झज्जर: बहादुरगढ़ से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. महिला कांग्रेस की सक्रिय नेताओं में शुमार नीना राठी और किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष सतपाल राठी ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया है. दोनों ने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा पर अनदेखी के आरोप लगाए हैं. महिला कांग्रेस की पूर्व नेता नीना राठी ने कांग्रेस पर परिवारवाद और चापलूसी करने वालों की पार्टी करार दिया है.
नीना राठी ने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें हमेशा उपेक्षित ही किया है. नीना राठी ने कहा कि 2016 में नगर परिषद चेयरपर्सन के पद के लिए वह कांग्रेस की सबसे मजबूत उम्मीदवार थी. लेकिन अंदरूनी गुटबाजी के चलते नगर परिषद चेयरपर्सन की दावेदारी शीला राठी को मिल गई. वहीं दीपेंद्र हुड्डा के वोट और टॉस से शीला राठी चेयरपर्सन भी बन गई.
नीना राठी ने बताया कि 2019 विधानसभा चुनाव में बहादुरगढ़ से उनकी और सतपाल राठी की दावेदारी थी. लेकिन टिकट राजेंद्र जून को मिली. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में हमेशा उन्हें उपेक्षित ही किया गया है. उन्होंने बताया कि प्रदेश भर में महिला कांग्रेस की यात्रा निकलवाने के लिए उन्होंने बहुत मेहनत की. लेकिन कांग्रेस के लिए काम और जमकर खर्च करने के बावजूह उन्हें हुड्डा ने सम्मान नहीं दिया. उन्हें हमेशा उपेक्षा का शिकार होना पड़ा.
कांग्रेस को अलविदा कहने का मुख्य कारण
दरअसल महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुमित्रा चौहान के भाजपा में चले जाने के बाद महिला कांग्रेस की अध्यक्ष पद पर नीना राठी का दावा सबसे मजबूत माना जा रहा था. लेकिन नीना की राह में हुड्डा खेमा रोड़ा अटकाए बैठ गया. जिसके बाद से नाराजगी इतनी बढ़ी कि कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय यह दंपत्ति अब कांग्रेस को अलविदा कह दिया है.
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