटल के रेट पर देना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें:ज्यादा पैदावार के चलते करनाल मंडी में धान की खरीद बंद

Intro:धान की खरीद न होने से किसानो की धान बिक रही है ओनेपोने दामों में ,  जल्द धान की खरीद शुरू नहीं हुई तो किसान व् आढ़ती तीन दिन के बाद सरकार व् प्रसाशन के खिलाफ आन्दोलन छेड़ने पर हो जायेगे मजबूर । Body:करनाल  के इंद्री स्तिथ अनाज मंडी में 20 अक्टूबर से धान की खरीद बंद होने पर हरियाणा पंचायती राज प्रकोष्ठ के चेयरमैन डॉक्टर सुनील कुमार ने अपनी टीम के साथ  इंद्री मंडी में दौरा किया ओर  किसानो की समस्या सुनी।  डॉक्टर सुनील पवार व उनकी टीम ने  मंडी में आढ़तियों व किसानों से बातचीत कर उनके द्वारा जो परेशानी किसानो को आ रही है,  किसानों ने बताया कि उनकी फसल की खरीद ना होने के कारण मंडी में जाम की स्थिति बन गई है, फसल के ऊपर फसल डालने  के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। कुछ किसान तो कई दिनों से मंडी में फसल लेकर मंडी में पड़े हुए है।  किसानो आरोप है की  प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की कोई सुध नहीं ली जा रही है। इस बारे में आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान हरपाल मंडाण ने कहा की प्रशासन के अधिकारीयो का कहना है की सरकार के आदेश के बाद ही फसल की खरीद की जाएगी और यदि सरकार के आदेशों में ओर देरी हुई तो मंडी में हालात बद से बदतर हो जाएंगे। उन्होने सरकार से अपील की कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान किया जाए। 

Conclusion:वीओ  - राजीव पंचायती राज संगठन के चेयरमैन डॉक्टर सुनील पवार ने बात करते हुए पत्रकारों को बताया कि यदि सरकार तीन  दिन के अंदर किसानों व आढ़तियों की इस समस्या का कोई समाधान नहीं करती है तो तीन दिन बाद जिला स्तर पर जिलाधीश उपायुक्त के कार्यालय का व ब्लॉक स्तर पर इंद्री एस डी एम कार्यालय का घेराव किया जाएगा और उन्होंने सरकार से अपील की कि किसानों को उनका फसल का सही मूल्य देकर उनका हक दिया जाए और समय पर फसल का उठान किया जाए।

बाइट : राजीव पंचायती राज संगठन के चेयरमैन डॉक्टर सुनील पवारबाइट :मंडी प्रधान हरपाल सिंह 
बाइट :किसान रजा 
बाइट :किसान राजबबास 
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