जींद: दीनबंधू सर छोटू राम की जयंति पर नरवाना के चौ. छोटू राम पार्क में एक सास्कृतिक कार्यक्रम और हवन यज्ञ का आयोजन किया गया. जिसमें पूर्व मंत्री चौ. बीरेन्द्र सिंह ने हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि इस किसान आंदोलन में सबसे ज्यादा याद चौधरी छोटू राम को किया गया है.
उन्होंने कहा कि सबसे पहले कृषि सुधार इस देश में लेकर चौधरी छोटूराम आए थे. चाहे वो एपीएमसी था और एक नई सोच एमएसपी के नाम से उन्होंने दी थी. छोटू राम ने कहा था कि किसान को बस अन्नदाता मत समझो उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधारने के बारे में सोचो.
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बीरेन्द्र सिंह ने साथ में ये भी कहा कि हम जो 75 सालों में चौधरी छोटूराम के लिए नहीं कर सके वो 2 महीनों के आंदोलन में दूसरे किसान नेताओं से उनकी याद जरूर आई. बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि मैं ये समझता हूं कि ये आंदोलन जितना लंबा चलेगा उससे किसी को लाभ नहीं मिलने वाला. अभी तक तो हम ये समझ रहे थे कि ये आंदोलन सिर्फ किसानों का है, लेकिन इस कानूनों से सबसे ज्यादा चोट उपभोक्ता को लगने की संभावना नजर आने लगी है.
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किसान आंदोलन एक समाज का आंदोलन बनकर उभर रहा है. मेरा ये मानना है कि जल्द ही इस आंदोलन का समाधान निकले ये राष्ट्र हित, किसान हित और जो सरकार चला रहे हैं उनके भी हित में है. इस आंदोलन में जिन किसानों ने अपने प्राण गंवा दिए वो कोई छोटी बात नहीं है. अगर कोई ये बात कहे कि बीमार होकर मर गया या किसी को हार्ट अटैक आया है, तो ये उन लोगों की छोटी सोच है.
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बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि 44 साल में अमेरिका के अंदर सिर्फ 1500 ट्रैक्टर सड़कों पर उतरे थे तो अमेरिका सरकार को अपना कानून बदलना पड़ा था. अब आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हो. मैं तो ये बात कह रहा हूं तीनों कानून सरकार किसानों को देकर इनको दोबारा से बनवाए और हो गया समस्या का समाधान. बहुत आसान है अगर कोई मेरी इस बात को मान ले तो.