जींद: हरियाणा के कई जिलों में शुक्रवार को बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई. जिससे किसानों का काफी नुकसान हुआ. जींद में शुक्रवार सुबह से ही रुक-रुक कर बारिश हुई. जिले के बड़ौदा, करसिंधु और आसपास के इलाके में बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई. इससे किसानों की सब्जी की फसल का नुकसान हुआ है. इस बीच जिले के सफीदों अनाज मंडी में पड़ा हजारों क्विंटल धान भीग गया. साथ ही यहां जलजमाव भी देखने को मिला.
जिले में दर्ज बारिश: जींद में औसतन 16.8 एमएम बारिश दर्ज की गई, जिसमें से जींद ब्लॉक में 17.2, नरवाना में 19, सफीदों में दस एमएम, जुलाना में सबसे ज्यादा 32 एमएम, उचाना में 21 एमएम, पिल्लूखेड़ा में सात एमएम और अलेवा ब्लॉक में 10.6 एमएम बारिश दर्ज हुई. इसके अलावा उचाना क्षेत्र में करसिंधु और बड़ौदा सहित अन्य जगहों में ओलावृष्टि हुई है. बारिश के कारण कुछ स्थानों पर जलभराव के हालातों से लोगों को परेशानी का भी सामना करना पड़ा.
बारिश के कारण गिरा तापमान: बात अगर जिले के तापमान की करें तो बारिश के कारण अधिकतम तापमान में पांच डिग्री की गिरावट दर्ज की गई, जबकि न्यूनतम तापमान में दो डिग्री की बढोतरी दर्ज की गई है. शुक्रवार को अधिकतम तापमान 16 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 12 डिग्री दर्ज किया गया. मौसम में आद्रता 98 प्रतिशत और हवा की गति 14 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई. जिले में पिछले 24 घंटों के दौरान जींद में 7.2 एमएम, नरवाना में छह एमएम, सफीदों में पांच एमएम, जुलाना में 20 एमएम, उचाना में नौ एमएम, पिल्लूखेड़ा में चार एमएम, अलेवा में छह एमएम बारिश दर्ज की गई.
मंडी में पड़ा अनाज भीगा: इस बीच जींद जिले के सफीदों क्षेत्र में देर रात से चल रही बारिश में सफीदों अनाज मंडी में पड़ी हजारों क्विंटल धान भीग गई. इसके साथ ही क्षेत्र में बारिश के कारण जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई. इस बारिश के कारण आढ़तियों और किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. वैसे तो मंडी में कई शैड बने हुए हैं, लेकिन काफी माल खुले में पड़ा हुआ है.
बारिश के कारण आढ़तियों की चिंता बढ़ सी गई है. हालांकि मौसम विभाग की ओर से जारी बारिश के अलर्ट के बाद कुछ आढ़तियों ने तिरपाल से अनाज को ढक दिया था, लेकिन बारिश का पानी ढेरियों के नीचे से गुजर गया. इसके अलावा बारिश से पहले आए तूफान ने काफी ढेरियों के तिरपाल को भी उड़ा दिया, जिसके कारण आढ़तियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
बदलते मौसम को देखते हुए आढ़तियों को पहले ही ढेरियों को ढकने के लिए कह दिया था. मंडी में काफी ढेरियों पर तिरपाल ढके हुए हैं. मंडी में पानी निकासी की व्यवस्था पूरी तरह से सुनिश्चित है. अगर कहीं थोड़ा बहुत जलभराव हुआ है तो उसे सफाई कर्मियों ने निकाल दिया है. जो धान मंडी में पड़ा हुआ है, उसके पीछे का कारण धान के भावों में गिरावट आना है. इस बारिश में किसानों का कोई नुकसान नहीं है. अधिकतर किसान अपनी फसल बेच चुके हैं. मंडी में जो माल पड़ा हुआ है, वह व्यापारियों का है. उनको कई बार मंडी से धान उठवाने के लिए कहा जा चुका है. -अनिल शर्मा, मार्केट कमेटी सचिव
आज भी होगी बारिश: बता दें कि रबी फसल बिजाई के बाद से अच्छी बारिश जिले में नहीं हुई थी. न ही कोहरा और धुंध पड़ रही थी. सूखी ठंड से किसान बेहाल थे. अब हुई बारिश से गेहूं, सरसों, पशुचारण और सब्जियों को काफी फायदा हुआ है. इससे फसलों को अच्छी ग्रोथ और अच्छा फुटाव मिलेगा. इस बारे में मौसम वैज्ञानिक राजेश ने बताया कि बारिश ने फसलों को काफी फायदा पहुंचाया है. ग्रोथ के साथ फुटाव भी अच्छा होगा. शनिवार को भी बारिश की संभावना है, जिसके साथ ठंड भी बढ़ेगी. धुंध का असर भी देखने को मिलेगा.
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