करनाल: किसानों के धान का सीजन अंतिम चरण (paddy harvest in haryana) में है. लेकिन किसानों को अभी भी अपनी धान बेचने के लिए परेशान होना पड़ रहा है. बता दें कि शुक्रवार को करनाल उपायुक्त ने धान खरीद को लेकर एक नया फरमान जारी किया है. इस फरमान में कहा गया है कि धान खरीदने से पहले ही उस धान का वेरिफिकेशन (paddy verification in haryana ) किया जाए कि यह धान हरियाणा का है या यूपी का.
हालांकि यह वेरिफिकेशन यूपी से आ रही धान को रोकने के लिए लागू किया गया है. लेकिन यह करनाल और हरियाणा के किसानों के लिए एक बड़ी परेशानी का सबब बन ( haryana Farmers protest) गया है. करनाल की नई अनाज मंडी में अपनी धान बेचने के लिए आए हुए किसानों ने कहा कि उनको धान के वेरिफिकेशन का हवाला (paddy verification in karnal) देकर उनका गेट पास नहीं काटा जा रहा और ना ही धान की खरीद की जा रही.
उन्होंने कहा कि उनकी धान की वेरिफिकेशन मंडी प्रशासन की ओर से गांव के सचिव के द्वारा की जा चुकी है. लेकिन उसके बावजूद भी धान नहीं खरीदी जा रही. मंडी प्रशासन का कहना है कि 4 से 5 दिन अभी धान खरीदने में लग सकते हैं. किसानों का कहना है कि उसकी धान की फसल मंडी (Crop procurement in Karnal) में दिवाली से पहले की पड़ी हुई है. सरकार ने वेरिफिकेशन के नाम पर एकदम से खरीद बंद कर दी, जिससे उनकी धान की फसल खराब होती जा रही है.
यह भी पढ़ें-करनाल की मंडियों में नहीं खरीदा जायेगा यूपी और दूसरे दूसरे जिलों का धान, डीसी का आदेश
पिछले कई दिनों से ऐसे ही अनाज मंडी में पड़े रहने से धान काली होती जा रही है, जिससे उनके धान का मूल्य भी कम होता जा रहा है. मंडी में शुक्रवार को लगभग 200 किसान धान लेकर आए हुए थे. जो मंडी के बाहर ही खड़े रहे. ऐसे में किसानों ने जिला प्रशासन व राज्य सरकार के खिलाफ रोष जाहिर करते हुए नारेबाजी भी (Farmers protest in Karnal) की. देखने वाली बात यह होगी कि किसानों की धान की खरीद की जाती है या नहीं.