कैथल: हरियाणा के कुछ क्षेत्रों में पानी की किल्लत बनी हुई है. कैथल जिला उन्हीं में से एक है. कैथल में पानी की समस्या (water problem in kaithal) से ग्रामीण एरिया के लोग स्वच्छ पानी के लिए तरस रहे हैं. साफ पानी न होने से ग्रामीणों ने कई बार जिम्मेदार लोगों को इस बारे में जानकारी दी, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया. वहीं, ग्रामीणों ने यह भी कहा कि वोट मांगने के लिए नेता उनके घरों तक आ जाते हैं, लेकिन जब ग्रामीणों की समस्या के निराकरण की बात आती है तो उनका कहीं पता नहीं चलता है. इसी कड़ी में कैथल के सांघन गांव के रहने वाले सैकड़ों संख्या में ग्रामीणों ने कैथल के विधायक लीलाराम के निवास स्थान पर अपने गांव में पानी की समस्या को लेकर पहुंचे और उन्हें अपनी समस्या से रू-ब-रू कराया.
ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में हरियाणा पब्लिक हेल्थ विभाग (Haryana Public Health Department) ने चार ट्यूबवेल लगवाए गए हैं, बावजूद इसके गांव में पानी की सप्लाई नहीं है. ग्रामीणों ने बताया कि पीने का पानी न होने की वजह से उन्हें अपने खेतों से पानी लाना पड़ता है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि पानी की समस्या वह को लेकर पब्लिक हेल्थ विभाग के अधिकारियों से मिले थे.अधिकारी ने ट्यूबवेल ऑपरेटर को आदेश दिए थे कि वह चारों ट्यूबवेलों को चलाकर गांव में पानी की सप्लाई दुरुस्त करें. लेकिन अधिकारियों के आदेश के बाद भी ऑपरेटर अपनी मनमानी कर रहे हैं. जिससे गांव वालों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
ग्रामीणों ने ऐलान किया है कि यदि जल्द ही उनके गांव में पीने के पानी की समस्या का समाधान (water problem solution) नहीं किया गया तो वह गांव से दर्जनों ट्रैक्टर ट्रॉली लाकर शहर को जाम करने का काम करेंगे, जिसका जिम्मा सरकार और जिला प्रशासन का होगा. ग्रामीणों ने जल्द से जल्द ट्यूबवेल ऑपरेटर को उनके गांव से ट्रांसफर करवाने की भी मांग की है. ग्रामीणों ने बताया कि कैथल विधायक ने बात समस्या पर बात करने के लिए हामी तो भर दी, लेकिन उन्होंने भी इस पर अप्रत्यक्ष तरीके से कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. जिससे पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है.
इस संबंध में जब कैथल पब्लिक हेल्थ एसडीओ सतपाल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गांव में कुल चार ट्यूबवेल है जिनमें से इस समय तीन ट्यूबवेल पूरी तरह काम कर रहे हैं और गांव में पीने के पानी की कोई समस्या नहीं है. अगर फिर भी ग्रामीणों को कोई परेशानी है तो वह उनसे मिलकर अपनी समस्या बता सकते हैं. तुरंत प्रभाव से उनकी समस्या को दूर किया जाएगा.
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