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रातभर जागने की टेंशन खत्म! हरियाणा के किसान ने बनाई ऐसी डिवाइस, घर बैठे चला सकते हैं ट्यूबवेल, नेपाल तक से आ रहे ऑर्डर

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Published : Apr 19, 2022, 8:18 PM IST

कहते हैं आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है. हरियाणा के एक किसान ने भी ऐसी ही जरूरत को देखकर एक आविष्कार कर डाला जो किसानों के लिए वरदान बन गया. किसान ने एक ऐसी डिवाइस बनाई जिससे खेत सिंचाई के लिए किसानों की रातभर जागने की टेंशन खत्म हो गई.

haryana tubewell start automatic device
haryana tubewell start automatic device

हिसार: किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या रात के समय फसलों में सिंचाई की होती है, क्योंकि अक्सर ट्यूबवेल की बिजली सप्लाई रात को भी आती है और किसानों को रात 2 बजे तक खेतों में ट्यूबवेल मोटर चलाने के लिए जागना पड़ता है. सर्दी के मौसम में किसानों को बड़ी समस्या होती है और रात रात भर जाग कर बिजली सप्लाई और मोटर का ध्यान रखना पड़ता है. इस हाईटेक जमाने में किसानों को भी हाईटेक करने का बीड़ा हिसार के सुनील कुमार ने उठाया है. सुनील ने ऐसा डिवाइस तैयार किया है जिसके जरिए किसान घर बैठे अपने मोबाइल के जरिए पानी की मोटर स्टार्ट कर (haryana tubewell start automatic device) सकते हैं, बंद कर सकते हैं.

दरअसल हर नई खोज किसी न किसी समस्या को देखकर ही होती है. सुनील एक किसान परिवार से संबंध रखते हैं, उन्होंने अपने पिता को रात को खेतों में पानी देने के लिए परेशान होते देखा तो सोचा कि क्यों न कोई ऐसा डिवाइस बनाया जाए जिससे इस समस्या का समाधान हो. सुनील ने बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की पढ़ाई की है. करीब 5 साल पहले उन्होंने यह डिवाइस तैयार किया था. इसके बाद उन्हें हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के एबिक सेंटर से सपोर्ट मिली और आज वह हरियाणा, राजस्थान में भी करीब 5000 से ज्यादा किसानों के ट्यूबवेल पर यह डिवाइस इंस्टॉल करवा चुके हैं. इतना ही नहीं सुनील नेपाल के भी करीब ढाई सौ किसानों को यह डिवाइस इंस्टॉल करवा चुके हैं.

रातभर जागने की टेंशन खत्म! हरियाणा के किसान ने बनाई ऐसी डिवाइस, घर बैठे चला सकते हैं ट्यूबवेल, नेपाल तक से आ रहे ऑर्डर

क्या हैं इस डिवाइस के फीचर- ये एक छोटे से बॉक्स की तरह का डिवाइस है जिसे ट्यूबवेल के स्टार्टर की जगह इंस्टॉल किया जाता है. इस डिवाइस में सिम डाला जाता है जिसके जरिए यह कमांड भेजता और लेता है. इस डिवाइस को इस तरह से प्रोग्राम किया जाता है कि डाले गए इस सिम पर फोन करेंगे तो प्रोग्रामिंग के जरिए ही बिजली की स्थिति, बिजली के लोड की क्षमता व मोटर की करंट स्टेटस का पता चल जाता है. फोन के जरिये ही मोटर को चालू या बंद करने के लिए कमांड मांगता है. इस नंबर पर फोन कर किसान जान सकते हैं कि बिजली सप्लाई लाइन चालू है या नहीं, मोटर शुरू करने के लिए सात नंबर दबाकर शुरू कर सकते हैं और फिर दोबारा फोन कर नो नंबर दबाकर उसे बंद कर सकते हैं.

haryana tubewell start automatic device
सुनील ने ये डिवाइस तैयार की है, वे बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं

ये भी पढ़ें- हरियाणा के किसान ने परंपरागत खेती से नुकसान होने पर शुरू किया हॉर्टिकल्चर, एक एकड़ से कमा रहे ढाई से तीन लाख रुपये

इतना ही नहीं अगर आप मोटर शुरू करने के लिए कमांड देते हैं, और लाइट नहीं है तो जैसे ही लाइट आएगी यह डिवाइस किसान को फोन कर अलर्ट देगा कि लाइट सप्लाई आ गई है और आप मोटर शुरू करना चाहे तो शुरू कर सकते हैं. लाइट सप्लाई आते ही किसान को मैसेज के जरिए लाइट की वोल्ट, मोटर का लोड आदि इनफार्मेशन भी भेजी जाती है. वहीं किसान चाहे तो इस डिवाइस में टाइम भी सेट कर सकते हैं कि उन्हें कितने टाइम तक मोटर चलानी है और किस टाइम से किस टाइम तक बंद करनी है. उदाहरण के लिए किसान चाहे तो रात को 2:00 बजे मोटर चलाने का टाइम सेट कर सकता है और कितने घंटे बाद इसको ऑटोमेटिक बंद करना है यह भी कमांड दी जा सकती है.

haryana tubewell start automatic device
इस डिवाइस के कई मॉडल तैयार किए गए हैं

कीमत और खर्चा- इस डिवाइस की कीमत करीब 5000 रुपये से शुरू होती है और अधिक फीचर वाला टॉप मॉडल करीब 6500 रुपये का है. इस डिवाइस के लिए सुनील कुमार की कंपनी केल्विन टेक 1 साल की संपूर्ण गारंटी देती है और पूरे भारत में इसे आर्डर करने पर डिलीवर किया जाता है. फोन पर सपोर्ट के जरिए सुनील कुमार इसे इंस्टॉल करवाते हैं. डिवाइस का खर्चा एकमुश्त है. इसके बाद इसका कोई रेंट या चार्ज नहीं होता है. हालांकि इस डिवाइस में जो सिम प्रयोग होती है उसको चालू रखने के लिए वेलिडिटी और मैसेज का रिचार्ज करवाना जरूरी होता है जो अधिकतम 70 से 80 रुपये महीना का खर्चा आता है.

haryana tubewell start automatic device
फोन के जरिए इस डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है

किसान को सुविधा के साथ बचत भी- इस डिवाइस को लगाने के बाद किसान को ट्यूबवेल मोटर जलने का खतरा नहीं रहेगा. इस डिवाइस में यह फीचर दिया गया है कि जैसे ही ट्यूबवेल ने पानी उठाना बंद कर दिया या फिर किसी तार में कोई शॉर्ट सर्किट होता है या लाइट की सप्लाई में कोई गड़बड़ आती है तो यह मोटर को जलने से बचाता है. हाई और लो वोल्टेज के समय भी यह ऑटोमेटिक मोटर बंद कर देता है. मोटर को बंद करने के बाद यह किसान को अलर्ट भी भेजता है कि इस वजह से मोटर बंद की गई है.

सुनील कुमार ने बताया कि 5 साल पहले यह डिवाइस बनाया था और जो किसानों को डिवाइस लगाए थे वह आज भी 5 साल से चल रहे हैं. इस डिवाइस को बनाने के पीछे उद्देश्य किसानों की समस्याओं का समाधान करना है. इसके अलावा किसानों का सबसे बड़ा खर्चा मोटर जलने से होता है उससे भी यह डिवाइस बचाता है. जिन भी किसानों के लिए मैंने ये डिवाइस लगाया गया आज सभी को अच्छा रिजल्ट मिल रहा. देश में हर फील्ड में डिजिटल और नई टेक्नोलॉजी आई है और हम किसानों के लिए ये टेक्नोलॉजी लेकर आएं हैं. अब जरूरत है तो देश के किसानों को जागरूक करने की ताकि वह आधुनिक तरीके से खेती को और उत्तम कर सकें.

ये भी पढ़ें- पारंपरिक खेती छोड़ बागवानी की तरफ बढ़ रहे किसान, तीन महीने में होता है 10 लाख तक कारोबार

हिसार: किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या रात के समय फसलों में सिंचाई की होती है, क्योंकि अक्सर ट्यूबवेल की बिजली सप्लाई रात को भी आती है और किसानों को रात 2 बजे तक खेतों में ट्यूबवेल मोटर चलाने के लिए जागना पड़ता है. सर्दी के मौसम में किसानों को बड़ी समस्या होती है और रात रात भर जाग कर बिजली सप्लाई और मोटर का ध्यान रखना पड़ता है. इस हाईटेक जमाने में किसानों को भी हाईटेक करने का बीड़ा हिसार के सुनील कुमार ने उठाया है. सुनील ने ऐसा डिवाइस तैयार किया है जिसके जरिए किसान घर बैठे अपने मोबाइल के जरिए पानी की मोटर स्टार्ट कर (haryana tubewell start automatic device) सकते हैं, बंद कर सकते हैं.

दरअसल हर नई खोज किसी न किसी समस्या को देखकर ही होती है. सुनील एक किसान परिवार से संबंध रखते हैं, उन्होंने अपने पिता को रात को खेतों में पानी देने के लिए परेशान होते देखा तो सोचा कि क्यों न कोई ऐसा डिवाइस बनाया जाए जिससे इस समस्या का समाधान हो. सुनील ने बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की पढ़ाई की है. करीब 5 साल पहले उन्होंने यह डिवाइस तैयार किया था. इसके बाद उन्हें हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के एबिक सेंटर से सपोर्ट मिली और आज वह हरियाणा, राजस्थान में भी करीब 5000 से ज्यादा किसानों के ट्यूबवेल पर यह डिवाइस इंस्टॉल करवा चुके हैं. इतना ही नहीं सुनील नेपाल के भी करीब ढाई सौ किसानों को यह डिवाइस इंस्टॉल करवा चुके हैं.

रातभर जागने की टेंशन खत्म! हरियाणा के किसान ने बनाई ऐसी डिवाइस, घर बैठे चला सकते हैं ट्यूबवेल, नेपाल तक से आ रहे ऑर्डर

क्या हैं इस डिवाइस के फीचर- ये एक छोटे से बॉक्स की तरह का डिवाइस है जिसे ट्यूबवेल के स्टार्टर की जगह इंस्टॉल किया जाता है. इस डिवाइस में सिम डाला जाता है जिसके जरिए यह कमांड भेजता और लेता है. इस डिवाइस को इस तरह से प्रोग्राम किया जाता है कि डाले गए इस सिम पर फोन करेंगे तो प्रोग्रामिंग के जरिए ही बिजली की स्थिति, बिजली के लोड की क्षमता व मोटर की करंट स्टेटस का पता चल जाता है. फोन के जरिये ही मोटर को चालू या बंद करने के लिए कमांड मांगता है. इस नंबर पर फोन कर किसान जान सकते हैं कि बिजली सप्लाई लाइन चालू है या नहीं, मोटर शुरू करने के लिए सात नंबर दबाकर शुरू कर सकते हैं और फिर दोबारा फोन कर नो नंबर दबाकर उसे बंद कर सकते हैं.

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सुनील ने ये डिवाइस तैयार की है, वे बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं

ये भी पढ़ें- हरियाणा के किसान ने परंपरागत खेती से नुकसान होने पर शुरू किया हॉर्टिकल्चर, एक एकड़ से कमा रहे ढाई से तीन लाख रुपये

इतना ही नहीं अगर आप मोटर शुरू करने के लिए कमांड देते हैं, और लाइट नहीं है तो जैसे ही लाइट आएगी यह डिवाइस किसान को फोन कर अलर्ट देगा कि लाइट सप्लाई आ गई है और आप मोटर शुरू करना चाहे तो शुरू कर सकते हैं. लाइट सप्लाई आते ही किसान को मैसेज के जरिए लाइट की वोल्ट, मोटर का लोड आदि इनफार्मेशन भी भेजी जाती है. वहीं किसान चाहे तो इस डिवाइस में टाइम भी सेट कर सकते हैं कि उन्हें कितने टाइम तक मोटर चलानी है और किस टाइम से किस टाइम तक बंद करनी है. उदाहरण के लिए किसान चाहे तो रात को 2:00 बजे मोटर चलाने का टाइम सेट कर सकता है और कितने घंटे बाद इसको ऑटोमेटिक बंद करना है यह भी कमांड दी जा सकती है.

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इस डिवाइस के कई मॉडल तैयार किए गए हैं

कीमत और खर्चा- इस डिवाइस की कीमत करीब 5000 रुपये से शुरू होती है और अधिक फीचर वाला टॉप मॉडल करीब 6500 रुपये का है. इस डिवाइस के लिए सुनील कुमार की कंपनी केल्विन टेक 1 साल की संपूर्ण गारंटी देती है और पूरे भारत में इसे आर्डर करने पर डिलीवर किया जाता है. फोन पर सपोर्ट के जरिए सुनील कुमार इसे इंस्टॉल करवाते हैं. डिवाइस का खर्चा एकमुश्त है. इसके बाद इसका कोई रेंट या चार्ज नहीं होता है. हालांकि इस डिवाइस में जो सिम प्रयोग होती है उसको चालू रखने के लिए वेलिडिटी और मैसेज का रिचार्ज करवाना जरूरी होता है जो अधिकतम 70 से 80 रुपये महीना का खर्चा आता है.

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फोन के जरिए इस डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है

किसान को सुविधा के साथ बचत भी- इस डिवाइस को लगाने के बाद किसान को ट्यूबवेल मोटर जलने का खतरा नहीं रहेगा. इस डिवाइस में यह फीचर दिया गया है कि जैसे ही ट्यूबवेल ने पानी उठाना बंद कर दिया या फिर किसी तार में कोई शॉर्ट सर्किट होता है या लाइट की सप्लाई में कोई गड़बड़ आती है तो यह मोटर को जलने से बचाता है. हाई और लो वोल्टेज के समय भी यह ऑटोमेटिक मोटर बंद कर देता है. मोटर को बंद करने के बाद यह किसान को अलर्ट भी भेजता है कि इस वजह से मोटर बंद की गई है.

सुनील कुमार ने बताया कि 5 साल पहले यह डिवाइस बनाया था और जो किसानों को डिवाइस लगाए थे वह आज भी 5 साल से चल रहे हैं. इस डिवाइस को बनाने के पीछे उद्देश्य किसानों की समस्याओं का समाधान करना है. इसके अलावा किसानों का सबसे बड़ा खर्चा मोटर जलने से होता है उससे भी यह डिवाइस बचाता है. जिन भी किसानों के लिए मैंने ये डिवाइस लगाया गया आज सभी को अच्छा रिजल्ट मिल रहा. देश में हर फील्ड में डिजिटल और नई टेक्नोलॉजी आई है और हम किसानों के लिए ये टेक्नोलॉजी लेकर आएं हैं. अब जरूरत है तो देश के किसानों को जागरूक करने की ताकि वह आधुनिक तरीके से खेती को और उत्तम कर सकें.

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