हिसार: शहर में नगर निगम द्वारा बनवाए जा रहे गौ अभ्यारण में लगभग 700 गायों की मौत का मामला सामने आया है. ये गौ अभ्यारण अपने आप में हरियाणा का पहला ऐसा स्थान बनाया जा रहा है, जहां गायों को रखकर लोगों को गौभक्ति का मौका देने और शहर वासियों को घूमने का मौका देना प्रस्तावित है.
एक से डेढ़ महीने की बीच हुई 700 गायों की मौत
हिसार में गौ अभ्यारण के लिए हरियाणा सरकार की तरफ से 10 करोड़ रुपये का बजट भी दिया गया है. इसके बावजूद भूख और ठंड की वजह से यहां 700 से अधिक गाय मर गई हैं. ऐसा नहीं है कि एक ही दिन में इतनी गाय मरी हों. पिछले 1 से डेढ़ महीने में इतनी अधिक संख्या में गायों की मौत हुई है.
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संगठनों ने फूंका मेयर का पुतला
गायों की इतनी संख्या में मौत के बाद भी प्रशासन ने गायों के बचाव के लिए तब तक कोई प्रबंध नहीं किए जब तक की मीडिया ने इस मुद्दे को नहीं उठाया. शहर में हुई इस घटना के लिए अब विभिन्न संगठनों ने रोष प्रदर्शन किया और इस घटना के लिए नगर निगम हिसार के मेयर गौतम सरदाना को जिम्मेदार बताते हुए मेयर का पुतला फूंका.
बजट होने के बाद भी ऐसा क्यों हुआ ?
सामाजिक कार्यकर्ता राहुल शर्मा के अनुसार इस घटना से पूरा हिसार शर्मशार है. इतनी बड़ी घटना के बावजूद प्रशासन की तरफ से कोई जांच अब तक नहीं बैठाई गई है. हम एनजीओ के संचालक अरुण सिहाग के अनुसार गायों के नाम पर हिसार में करोड़ों का घोटाला हुआ है. इस घटना के लिए सीधे तौर पर मेयर जिम्मेदार हैं. सरकार ने 10 करोड़ की ग्रांट गौअभ्यारण को दी है, लेकिन फिर भी यहां से 1500 गायें या तो मारी गई या गायब हो गई.
'दोषियों के खिलाफ हो कार्रवाई'
हरियाणा व्यापार मंडल के अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग ने इस मामले में कहा है कि इस पूरे प्रकरण में संबंधित अधिकारियों या कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए. गर्ग के अनुसार मामले की निष्पक्ष जांच करके दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए.