गुरुग्राम: फरीदाबाद के खोरी गांव (khori village encroachment) के बाद अब सोहना की करीब आधा दर्जन कॉलोनियों पर जल्द ही वन विभाग का बुल्डोजर (sohna illegal colonies demolition) चल सकता है. जिसके लिए वन विभाग की टीम ने कस्बा की पहाड़ कॉलोनी, पीर कॉलोनी, आईटीआई कॉलोनी, बनियावाड़ा व ठाकुरवाड़ा में सर्वे अभियान शुरू किया है. वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो उक्त कॉलोनी वन विभाग की जमीन पर अवैध रूप से बनी हुई हैं. सर्वे करने के बाद यहां पर रहने वाले लोगों को वन विभाग सेक्शन 4 व 5 के तहत नोटिस देगा. जिसकी सारी रिपोर्ट तैयार कर विभाग के उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी.
अभी तक की बात करें तो वन विभाग के अधिकारियों ने करीब चार सौ मकानों का सर्वे कर लिया है और बाकी बचे मकानों के सर्वे का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. हालांकि वन विभाग ने जब सर्वे अभियान शुरू किया तो आईटीआई व पीर कॉलोनी में अवैध रूप से मकान बनाकर रहने वाले लोगों ने इसका विरोध किया और सर्वे करने के लिए आई वन विभाग की टीम के साथ बदतमीजी भी की, लेकिन सर्वे अभियान को निरंतर जारी करने के लिए अब वन विभाग की टीम पुलिस की मौजूदगी में सर्वे अभियान कर रही है.
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ये अभियान चलाकर ये जानकारी जुटाई जा रही है कि मकान कितनी जमीन में बना हुआ है, घर का मालिक कौन है और मकान मालिक का मोबाइल नंबर क्या है ताकि वन विभाग को नोटिस भेजने में किसी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े और नोटिस समय से ठीक स्थान पर पहुंच सके. अवैध कॉलोनियों में बने मकानों की पूरी रिपोर्ट तैयार कर वन विभाग सरकार को भेजेगा. जिसके बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
हालांकि वन विभाग की जमीन पर किए गए अवैध कब्जे को लेकर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ये पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि जैसे ही मास्टर प्लान रिलीज होगा और जो रेगुलाइजेशन एरिया है उनके अंदर परमिशन आ जायेगी. फिर जो लोग वन विभाग की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके फार्म हाउस काटना चाहते हैं या वन विभाग की जमीन को खराब करना चाहते हैं ऐसे लोगों पर अपने आप पाबंदी लग जायेगी.
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बहरहाल सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों के बाद जैसे ही वन विभाग की टीम ने सर्वे अभियान शुरू किया है तभी से लोगों में हड़कंप मचा हुआ है. वन विभाग की जमीन पर बसे लोगों को अब खोरी गांव की तरह अपने आशियाने टूटने का डर सताने लगा है जबकि अरावली पहाड़ी पर हजारों फार्म हाउस वन विभाग की जमीन पर अवैध रूप से बने हुए हैं. जिनको ध्वस्त करने के लिए उच्च न्यायलय ने और एनजीटी आदेश भी जारी किए हुए हैं, लेकिन बार-बार कहने पर नगर परिषद इन फार्म हाउस पर नकेल कसने में कामयाब नहीं हो पा रही है.
नगर परिषद के अधिकारी जब भी अरावली पहाड़ी पर फार्म हाउस को तोड़ने के लिए जाते हैं वहां पर सिर्फ औपचारिकता पूरी करके, किसी खाली पड़े फार्म हाउस की दीवार को तोड़ने की वीडियो बनाकर व फोटो खींचकर बेरंग लौट आते हैं. क्योंकि अरावली की पहाड़ी पर जो फार्म हाउस अवैध रूप से बने हैं उनमें से ज्यादातर फार्म हाउस जज, बड़े अधिकारी, कारोबारी, राजनेता व बॉलीवुड के लोगों के हैं. अब ऐसे में देखना है कि वन विभाग का डंडा इन गरीब कॉलोनीवासियों पर पहले चलता है या फिर अरावली की पहाड़ी में अवैध रूप से बने उन फार्म हाउस को भी तोड़ा जाएगा. जिनके लिए एनजीटी कई बार तोड़ने के लिए बोल चुकी है.
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