जींद: लिंग जांच की सूचना पर मंगलवार दोपहर बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बाल भवन के सामने स्थित शशि शर्मा अस्पताल पर छापेमारी की. छापेमारी की भनक लगते ही अस्पताल की संचालिका डॉक्टर शशि शर्मा वहां से निकल गई.
विभाग ने जिस गर्भवती महिला को फर्जी ग्राहक बनाकर भेजा गया था, डॉक्टर ने बिना कागजात लिए ही उसका अल्ट्रासाउंड कर दिया. विभाग की टीम ने जब अल्ट्रासाउंड केंद्र के रिकॉर्ड को चेक किया तो उसका नाम कहीं पर भी दर्ज नहीं मिला.
सिविल सर्जन डॉ. मनजीत सिंह की देखरेख में विभाग की टीम ने अल्ट्रासाउंड मशीन और कमरे को सील कर दिया. स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल संचालिका के खिलाफ कार्रवाई के लिए शहर थाना पुलिस को लिखित में शिकायत दी है.
भागने में कामयाब रही आरोपी डॉक्टर
सिविल सर्जन डॉक्टर मनजीत सिंह ने बताया कि विभाग के पास शशि शर्मा अस्पताल में लिंग जांच करने की शिकायतें लगातार मिल रही थी. इस पर विभाग की टीम ने एक गर्भवती महिला को डिकोय बनाया और उस महिला के माध्यम एक दलाल से संपर्क किया. दलाल ने उनको बताया कि लिंग जांच के लिए 55 हजार रुपये लगेंगे और महिला ने 55 हजार रुपये दे दिए.
मंगलवार को दलाल ने फोन करके बताया कि दोपहर बाद उसका अल्ट्रासाउंड शशि शर्मा अस्पताल में होगा. इसका पता चलते ही विभाग की टीम सक्रिय हो गई और सिविल सर्जन डॉ. मनजीत सिंह खुद टीम के साथ बाल भवन रोड पर पहुंच गए और दलाल महिला को अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए अस्पताल के अंदर ले गया.
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जहां पर बिना कागजात लिए ही महिला को अल्ट्रासाउंड रूम में ले गए और वहां पर मौजूद महिला चिकित्सक ने उसका अल्ट्रासाउंड कर दिया. जब महिला ने उससे गर्भ में पल रहे बच्चे के लिंग के बारे में पूछा तो महिला चिकित्सक ने कह दिया कि इसके बारे में जो उसको लेकर आया है उसको बता देंगे. इसी दौरान इशारा मिलते ही विभाग की टीम अस्पताल में चली गई, लेकिन महिला चिकित्सक चकमा देकर वहां से निकल गई.