हिसार: सयुंक्त मोर्चा के आह्वान पर हिसार में रेल रोकने के लिए रामायण गांव के पास ट्रैक पर बड़ी किसान पहुंचे. वहीं किसी भी सूरत में हालात न बिगड़े इसके लिए भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है. किसान संगठनों की ओर से दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक रेल रोकने का आह्वान किया गया.
हालांकि इस दौरान हिसार में किसी भी गाड़ी का आज आवागमन नहीं है, फिर भी मालगाड़ी व रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के मद्दे नजर भारी संख्या में पुलिस बल व आरपीएफ के जवान मौजूद रहे है. किसान संगठनों की ओर से हिसार में चार जगह चिड़ौद, आमदपुर, उकलाना-बरवाला व रामायण-मय्यड़ गांव में रेल रोकने का स्थान बनाया गया.
हिसार के रामायण टोल के पास बने रेलवे ट्रैक पर सुबह 8:00 बजे से ही ग्रामीणों का आना शुरू हो गया. ग्रामीणों ने रेलवे ट्रैक पर गद्दे कालीन बिछा लिए, ताकि वे आसानी से रेलवे ट्रैक पर बैठ कर अपना आंदोलन कर सकें. दोपहर 1:00 बजे तक गांव से काफी संख्या में लोग रेलवे ट्रैक पर पहुंच गए.
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सुरक्षा को लेकर पुलिस रही तैनात
इसके साथ ही रेलवे पुलिस फोर्स व जीआरपी भी हालातों को बिगड़ने की स्थिति में काबू करने के लिए तैनात दिखाई दी. इसके साथ ही जो महिलाएं ट्रैक्टर पर भर-भर के आ रही थी. वो महिलाएं कृषि बिलों को लेकर जमकर नारेबाजी करती दिखाई दी. रेलवे ट्रैक पर बैठने के बाद भी किसान सरकार के फैसले के प्रति अपनी नाराजगी दिखाई देते दिखे.
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आंदोलन के दौरान दिखे किसानों के विभिन्न रंग
किसान सोशल मीडिया के माध्यम से अपने आंदोलन की फोटो और वीडियो भी बनाते दिखाई दिए. पिछले लंबे समय के बाद रामायण टोल में यह बड़ी भीड़ को आंदोलन के तहत देखी जा रही है. कृषि कानूनों के विरोध के साथ-साथ इस आंदोलन में नए-नए रंग भी दिखाई दे रहे हैं. किसान रेलवे ट्रैक पर बैठकर ताश खेलते दिखाई दिए. तो वहीं दूसरी ओर हुक्का भी गुड़गुड़ा रहे थे.
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रेल रोकने के लिए पूरे देश में 3 हजार प्वॉइंट्स बनाए गए
धरने की अध्यक्षता कर रहे किसान नेता व संयुक्त मोर्चा के सदस्य सुरेश कोथ ने कहा कि सरकार बार-बार आरोप लगा रही है कि ये आंदोलन पूरे देश का नहीं है मात्र दो तीन राज्यों का है. तो सरकार को ये दिखाने के लिए हमने ये रेल रोको आह्वान किया था और इसके तहत पूरे देश में 3000 पॉइंट रेल रोकने के लिए बनाए गए थे. आंदोलन की व्यापकता को दिखाने के लिए ही ये प्रोग्राम बनाया गया था.
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