हिसार: गेहूं खरीद का सीजन अब स्पीड पकड़ रहा है. मंडियों में हालांकि शुरुआत में आवक धीमी थी और नमी के कारण खरीद भी नहीं हो पा रही थी, लेकिन अब जहां एक ओर नमी की समस्या दूर हो गई है तो वहीं एजेंसियों ने खरीद भी शुरू कर दी है. जिले में सभी तक 7 लाख 60 हजार क्विंटल से ज्यादा की खरीद की जा चुकी है, लेकिन अभी तक सिर्फ 77 हजार 404 क्विंटल का ही उठान एजेंसियां कर पाई है. ऐसे में इस समय जिले की मंडियों में 6 लाख 49 हजार 900 क्विंटल से ज्यादा गेहूं का स्टॉक पड़ा है.
हिसार जिले में कुल खरीद मंगलवार तक
- खरीद - 7 लाख 60 हजार किवंटल से ज्यादा
- उठान - 77 हजार 404 किवंटल से ज्यादा
- मंडी पड़ा खरीदा गया स्टॉक - करीब 6 लाख 49 हजार 900 किवंटल
अब ऐसे में मंडी में पैर रखने की भी जगह नहीं बची है और किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हिसार अनाज मंडी की बात की जाए तो करीब 2 लाख कट्टे यानी एक लाख क्विंटल खरीदी जा चुकी है, लेकिन उसमें से सिर्फ 7500 कट्टे यानी 3750 किवंटल ही उठान हो पाया है.
मंडी में हालात ये है कि आधे से ज्यादा गेहूं शेड से बाहर सड़क पर पड़ा है. आढ़तियों का कहना है कि उठान का काम भी ऑनलाइन रोस्टर कटने के बाद होता है, जिसकी वजह से कई बार नेट नहीं चलता और उठान प्रक्रिया में देरी हो रही है. एसेंजिओं को जल्द से जल्द खरीदे गए गेहूं का उठान करके उन्हें गोदामों तक पहुंचाना चाहिए ताकि किसानों को भी जगह मिले और सही तरीके से और भी गेहूं खरीदी जा सके.
हिसार अनाज मंडी में गेहूं खरीद
- कुल खरीद - 99929 किवंटल
- हैफेड - 61282 किवंटल
- डीएफएससी - 5373 किवंटल
- एफसीआई - 33274 किवंटल
अनाज मंडी आढ़तियों के प्रधान छबीलदास केडिया ने कहा की उठान न होने की वजह से बहुत सी समस्याएं हो रही है. नई गेहूं डलवाने के लिए जगह नहीं है और शेड से बाहर बहुत सा गेहूं पढ़ा है. अगर बारिश आती है तो आढ़तियों को बहुत ज्यादा नुकसान होगा और खरीद एजेंसियां उस गेहूं को लेने से मना कर देंगे. वहीं उठान नहीं होने की वजह से लेबर भी खाली है.
खरीद एजेंसी हैफेड के मैनेजर संजीव कुमार ने बताया कि कई बार नेट नहीं चलने और सर्वर की कमी की वजह से देरी होती है. किसानों की फसल खरीदने का शेड्यूल मार्केट कमेटी की तरफ से जारी किया जाता है, जिसके पास मैसेज जाता है उसी किसान का गेट पास जारी होता है और उसी की फसल खरीदी जाती हैं. उठान की देरी को लेकर उन्होंने कहा कि अभी ऑनलाइन नेट सिस्टम की वजह से काम बाधित है और कुछ सीजन की शुरुआत है तो गाड़ियों की भी कमी है. जल्द ही इस समस्या को सुलझा लिया जाएगा.
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मंडी में परेशान घूम रही लेबर का कहना है की उठान बहुत धीमी गति से हो रहा है. ऊपर से गर्मी बहुत ज्यादा है. पूरी मंडी जाम पड़ी है. कहीं भी दाना डालने के लिए जगह नहीं है. हमने सुबह से एक गाड़ी लोड की है, अगर ऐसा चला तो कम काम होगा तो हमें कम पैसा मिलेगा.
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किसान बलवान सिंह जोकि गांव बडा जाटान से मंडी में फसल बेचने आए थे. उन्होंने बताया कि 2 दिन से उनकी गेहूं नहीं बिकी है. पहले जो किसान मंडी में आता था उसका कूपन देकर गेट पास बनाया जाता था, लेकिन अब ये बंद कर दिया गया है, जिसके पास मैसेज आएगा उसी की खरीदी जाएगी. अब 2 दिन से उनकी गेहूं यही पड़ी है कोई खरीदने को तैयार नहीं है.
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अब प्रतिदिन मंडियों में औसतन 2 लाख क्विंटल गेहूं की खरीद की जा रही है. प्रतिदिन खरीद की रफ्तार भी डेढ से दो गुणा हो रही है. अब तक जिला की मंडियों में 10 लाख क्विंटल से ज्यादा का गेहूं आ चुका है, इसमें से 7.60 लाख क्विंटल से ज्यादा गेहूं की खरीद कर ली गई है, लेकिन उठान की रफ्तार धीमी है जबकि मंडियों में आवक तेज है. ऐसे में अब मंडियों में गेहूं रखने की जगह की कमी पड़ने लगी है. ज्यादातर गेंहू शेड के बाहर खुले में पड़ा है. ऐसे में बारिश आती है तो आढ़ती को बहुत ज्यादा नुकसान होगा ही साथ गेहूं भी खराब होगी.