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कैथल: गांव नागल में नहीं मूलभूत सुविधाएं, ग्रामीणों ने बताई परेशानियां

कैथल जिले का गांव नागल में वर्तमान समय में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. इस गांव में पीने का साफ पानी नहीं है. यहां तक की बच्चों को 6 किलो मीटर दूर पढ़ने जाना पड़ता है.

Nangal village is still deprived of basic facilities
गांव नागल में नहीं मूलभूत सुविधाएं
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Published : Jan 13, 2020, 5:24 PM IST

कैथल: विधानसभा क्षेत्र गुहला का नागल गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. गांव नागल के ग्रामीणों ने बताया कि 3 साल पहले सरकार द्वारा उनके गांव के स्कूल को पांचवी से आठवीं तक तो कर दिया गया था, लेकिन शिक्षा विभाग ने आठवीं तक स्कूल अपग्रेड नहीं किया. जिस कारण छोटे-छोटे बच्चे 6 किलोमीटर दूर पास के गांव पढ़ने जाते हैं.

गांव में नहीं बस की सुविधा

ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव के नजदीक ना तो आज तक सरकारी बस सुविधा प्राप्त हो पाई है. उन्होंने बताया कि एक प्राइवेट बस है जो कभी आती है तो कभी नहीं.

गांव नागल में नहीं मूलभूत सुविधाएं, ग्रामीणों ने बताईं परेशानियां

पीने का पानी नहीं

ग्रामीणों ने बताया कि गांव वासी पीने के पानी के लिए भी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं और गंदा पानी पीने को मजबूर है और यहां गंदे पानी की निकासी के लिए जोहर बनाया गया था. लेकिन वो भी बदहाली का शिकार है, जिससे बीमारियां फैलने का खतरा हर वक्त मंडराता रहता है. ग्रामीणों ने बताया कि ने बताया कि जोहर में कई पशुओं की डूबने से मौत हो चुकी है.

गांव के पंचायत सदस्य ने बताया कि उनके गांव में गरीब परिवारों की शादियों के लिए सामुदायिक हाल नही है. उन्होंने बताया कि ग्रामीणों द्वारा 200 बीपीएल फार्म भरे गए थे लेकिन सिर्फ तीन ही बन पाए जबकि गांव में 80% लोग मजदूरी का कार्य करते हैं.

ये भी पढ़ें- लकड़ी खरीदने कैथल जा रहे 2 कारीगरों को रोडवेज बस ने कुचला, एक की मौत

कैथल: विधानसभा क्षेत्र गुहला का नागल गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. गांव नागल के ग्रामीणों ने बताया कि 3 साल पहले सरकार द्वारा उनके गांव के स्कूल को पांचवी से आठवीं तक तो कर दिया गया था, लेकिन शिक्षा विभाग ने आठवीं तक स्कूल अपग्रेड नहीं किया. जिस कारण छोटे-छोटे बच्चे 6 किलोमीटर दूर पास के गांव पढ़ने जाते हैं.

गांव में नहीं बस की सुविधा

ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव के नजदीक ना तो आज तक सरकारी बस सुविधा प्राप्त हो पाई है. उन्होंने बताया कि एक प्राइवेट बस है जो कभी आती है तो कभी नहीं.

गांव नागल में नहीं मूलभूत सुविधाएं, ग्रामीणों ने बताईं परेशानियां

पीने का पानी नहीं

ग्रामीणों ने बताया कि गांव वासी पीने के पानी के लिए भी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं और गंदा पानी पीने को मजबूर है और यहां गंदे पानी की निकासी के लिए जोहर बनाया गया था. लेकिन वो भी बदहाली का शिकार है, जिससे बीमारियां फैलने का खतरा हर वक्त मंडराता रहता है. ग्रामीणों ने बताया कि ने बताया कि जोहर में कई पशुओं की डूबने से मौत हो चुकी है.

गांव के पंचायत सदस्य ने बताया कि उनके गांव में गरीब परिवारों की शादियों के लिए सामुदायिक हाल नही है. उन्होंने बताया कि ग्रामीणों द्वारा 200 बीपीएल फार्म भरे गए थे लेकिन सिर्फ तीन ही बन पाए जबकि गांव में 80% लोग मजदूरी का कार्य करते हैं.

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Intro:केंद्र सरकार की सबका साथ सबका विकास का नारा सिर्फ कागजों तक ही सीमित
 गांव नागल के ग्रामीण तरस रहे है केंद्र सरकार की सुविधाओं को
गांव के बच्चे शिक्षा प्राप्ति के लिए जाते हैं 6 किलोमीटर दूर
 गुहला चीकासबका साथ सबका विकास का नारा कामयाब बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार ने विज्ञापनों के माध्यम से तमाम शहरों में चिपकाए हुए हैं लेकिन धरातल पर वह बिल्कुल शून्य नजर आए इसका जीता जागता उदाहरण है उपमंडल गुहला का गांव नागल  3500 की जनसंख्या वाले इस गांव में  सबका साथ सबका विकास का नारा जो भारतीय जनता पार्टी के केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया था वह सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहा आपको बता दें विधानसभा क्षेत्र  गुहला का नांगल गांव आज भी केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई मूलभूत सुविधाओं  से वंचित है यहां तक कि इस गांव में 3 साल पहले ही प्राइमरी स्कूल को मिडिल स्कूल के रूप में तो बदला गया लेकिन जिला प्रशासन द्वारा उसे मिडिल तक बनाना ही भूल गई और गांव के छोटे-छोटे बच्चे 6 किलोमीटर दूर सरकारी विद्यालय में पढ़ाई करने के लिए जाते हैं आपको बता दें इस गांव में लगभग 80% लोग मजदूरी का काम करते हैं और रोजगार के लिए 20 किलोमीटर दूर तक जिला कैथल में जाते हैं । जब उक्त मामले की भनक मीडिया को लगी तो मीडिया की टीम ने वहां पहुंचकर ग्रामीणों से गांव में पैदा होने वाली जनसमस्याओं के बारे में जानकारी हासिल की तो पता चला उपमंडल गुहला के गांव नागल में समस्या ही समस्याएं हैं यहां तक कि ग्रामीणों  को 2011 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवासीय किस्ते नहीं डाली हैं जबकि भारतीय जनता पार्टी की 2014 में सरकार आने के बाद वह भी बंद हो गई और अब नागल गांव में लगभग 200 फार्म ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भरे थे लेकिन गांव की जनता को आज तक भी उनका लाभ नहीं प्राप्त हुआ यहां तक कि बीपीएल परिवारों की अगर बात करें तो गांव में सरपंच के माध्यम से 200 फार्म भरे गए थे जिनमें से सिर्फ तीन को ही बीपीएल सुविधा प्राप्त हो पाई ।
 क्या कहना है गांव नागल के ग्रामीणों का गांव नागल के ग्रामीणों ने यह बताया कि गांव कई ऐसी योजनाएं हैं जो केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई थी लेकिन आज तक भी उन्हें उसका लाभ नहीं प्राप्त हुआ यहां तक कि 3 साल पहले ही सरकार द्वारा उनके गांव के स्कूल को पांचवी से आठवीं तक तो कर दिया गया है लेकिन शिक्षा विभाग ने उनका आठवीं तक का स्कूल अपग्रेड नहीं किया जिस कारण छोटे-छोटे गांव के स्कूली बच्चे 6 किलोमीटर दूर पास के गांव में जाते हैं यहां तक कि ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव के नजदीक ना तो आज तक सरकारी बस सुविधा प्राप्त हो पाई है कुछ ही समय पहले एक प्राइवेट बस है जो कभी आती है कभी नहीं आती यहां तक कि गांव वासी पीने के पानी को लिए भी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं और गंदा पानी पीने को मजबूर है और यहां गंदे पानी की निकासी के लिए जोहर बनाया गया था लेकिन वह भी बदहाली का शिकार है  और गंदगी से लपालप है जिसमें बीमारियां फैलने का खतरा हर वक्त मंडराता रहता है
 क्या कहना है गांव के पंचायत सदस्य कानागल गांव के पंचायत सदस्य   ने बताया कि गांव में कई ऐसे सुविधाएं हैं जिनके लिए ग्रामीण प्रशासन के चक्कर काट चुके हैं लेकिन आज तक भी उन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाई गई यहां तक कि केंद्र सरकार का सबका साथ सबका विकास का नारा सिर्फ कागजों तक ही सीमित है

क्या कहना है गांव के सरपंच का 
गांव के सरपंच ने बताया कि उनके गांव में ना तो गरीब परिवारों की विवाह शादियों के लिए  सामुदायिक हाल का प्रबंध जिला प्रशासन ने करवाया है और ना ही बीपीएल परिवारों को सुविधाएं प्रदान की है यहां तक की ग्रामीणों द्वारा भरे गए 200 फार्म तो बीपीएल के भरे गए थे लेकिन सिर्फ तीन ही बन पाए जबकि गांव में 80% लोग मजदूरी का कार्य करते हैं और अपने रोजगार को प्राप्त करने के लिए 20 किलोमीटर दूर जिला कैथल में उन्हें जाना पड़ता है यहां तक कि गांव में पांचवी तक का सकून था जिसे पूर्व में विधायक रहे कुलवंत बाजीगर द्वारा अपग्रेड करवा उसे आठवीं तक का बनवा दिया गया था जिसे आज तक भी शिक्षा विभाग ने अपग्रेड नहीं किया सरपंच ने जिला प्रशासन व केंद्र सरकार से गुहार लगाई है कि उनके गांव को मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जाए ।
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 गांव नागल के ग्रामीण तरस रहे है केंद्र सरकार की सुविधाओं कोConclusion:hr_gck_01a_nagl ganv ki smsya _v&b_hrc10017
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