कैथल: राइस मिलर्स से मिलीभगत कर तत्कालीन डिप्टी मैनेजर(मार्केटिंग) राजेश कुमार ने हेफेड को 16 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया. डिफॉल्टर मिल्स को मिलिंग के लिए धान तो दिया ही, एनओसी भी दी. मामला संज्ञान में आने के बाद राजेश कुमार को सस्पेंड कर दिया गया. मौजूदा डीएम वेदपाल मलिक ने सिविल लाइन थाने में धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज करवाया है.
इन मिल्स को अलॉट क्षमता से अधिक दिया गया धान:
मिल का नाम अलॉट करने की अधिकतम क्षमता अलॉट की धान
जीविशा फूड प्राइवेट लिमिटेड कैथल 7000 9237
गणपति राइस डोहर (सीवन) 7000 7275
सतनाम राइस मिल कैथल 7000 7239
एकेएम फूड प्राइवेट लिमिटेड 4000 4386
किसान राइस मिल ढांड 7000 8526
गुर्जर राइस मिल ढांड 7000 8036
पंवार राइस मिल ढांड 5000 5601
मां सरस्वती राइस मिल चीका 5000 5601
तिलकराम राइस मिल चीका 7000 8664
पार्वती एग्रो इंडस्ट्रीज 5000 5198
(अलॉट की गई धान मीट्रिक टन में)
जब इस मामले पर डीएसपी कुलवंत सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मौजूदा हेफेड डीएम ने पहले वाले डीएम के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है. आगे की जांच कर रहे हैं जांच में जो भी सामने आएगा उस आधार पर ही कार्रवाई की जाएगी.