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कैथल: किसानों ने सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन, चिप घोटाले के दोषियों को सजा देने की मांग

कैथल में भारतीय किसान संघ और किसानों ने लघु सचिवालय में कैथल शुगर मिल के एमडी, जिला उपायुक्त और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया.

farmers protest against Kaithal Sugar Mill KMD
कैथल में किसानों ने किया प्रदर्शन
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Published : Feb 12, 2020, 8:25 AM IST

Updated : Feb 12, 2020, 8:48 AM IST

कैथल: हरियाणा में बीजेपी सरकार के कार्यकाल का दूसरा पड़ाव शुरू हो गया है लेकिन अब भी बीजेपी सरकार के खिलाफ लोगों का धरना देने का दौर समाप्त नहीं हुआ है. मंगलवार को कैथल के लघु सचिवालय में भारतीय किसान संघ और किसानों ने कैथल शुगर मिल के एमडी जिला उपयुक्त कैथल और बीजेपी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्रदर्शन किया.

किसान नेता गुलतान सिंह ने मीडिया से कहा कि हम पिछले काफी समय से शुगर मिल कैथल के बाहर धरने पर बैठे हुए थे. हमारी मुख्य मांग थी कि गन्ने का भाव बढ़ाया जाए और जो चिप घोटाला हुआ था वो भी उजागर हो और दोषियों को सजा मिले.

कैथल में किसानों ने किया प्रदर्शन, जमकर की नारेबाजी

उन्होंने कहा कि उस समय धरना देने के दौरान हमारी प्रशासन के साथ कहीं पर बात भी हुई. लेकिन किसानों की समस्या का कोई भी हल नहीं निकला और इसका नतीजा ये रहा कि धरने पर बैठे हुए 5 किसानों के खिलाफ प्रशासन ने मामला दर्ज कर लिया.

उन्होंने कहा कि हालांकि उस समय किसानों को बोला गया था कि अब धरना खत्म करें और आपकी मांगे मानी जाएगी. किसानों के ऊपर जो मामले दर्ज किए गए हैं वो खारिज हो जाएंगे, लेकिन काफी समय होने के बाद भी अब तक वो मामले ज्यों के त्यों दर्ज हैं. इसी कारण आज भारतीय किसान संघ और किसानों ने मिलकर कैथल के लघु सचिवालय में सरकार और प्रशासन के खिलाफ खुलकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया.

साथ ही उन्होंने बीजेपी के पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर के ऊपर भी भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया उन्होंने कहा कि मनीष ग्रोवर ने चिप घोटाला और गन्ने की खोई बेचने के मामले में दोनों में मुख्य आरोपी ही मनीष ग्रोवर हैं. जिनके कहने पर ही कर्मचारियों ने चिप लगाई है और गन्ने की खोई को बेचा है.

कहीं ना कहीं सरकार कर्मचारियों को और अपने नेता को बचाने का काम कर रही है और किसानों के हक की आवाज को दबाया जा रहा है लेकिन किसान डरने वाला नहीं है. इन दोनों मांगों को लेकर किसानों ने अधिकारी और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया अगर समय रहते किसानों के ऊपर से एफआईआर नहीं हटाई गई तो किसान एक बड़ा आंदोलन प्रशासन और सरकार के खिलाफ कर सकते हैं.

सरकार इस मामले से पहले ही अवगत है और जिले का कर्मचारी जानबूझकर दोषियों को बचाने का काम कर रही है लेकिन किसान ऐसा नहीं होने देंगे चाहे उनकी जान तक चले जाए लेकिन किसान का हफ्ता उनको नहीं खाने देंगे.

ये भी पढ़ें- आम आदमी पार्टी को प्रचंड बहुमत, केजरीवाल तीसरी बार दिल्ली की सत्ता संभालने को तैयार

कैथल: हरियाणा में बीजेपी सरकार के कार्यकाल का दूसरा पड़ाव शुरू हो गया है लेकिन अब भी बीजेपी सरकार के खिलाफ लोगों का धरना देने का दौर समाप्त नहीं हुआ है. मंगलवार को कैथल के लघु सचिवालय में भारतीय किसान संघ और किसानों ने कैथल शुगर मिल के एमडी जिला उपयुक्त कैथल और बीजेपी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्रदर्शन किया.

किसान नेता गुलतान सिंह ने मीडिया से कहा कि हम पिछले काफी समय से शुगर मिल कैथल के बाहर धरने पर बैठे हुए थे. हमारी मुख्य मांग थी कि गन्ने का भाव बढ़ाया जाए और जो चिप घोटाला हुआ था वो भी उजागर हो और दोषियों को सजा मिले.

कैथल में किसानों ने किया प्रदर्शन, जमकर की नारेबाजी

उन्होंने कहा कि उस समय धरना देने के दौरान हमारी प्रशासन के साथ कहीं पर बात भी हुई. लेकिन किसानों की समस्या का कोई भी हल नहीं निकला और इसका नतीजा ये रहा कि धरने पर बैठे हुए 5 किसानों के खिलाफ प्रशासन ने मामला दर्ज कर लिया.

उन्होंने कहा कि हालांकि उस समय किसानों को बोला गया था कि अब धरना खत्म करें और आपकी मांगे मानी जाएगी. किसानों के ऊपर जो मामले दर्ज किए गए हैं वो खारिज हो जाएंगे, लेकिन काफी समय होने के बाद भी अब तक वो मामले ज्यों के त्यों दर्ज हैं. इसी कारण आज भारतीय किसान संघ और किसानों ने मिलकर कैथल के लघु सचिवालय में सरकार और प्रशासन के खिलाफ खुलकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया.

साथ ही उन्होंने बीजेपी के पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर के ऊपर भी भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया उन्होंने कहा कि मनीष ग्रोवर ने चिप घोटाला और गन्ने की खोई बेचने के मामले में दोनों में मुख्य आरोपी ही मनीष ग्रोवर हैं. जिनके कहने पर ही कर्मचारियों ने चिप लगाई है और गन्ने की खोई को बेचा है.

कहीं ना कहीं सरकार कर्मचारियों को और अपने नेता को बचाने का काम कर रही है और किसानों के हक की आवाज को दबाया जा रहा है लेकिन किसान डरने वाला नहीं है. इन दोनों मांगों को लेकर किसानों ने अधिकारी और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया अगर समय रहते किसानों के ऊपर से एफआईआर नहीं हटाई गई तो किसान एक बड़ा आंदोलन प्रशासन और सरकार के खिलाफ कर सकते हैं.

सरकार इस मामले से पहले ही अवगत है और जिले का कर्मचारी जानबूझकर दोषियों को बचाने का काम कर रही है लेकिन किसान ऐसा नहीं होने देंगे चाहे उनकी जान तक चले जाए लेकिन किसान का हफ्ता उनको नहीं खाने देंगे.

ये भी पढ़ें- आम आदमी पार्टी को प्रचंड बहुमत, केजरीवाल तीसरी बार दिल्ली की सत्ता संभालने को तैयार

Intro:भारतीय किसान संघ व किसानों ने लघु सचिवालय में कैथल शुगर मिल एमडी जिला उपायुक्त और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर किया प्रदर्शन.




Body:हरियाणा में भाजपा सरकार के कार्यकाल का दूसरा पड़ाव शुरू हो गया है लेकिन अब भी भाजपा सरकार के खिलाफ लोगों का धरना देने का दौर समाप्त नहीं हुआ है.

आज कैथल के लघु सचिवालय में भारतीय किसान संघ व किसानों ने कैथल शुगर मिल के एमडी जिला उपयुक्त कैथल और भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्रदर्शन किया.
किसान नेता गुलतान सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम पिछले काफी समय से शुगर मिल कैथल के बाहर धरने पर बैठे हुए थे । हमारी मुख्य मांग थी कि गन्ने का भाव बढ़ाई जाए और जो चिप घोटाला हुआ था वह भी उजागर हो । और दोषियों को सजा मिले। उस समय धरना देने के दौरान हमारी प्रशासन के साथ कहीं पर बात भी हुई। लेकिन किसानों की समस्या का कोई भी हल नहीं निकल और इसका नतीजा यह रहा कि धरने पर बैठे हुए 5 किसानों के खिलाफ प्रशासन ने मामला दर्ज कर लिया। हालांकि उस समय किसानों को बोला गया था कि अब धरना खत्म करें और आपकी मांगे मानी जाएगी। किसानों के ऊपर जो मामले दर्ज किए गए हैं वह खारिज हो जाएंगे। लेकिन काफी समय होने के बाद भी अब तक वह मामले ज्यों के त्यों दर्ज है । इसी कारण आज भारतीय किसान संघ और किसानों ने मिलकर कैथल के लघु सचिवालय में सरकार और प्रशासन के खिलाफ खुलकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।

साथ ही उन्होंने भाजपा के पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर के ऊपर भी भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया उन्होंने कहा कि मनीष ग्रोवर ने
चिप घोटाला और गन्ने की खोई बेचने के मामले में दोनों में मुख्य आरोपी ही मनीष ग्रोवर है जिनके कहने पर ही कर्मचारियों ने चिप लगाई है और गन्ने की खोई को बेचा है कहीं ना कहीं सरकार कर्मचारियों को और अपने नेता को बचाने का काम कर रही है और किसानों के हक की आवाज को दबाया जा रहा है लेकिन किसान डरने वाला नहीं है।


Conclusion:इन दोनों मांगों को लेकर किसानों ने अधिकारी और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया अगर समय रहते किसानों के ऊपर से f.i.r. नहीं हटाई गई तो किसान एक बड़ा आंदोलन प्रशासन और सरकार के खिलाफ कर सकते हैं।

सरकार इस मामले से पहले ही अवगत है और जिले का कर्मचारी जानबूझकर दोषियों को बचाने का काम कर रही है लेकिन किसान ऐसा नहीं होने देंगे चाहे उनकी जान तक चले जाए लेकिन किसान का हफ्ता उनको नहीं खाने देंगे।
Last Updated : Feb 12, 2020, 8:48 AM IST
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