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केंद्रीय सहकारी बैंक हिसार में वेतन और भर्ती घोटाले के खिलाफ उतरे कर्मचारी - केंद्रीय सहकारी बैंक कर्मचारी प्रदर्शन

हिसार में केंद्रीय सहकारी बैंक के कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने बैंक में वेतन और भर्ती में भारी घोटाले का आरोप लगाए हैं.

Pay and recruitment scam case in Central Cooperative Bank Hisar
Pay and recruitment scam case in Central Cooperative Bank Hisar
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Published : Oct 16, 2020, 9:24 PM IST

हिसार: वित्तीय संस्थान ठेका कर्मचारी संघ ने केंद्रीय सहकारी बैंक हिसार में वेतन भर्ती में भारी घोटाले का आरोप लगाया है. इसी को लेकर शुक्रवार को केन्द्रीय सहकारी बैंक रेलवे रोड पर प्रदर्शन करते हुए जोरदार विरोध जताया गया.

संघ के प्रदेश महामंत्री हनुमान गोदारा ने बताया कि केंद्रीय सहकारी बैंक हिसार में लगभग 150 अनुबंधित कर्मचारी वर्षों से कार्यरत है. बैंक प्रबंधन ठेकेदार के साथ मिलीभगत करके हर महीने तीन से चार लाख रुपये कम वेतन का भुगतान इन अनुबंधित कर्मचारियों के साथ कर रहे हैं. ये गोरखधंधा साल 2013 से लगातार जारी है.

संघ ने इसकी शिकायत 10 मई और 4 अगस्त को बैंक के महाप्रबंधक से की थी और एक शिकायत उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां हिसार को भी दी गई थी. इस जांच के दौरान यह भी ज्ञात हुआ है कि ठेका देते समय बैंक प्रबंधन ने सरकार व श्रम विभाग की हिदायतों का उल्लंघन कर एक निश्चित मानसिकता व उद्देश्य से मैसर्ज बाला सिक्योरिटी सर्विस प्राइवेट लिमिडेट को ठेका दिया गया, जो आज तक अनाधिकृत तौर से जारी है.

जबकि ये ठेका केवल एक साल के लिए दिया गया था. ठेके के अनुबंध के अनुसार केवल गनमैन और सेवादार का ठेका दिया गया था, लेकिन बैंक प्रबंधन ने बिना किसी अप्रोवाल के लिपिक, डीईओ भी इसी ठेके के अन्तर्गत लगा लिए. इसमें भी सरकार द्वारा जारी आउट सोर्सिंग पॉलिसी का उल्लंघन कर भर्तियां की गई.

उन्होंने आरोप लगाया कि जब इस घोटाले की जांच शुरू हुई तो प्रबंधन ने दबाव बनाने के लिए दर्जनों कर्मचारियों के तबादले कर दिए और उन्हें नौकरी से निकालकर नए कर्मचारियों की भर्ती शुरू कर ली. जांच अधिकारी ने भी अपनी जांच रिपोर्ट में ये माना है कि झुठी शिकायतों के आधार पर कर्मचारियों को निकाला जा रहा है.

ये भी पढ़ें- शुक्रवार को चंडीगढ़ में आए कोरोना के 55 नए मरीज, 5 मरीजों की हुई मौत

ये मामला श्रम न्यायालय में विचाराधीन है, लेकिन फिर भी कर्मचारियों की आवाज को दबाने के लिए उनका तबादला दिल्ली और गुरुग्राम कर दिया गया, जबकि वहां पर बैंक की कोई ब्रांच नहीं है. इसे लेकर कर्मचारियों में भारी रोष है. उन्होंने कहा कि अगर निकाले गए कर्मचारियों को दोबारा काम पर नहीं लिया गया और तबादले रद्द नहीं किए गए तो संघ आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएगा. इस को लेकर 19 अक्टूबर को श्रम कोर्ट मे तारीख है. अगर वहां फैसला नहीं हुआ तो आगामी फैसला उसी दिन लिया जाएगा.

हिसार: वित्तीय संस्थान ठेका कर्मचारी संघ ने केंद्रीय सहकारी बैंक हिसार में वेतन भर्ती में भारी घोटाले का आरोप लगाया है. इसी को लेकर शुक्रवार को केन्द्रीय सहकारी बैंक रेलवे रोड पर प्रदर्शन करते हुए जोरदार विरोध जताया गया.

संघ के प्रदेश महामंत्री हनुमान गोदारा ने बताया कि केंद्रीय सहकारी बैंक हिसार में लगभग 150 अनुबंधित कर्मचारी वर्षों से कार्यरत है. बैंक प्रबंधन ठेकेदार के साथ मिलीभगत करके हर महीने तीन से चार लाख रुपये कम वेतन का भुगतान इन अनुबंधित कर्मचारियों के साथ कर रहे हैं. ये गोरखधंधा साल 2013 से लगातार जारी है.

संघ ने इसकी शिकायत 10 मई और 4 अगस्त को बैंक के महाप्रबंधक से की थी और एक शिकायत उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां हिसार को भी दी गई थी. इस जांच के दौरान यह भी ज्ञात हुआ है कि ठेका देते समय बैंक प्रबंधन ने सरकार व श्रम विभाग की हिदायतों का उल्लंघन कर एक निश्चित मानसिकता व उद्देश्य से मैसर्ज बाला सिक्योरिटी सर्विस प्राइवेट लिमिडेट को ठेका दिया गया, जो आज तक अनाधिकृत तौर से जारी है.

जबकि ये ठेका केवल एक साल के लिए दिया गया था. ठेके के अनुबंध के अनुसार केवल गनमैन और सेवादार का ठेका दिया गया था, लेकिन बैंक प्रबंधन ने बिना किसी अप्रोवाल के लिपिक, डीईओ भी इसी ठेके के अन्तर्गत लगा लिए. इसमें भी सरकार द्वारा जारी आउट सोर्सिंग पॉलिसी का उल्लंघन कर भर्तियां की गई.

उन्होंने आरोप लगाया कि जब इस घोटाले की जांच शुरू हुई तो प्रबंधन ने दबाव बनाने के लिए दर्जनों कर्मचारियों के तबादले कर दिए और उन्हें नौकरी से निकालकर नए कर्मचारियों की भर्ती शुरू कर ली. जांच अधिकारी ने भी अपनी जांच रिपोर्ट में ये माना है कि झुठी शिकायतों के आधार पर कर्मचारियों को निकाला जा रहा है.

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ये मामला श्रम न्यायालय में विचाराधीन है, लेकिन फिर भी कर्मचारियों की आवाज को दबाने के लिए उनका तबादला दिल्ली और गुरुग्राम कर दिया गया, जबकि वहां पर बैंक की कोई ब्रांच नहीं है. इसे लेकर कर्मचारियों में भारी रोष है. उन्होंने कहा कि अगर निकाले गए कर्मचारियों को दोबारा काम पर नहीं लिया गया और तबादले रद्द नहीं किए गए तो संघ आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएगा. इस को लेकर 19 अक्टूबर को श्रम कोर्ट मे तारीख है. अगर वहां फैसला नहीं हुआ तो आगामी फैसला उसी दिन लिया जाएगा.

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