गुहला चीका: भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के आंसुओं ने 28 जनवरी की रात अचानक माहौल बदल दिया. गाजीपुर बॉर्डर पर मीडिया से बातचीत करते हुए अचानक राकेश टिकैत रोने लगे. उनकी इस वीडियो के बाद टिकैत समर्थक किसान फिर से दिल्ली से सटे धरना स्थलों पर मोर्चा जमाने लगे हैं, वहीं प्रदेश के अगल-अलग हिस्सों में किसान रोष प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी में गुहला चीका में किसानों ने तिरंगा मार्च निकाला.
किसानों कहना है कि वो अपने नेताओं के साथ हुई धक्का-शाही को नहीं सहेंगे. इस तिरंगा मार्च के बारे में जानकारी देते हुए किसान नेता चमकौर सिंह ने कहा कि समाचारों में जो तिरंगे के बारे किसानों को लेकर दिखाया जा रहा वह सरासर गलत है. उसके विरोध में किसानों ने यह तिरंगा मार्च निकाला है ताकि देश की जनता को यह पता चले कि तिरंगा झंडा किसी पार्टी का नहीं है. इस देश में रहने वाले सभी का हक तिरंगे पर है.
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चमकौर सिंह ने कहा कि किसानों को नक्शा दिया गया था उस नक्शे में बैरिकेड्स को बंद करके लाल किले की तरफ मोड़ दिया. जिसमें बीजेपी के दो एजेंट दीपू संधू और लक्खा ने किसानों के मार्च को वहां मोड़ दिया. यह जान बुझ कर किया गया था. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोग बॉर्डर पर बैठे किसानों को खदेड़ना चाहते हैं, लेकिन ऐसे किसान हटने वाले नहीं है.
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