हिसार: हिसार के लघुसचिवालय गेट पर गुरुवार को किसान और मजदूरों की विभिन्न मांगों को लेकर महापंचायत हुई. इस महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा के राज्य स्तरीय नेता भी शामिल हुए. नेताओं ने महापंचायत में फैसला लिया कि हमारी जो भी मांगे हैं उसको लेकर पहले प्रशासन के साथ एक मीटिंग की जाएगी. मीटिंग डीसी हिसार मौजूद रहेंगे. जिसको लेकर हमने डीसी हिसार को एक ज्ञापन भी सौंपा है. किसान नेताओं का कहना है कि ज्ञापन के जरिए डीसी हिसार से मीटिंग के लिए समय मांगा गया है. अगर मीटिंग में सहमति नही बनी तो हिसार लघुसचिवालय के गेट पर ताला लगाकर यहां पक्का मोर्चा लगाकर आंदोलन शुरू किया जाएगा.
किसान नेताओं ने कहा कि 2020-21 के दौरान जिला हिसार में खराब हुई फसलों का मुआवजा तुरंत प्रभाव से दिया जाए. डीसी को दिए गए मांग पत्र में उन्होंने 22 मई को स्याहड़वा गांव के खेत में ट्यूबवेल के कुए में दबकर एक किसान और एक मजदूर की जो मृत्यु हुई है उनके परिवार को 50-50 लाख रुपये आर्थिक सहायता देने की मांग की है. उन्होंने साथ में कहा है कि पीड़ित परिवार के एक-एक सदस्य को स्थाई रूप से करवाई जाए.
इसी प्रकार उपायुक्त को दिए गए ज्ञापन में 2022 की फसल जो पूरे हिसार जिला में विभिन्न स्थानों पर आगजनी व अन्य किसी वजह से बर्बाद हुई है. उन सब का भी मुआवजा दिया जाए. ज्ञापन में 24 मई को किसान मोर्चा के आह्वान पर अपनी मांगों को लेकर किए जा रहे धरना प्रदर्शन के दौरान लघु सचिवालय हिसार के सामने हुई मामूली घटना के संबंध में 35 किसानों पर निराधार और तथ्यहीन आरोपों को लेकर एक मुकदमा दर्ज किया गया जो पूरी तरह आधारहीन है इसको तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाए.
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