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कैथलः सरकार और प्रशासन के खिलाफ मनरेगा मजदूरों का प्रदर्शन

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Published : Feb 13, 2020, 8:35 AM IST

Updated : Feb 13, 2020, 8:49 AM IST

कैथल में लघु सचिवालय पर प्रदर्शन कर रहे मजदूरों ने अपनी समस्याएं बताई और कहा कि अपनी मांगों को लेकर वो कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं. लेकिन उनकी परेशानियों की ओर कोई ध्यान नहीं देता है, जिसके चलते उनकी दिक्कतें लगातार बढ़ती जा रही है. पढ़िए पूरी खबर...

Kaitha
Kaitha

कैथलः अपनी समस्या के समाधान के लिए मनरेगा मजदूरों ने लघु सचिवालय में प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. मजदूरों का आरोप है कि मजदूर संगठन लगातार काफी समय से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते आ रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी बातों पर अमल नहीं करती. हालांकि आश्वासन को एक बार मिले लेकिन कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई जिसको देखते हुए बुधवार को मनरेगा मजदूर ने सर्व कर्मचारी संघ के बैनर के तले लघु सचिवालय में प्रशासन व सरकार के खिलाफ नारेबाजी करके अपना रोष जताया.

अधिकारियों पर परेशान करने का आरोप

मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मनरेगा मजदूरों का पंजीकरण करने के लिए पंचायत या बीडीपीओ पंजीकरण करने की बजाय टालमटोल का रास्ता बना रही है. जिसे कई गांवों में पंजीकरण नहीं हो रहा है. उनकी मनरेगा में काम करने के बाद कई महीनों से उनके ही मेहनत के पैसे उनको नहीं दिया जाता. जिससे मजदूरों को घर चलाना मुश्किल हो रहा है. मनरेगा में काम या पंजीकृत करने का आवेदन देने जाते हैं, तो रसीद नहीं दी जाती और ना ही किसी भी समय सीमा का ध्यान रखा जाता है. जिससे पंजीकरण करने का काम लंबित रखा जाता है और यह सब अधिकारियों जानबूझकर करते हैं.

कैथलः सरकार और प्रशासन के खिलाफ मनरेगा मजदूरों का प्रदर्शन

काम कराते वक्त नहीं रखा जाता नियमों का ध्यान

मजदूरों की शिकायत है कि मनरेगा में कार्य करवाते समय किसी भी नियम का ध्यान नहीं रखा जाता. जैसे पीने के पानी, शौचालय, दवाई, पालना या औजार आदि कोई भी सुविधाओं को उपलब्ध नहीं कराई जाती.

गरीब तबके तक नहीं पहुंच रहा सरकार का विकास - मजदूर

उन्होंने बोलते हुए कहा कि सरकार विकास का दावा तो कर रही है लेकिन विकास नहीं हो पा रहा. वहीं पर उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार सबका साथ सबका विकास का दावा करती है लेकिन जो गरीब तबका मजदूरों का है. उन तक विकास नहीं पहुंच पा रहा और ना ही उनको उनकी मेहनत के खून पसीने की कमाई का पैसा समय पर मिल पा रहा, जिससे उनके परिवारों की हालत बदतर होती जा रही है.

प्रदेश स्तर के प्रदर्शन की चेतावनी

मजदूरों का कहना है कि वो प्रशासन से कई बार पहले भी गुहार लगा चुके हैं, लेकिन हमारी बात पर अमल नहीं किया जाता है. आज भी हम मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपेंगे. अगर हमारी बात जल्दी नहीं मानी जाती तो 18 तारीख को सिर्फ एक बड़ा प्रदर्शन करेंगे. जिसमें जिले भर से हजारों की संख्या में मजदूर भाग लेंगे और अपना रोष जाहिर करेंगे. अगर फिर भी हमारी बात नहीं मानी जाती तो आने वाले समय में यहां प्रदर्शन प्रदेश स्तर का होगा. लेकिन हम चाहते हैं कि सरकार हमारी बात मान कर मजदूर वर्ग का थोड़ा ध्यान रखें. ताकि उनकी मेहनत का पैसा समय पर मिलता रहे और जो भी अन्य आवश्यकता है वह भी सरकार पूरी करें.

ये भी पढ़ेंः- चीन से लौटे 5 छात्रों की रेवाड़ी ट्रॉमा सेंटर में हुई जांच, सभी पाए गए कोरोना से सुरक्षित

कैथलः अपनी समस्या के समाधान के लिए मनरेगा मजदूरों ने लघु सचिवालय में प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. मजदूरों का आरोप है कि मजदूर संगठन लगातार काफी समय से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते आ रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी बातों पर अमल नहीं करती. हालांकि आश्वासन को एक बार मिले लेकिन कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई जिसको देखते हुए बुधवार को मनरेगा मजदूर ने सर्व कर्मचारी संघ के बैनर के तले लघु सचिवालय में प्रशासन व सरकार के खिलाफ नारेबाजी करके अपना रोष जताया.

अधिकारियों पर परेशान करने का आरोप

मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मनरेगा मजदूरों का पंजीकरण करने के लिए पंचायत या बीडीपीओ पंजीकरण करने की बजाय टालमटोल का रास्ता बना रही है. जिसे कई गांवों में पंजीकरण नहीं हो रहा है. उनकी मनरेगा में काम करने के बाद कई महीनों से उनके ही मेहनत के पैसे उनको नहीं दिया जाता. जिससे मजदूरों को घर चलाना मुश्किल हो रहा है. मनरेगा में काम या पंजीकृत करने का आवेदन देने जाते हैं, तो रसीद नहीं दी जाती और ना ही किसी भी समय सीमा का ध्यान रखा जाता है. जिससे पंजीकरण करने का काम लंबित रखा जाता है और यह सब अधिकारियों जानबूझकर करते हैं.

कैथलः सरकार और प्रशासन के खिलाफ मनरेगा मजदूरों का प्रदर्शन

काम कराते वक्त नहीं रखा जाता नियमों का ध्यान

मजदूरों की शिकायत है कि मनरेगा में कार्य करवाते समय किसी भी नियम का ध्यान नहीं रखा जाता. जैसे पीने के पानी, शौचालय, दवाई, पालना या औजार आदि कोई भी सुविधाओं को उपलब्ध नहीं कराई जाती.

गरीब तबके तक नहीं पहुंच रहा सरकार का विकास - मजदूर

उन्होंने बोलते हुए कहा कि सरकार विकास का दावा तो कर रही है लेकिन विकास नहीं हो पा रहा. वहीं पर उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार सबका साथ सबका विकास का दावा करती है लेकिन जो गरीब तबका मजदूरों का है. उन तक विकास नहीं पहुंच पा रहा और ना ही उनको उनकी मेहनत के खून पसीने की कमाई का पैसा समय पर मिल पा रहा, जिससे उनके परिवारों की हालत बदतर होती जा रही है.

प्रदेश स्तर के प्रदर्शन की चेतावनी

मजदूरों का कहना है कि वो प्रशासन से कई बार पहले भी गुहार लगा चुके हैं, लेकिन हमारी बात पर अमल नहीं किया जाता है. आज भी हम मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपेंगे. अगर हमारी बात जल्दी नहीं मानी जाती तो 18 तारीख को सिर्फ एक बड़ा प्रदर्शन करेंगे. जिसमें जिले भर से हजारों की संख्या में मजदूर भाग लेंगे और अपना रोष जाहिर करेंगे. अगर फिर भी हमारी बात नहीं मानी जाती तो आने वाले समय में यहां प्रदर्शन प्रदेश स्तर का होगा. लेकिन हम चाहते हैं कि सरकार हमारी बात मान कर मजदूर वर्ग का थोड़ा ध्यान रखें. ताकि उनकी मेहनत का पैसा समय पर मिलता रहे और जो भी अन्य आवश्यकता है वह भी सरकार पूरी करें.

ये भी पढ़ेंः- चीन से लौटे 5 छात्रों की रेवाड़ी ट्रॉमा सेंटर में हुई जांच, सभी पाए गए कोरोना से सुरक्षित

Last Updated : Feb 13, 2020, 8:49 AM IST
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