जींद: मंगलवार को रेलवे पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जो बेहद अजीब तरीके से ट्रेन में लूटपाट किया करते थे. दरअसल ये गैंग देसी जुगाड़ की मदद से सिग्नल को रैड कर दिया करते थे और ट्रेन के रुकने पर लूट-पाट किया करते थे.
कैसे करते थे सिग्नल रैड?
पुलिस के अनुसार बदमाशों ने ट्रेन रोकने के लिए भौतिक-विज्ञान की साधारण तकनीक का इस्तेमाल किया. पटरियों के बीच एक जोड़ होता है और सर्किट को बंद करने के लिये इसमें इंसुलेटिंग मटेरियल (रोधक पदार्थ) भरा जाता है. ये लोग इस जोड़ में एक या दो रुपये का सिक्का डाल देते थे. ऐसा होने से पटरियों को अर्थ नहीं मिलता और सिग्नल हरे के बजाय लाल हो जाता था और ट्रेन रुकी रहती थी.
पकड़े गए आरोपी संदीप ने खुलासा किया कि 7 मई को गिरोह के सदस्यों ने पंजाब की तरफ जा रही धौलाधार एक्सप्रेस में यात्रियों से लूटपाट की थी. जहां पर उन्होंने ग्रीन सिग्नल को रेड करने के लिए पटरियों के बीच में सिक्का डाल दिया और ट्रेन रुकते ही गिरोह के सदस्य ट्रेन में सवार हो गए और यात्रियों से लूटपाट करके खेतों के रास्ते से फरार हो गए.
इनके साथ हुई थी लूटपाट
7 मई को धौलाधार एक्सप्रेस में स्लीपर में यात्रा कर रहे यात्री रमेश कुमार से बदमाशों ने एक सोने की चेन, दो कानों के झुमके, तीन सोने की अंगूठी, 4350 रुपये की नकदी, करीब 25 हजार रुपये के ब्यूटी प्रोडेक्ट, बच्चों के कपड़े सहित जरूरी कागजात लूटे थे. ट्रेन के दूसरे यात्री हर्ष कुमार से दस हजार रुपये की नकदी, एक मोबाइल, खाने-पीने का सामान लूटा था.