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कोरोना के नए स्ट्रेन की पहचान के लिए हरियाणा से दिल्ली भेजे जा रहे सैंपल

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Published : Apr 3, 2021, 6:38 PM IST

हरियाणा सहित पूरे देश में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है. ऐसे में नए स्ट्रैन खोजने के लिए सैंपल हरियाणा से दिल्ली भेजे जा रहे हैं. हिसार से अबतक 50 सैंपल दिल्ली भेजे जा चुके हैं.

corona new strain sample haryana
कोरोना का नया स्ट्रेन खोजने के लिए हरियाणा से दिल्ली भेजे जा रहे सैंपल

हिसार: कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन तेजी से देश में फैल रहा है. अभी हरियाणा में नए स्ट्रेन को जांचने की सुविधा उपलब्ध नहीं है. ऐसे में हरियाणा से नए स्ट्रेन जांचने के लिए सैंपल दिल्ली भेजे जा रहे हैं. अभी तक हिसार से 50 सैंपल दिल्ली भेजे जा चुके हैं.

बता दें कि सैंपल हर महीने दिल्ली भेजे जा रहे हैं. इन सैंपलों को भेजने का काम राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र (एनआरसीई) कर रहा है. इसमें विदेश से आए सभी लोगों के सैंपल तो भेजने ही हैं, साथ ही सामन्य लोगों के भी सैंपल भेजे जा रहे हैं, ताकि अगर नया स्ट्रेन हो तो उसका वक्त रहते पता चल सके.

ये भी पढ़िए: कोरोना का हॉटस्पॉट बन रहा सिरसा का ये स्कूल! अबतक 9 केस आए सामने

इसके अलावा नए स्ट्रेन को जांचने के लिए सीक्वेंसिंग बनानी पड़ती है, जो मौजूदा आरटीपीसीआर टेस्ट में कुछ परिवर्तन करने के बाद से थोड़ा अलग है.

नए स्ट्रेन जांचने की ये है प्रक्रिया
कोविड-19 के नए स्ट्रेन को जांचने के लिए मौजूदा आरटीपीसीआर मशीन में कुछ तब्दीली करनी होती है. नए स्ट्रेन के हिसाब से कंपोजिंग की जाती है तब रंगों के आधार पर नए स्ट्रेन का पता चलता है. राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र में वरिष्ठ विज्ञानी डॉ. बीआर गुलाटी बताते हैं कि इस काम को करने का काम अभी दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ बॉयोटेक्नाेलॉजी ही कर रहा है. आगामी समय में अगर कंपोजिंग क्षमता बढ़ेगी तो अन्य संस्थान भी इस टेस्ट काे कर सकेंगे.

हिसार: कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन तेजी से देश में फैल रहा है. अभी हरियाणा में नए स्ट्रेन को जांचने की सुविधा उपलब्ध नहीं है. ऐसे में हरियाणा से नए स्ट्रेन जांचने के लिए सैंपल दिल्ली भेजे जा रहे हैं. अभी तक हिसार से 50 सैंपल दिल्ली भेजे जा चुके हैं.

बता दें कि सैंपल हर महीने दिल्ली भेजे जा रहे हैं. इन सैंपलों को भेजने का काम राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र (एनआरसीई) कर रहा है. इसमें विदेश से आए सभी लोगों के सैंपल तो भेजने ही हैं, साथ ही सामन्य लोगों के भी सैंपल भेजे जा रहे हैं, ताकि अगर नया स्ट्रेन हो तो उसका वक्त रहते पता चल सके.

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इसके अलावा नए स्ट्रेन को जांचने के लिए सीक्वेंसिंग बनानी पड़ती है, जो मौजूदा आरटीपीसीआर टेस्ट में कुछ परिवर्तन करने के बाद से थोड़ा अलग है.

नए स्ट्रेन जांचने की ये है प्रक्रिया
कोविड-19 के नए स्ट्रेन को जांचने के लिए मौजूदा आरटीपीसीआर मशीन में कुछ तब्दीली करनी होती है. नए स्ट्रेन के हिसाब से कंपोजिंग की जाती है तब रंगों के आधार पर नए स्ट्रेन का पता चलता है. राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र में वरिष्ठ विज्ञानी डॉ. बीआर गुलाटी बताते हैं कि इस काम को करने का काम अभी दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ बॉयोटेक्नाेलॉजी ही कर रहा है. आगामी समय में अगर कंपोजिंग क्षमता बढ़ेगी तो अन्य संस्थान भी इस टेस्ट काे कर सकेंगे.

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