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जींदः 1971 के वीर शहीदों को किया गया याद, दी गई पुष्पांजलि - Victory Day celebration

जींद में विजय दिवस के मौके पर गोहाना रोड पर स्थित शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र चढ़ाकर शहीदों को नमन किया गया. इस दौरान पूर्व सैनिक सेवा परिषद, वरिष्ठ नागरिक फोरम के पदाधिकारियों समेत समाज के अनेक गणमान्य मौजूद रहे.

Victory Day celebrated in Jind
शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र चढ़ाकर शहीदों को नमन किया गया
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Published : Dec 16, 2019, 11:06 PM IST

जींद: जिले में विजय दिवस के मौके पर गोहाना रोड पर स्थित शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र चढ़ाकर शहीदों को नमन किया गया. इस दौरान पूर्व सैनिक सेवा परिषद , वरिष्ठ नागरिक फोरम के पदाधिकारियों समेत समाज के अनेक गणमान्य व्यक्ति, समाज सेवी संगठनों के प्रतिनिधि, वकील और स्कूली बच्चे शामिल थे. विजय दिवस के मौके पर हरियाणा पुलिस की टुकड़ी ने शस्त्र झुकाकर शहीदों को नमन किया.

16 दिसम्बर 1971 के दिन एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों ने किया था आत्मसमर्पण
इस अवसर पर जींद के उपायुक्त आदित्य दहीया ने कहा कि 16 दिसंबर 1971 का दिन भारतीय सेनाओं के इतिहास में स्वर्णिम दिन था. इस दिन भारतीय सेना ने अपने पराक्रम से एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों को आत्मसमर्पण करने को मजबूर कर दिया. इसीलिये आज के दिन को जश्ने फतह का त्योहार की तरह मनाया जाता है.

शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र चढ़ाकर शहीदों को नमन किया गया

इसे भी पढ़ें: एमडीयू और वायु सेना के बीच हुआ MoU, विश्वविद्यालय में एयर फोर्स ऑफिसर ले सकेंगे पीएचडी में प्रवेश

उन्होंने कहा कि हमें अपने कार्य को पूर्ण तत्परता, निष्ठा और उत्तरदायी तरीके से करना चाहीए. उन्होंने कहा कि हमें आजादी शहीदों की कुर्बानी से मिलती है. इस आजादी को सहेजकर रखने का दायित्व प्रत्येक भारतवासी का बनता है.

वहीं इस मौके पर सेवानिवृत कर्नल डीके भारद्वाज ने कहा कि भारतीय सेना के पराक्रम और दूरदर्शीता के कारण ही हम अपने इस अभियान में सफल हो पाए. उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आर्मी जनरल सैम मानेक शॉ को तुरंत हमला करने का आदेश दिया. लेकिन जनरल शैम मानेक शॉ ने दूरदर्शीता दिखाते हुए कहा कि हमला करने का काम आप हमपे छोड़ दीजिए. उसके 6 माह बाद आर्मी ने पाकिस्तान पर हमला करके उनको घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया. उन्होंने कहा कि हमारी सेना ने पराक्रम दिखाकर पाकिस्तान के एक लाख सैनिकों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया और पाकिस्तान को दो फाड़ कर दिया.

जींद: जिले में विजय दिवस के मौके पर गोहाना रोड पर स्थित शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र चढ़ाकर शहीदों को नमन किया गया. इस दौरान पूर्व सैनिक सेवा परिषद , वरिष्ठ नागरिक फोरम के पदाधिकारियों समेत समाज के अनेक गणमान्य व्यक्ति, समाज सेवी संगठनों के प्रतिनिधि, वकील और स्कूली बच्चे शामिल थे. विजय दिवस के मौके पर हरियाणा पुलिस की टुकड़ी ने शस्त्र झुकाकर शहीदों को नमन किया.

16 दिसम्बर 1971 के दिन एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों ने किया था आत्मसमर्पण
इस अवसर पर जींद के उपायुक्त आदित्य दहीया ने कहा कि 16 दिसंबर 1971 का दिन भारतीय सेनाओं के इतिहास में स्वर्णिम दिन था. इस दिन भारतीय सेना ने अपने पराक्रम से एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों को आत्मसमर्पण करने को मजबूर कर दिया. इसीलिये आज के दिन को जश्ने फतह का त्योहार की तरह मनाया जाता है.

शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र चढ़ाकर शहीदों को नमन किया गया

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उन्होंने कहा कि हमें अपने कार्य को पूर्ण तत्परता, निष्ठा और उत्तरदायी तरीके से करना चाहीए. उन्होंने कहा कि हमें आजादी शहीदों की कुर्बानी से मिलती है. इस आजादी को सहेजकर रखने का दायित्व प्रत्येक भारतवासी का बनता है.

वहीं इस मौके पर सेवानिवृत कर्नल डीके भारद्वाज ने कहा कि भारतीय सेना के पराक्रम और दूरदर्शीता के कारण ही हम अपने इस अभियान में सफल हो पाए. उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आर्मी जनरल सैम मानेक शॉ को तुरंत हमला करने का आदेश दिया. लेकिन जनरल शैम मानेक शॉ ने दूरदर्शीता दिखाते हुए कहा कि हमला करने का काम आप हमपे छोड़ दीजिए. उसके 6 माह बाद आर्मी ने पाकिस्तान पर हमला करके उनको घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया. उन्होंने कहा कि हमारी सेना ने पराक्रम दिखाकर पाकिस्तान के एक लाख सैनिकों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया और पाकिस्तान को दो फाड़ कर दिया.

Intro:Body:जींद में विजय दिवस के मौके पर गोहाना रोड़ पर स्थित शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र चढ़ाकर शहीदों को नमन किया गया। पूर्व सैनिक सेवा परिषद, वरिष्ठ नागरिक फोर्म के पदाधिकारियों समेत समाज के अनेक गणमान्य व्यक्ति,समाज सेवी संगठनों के प्रतिनिधि,वकील तथा स्कूली बच्चे शामिल थे। विजय दिवस के मौके पर हरियाणा पुलिस की टुकड़ी ने शस्त्र झुकाकर शहीदों को नमन किया।



 उपायुक्त डाक्टर अदित्य दहिया ने कहा कि 16 दिसम्बर 1971 का दिन भारतीय सेनाओं के इतिहास में स्वर्णिम दिन था। इस दिन भारतीय सेना के सम्मुख लगभग एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों ने एक समारोह में समर्पण किया था। इस जश्ने फतह को त्यौहार की तरह मनाया जाता है। हमें अपने कार्य को पूर्णतत्परता,निष्ठा व उत्तरदायी तरीके से करना चाहिए।  हमें आजादी शहीदों की कुर्बानी से मिली है इस आजादी को सहेजकर रखने का दायित्व प्रत्येक भारतवासी का बनता है।

बाइटः-2डाक्टर अदित्य दहिया उपायुक्त जींद

सेवानिवृत कर्नल डीके भारद्वाज ने भी विजय दिवस पर विस्तार से जानकारी दी और बताया कि आज के दिन भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सेना को समर्पण करने पर मजबूर कर दिया था।

बाइट - सेवानिवृत कर्नल डीके भारद्वाजConclusion:
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