गुरुग्राम: कोरोना संक्रमण का खतरा भारत में बढ़ता जा रहा है. रोजाना भारत में 70,000 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. वहीं साइबर सिटी गुरुग्राम में भी कोरोना वायरस का संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है. गुरुग्राम में भी रोजाना अब 200 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा फ्रंटलाइन वॉरियर्स पर है.
गुरुग्राम नगर निगम के कुछ कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. तो वहीं कुछ कर्मचारी कोरोना के साए में काम करने को मजबूर हैं. निगम कर्मचारी घरों का कूड़ा उठाने से लेकर तमाम कार्य करते हैं, जिससे शहर वासियों को सुविधा मिलती है. ये कर्मचारी चौबीसो घंटे कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं और इसी जंग में दो सैनिटाइजेशन वर्कर कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं. जिसके बाद से सफाई कर्मचारियों में कोरोना का डर और बैठ गया है.
2 सैनिटाइजेशन कर्मचारी हुए थे कोरोना से संक्रमित
कोरोना के फ्रंटलाइन वॉरियर कहे जाने वाले सैनिटाइजेशन वर्कर लॉकडाउन के दौरान भी अपना कर्तव्य निभाते हुए नजर आए. गली-गली, मोहल्ले-मोहल्ले, घर-घर जाकर सैनिटाइजेशन करने का काम सैनिटाइजेशन वर्करों ने किया. जिसके बाद गुरुग्राम में 2 सैनिटाइजेशन वर्कर सैनिटाइज की प्रक्रिया करते हुए कोरोना पॉजिटिव हुए थे, जो बाद में स्वस्थ हो गए.
सैनिटाइजेशन वर्करों को दिए जाते हैं ग्लव्स और मास्क
सैनिटाइजेशन वर्करों को नगर निगम की तरफ से ग्लव्स और मास्क दिए जाते हैं. वहीं कर्मचारियों की मानें तो कोरोना के शुरुआती दौर में निगम की तरफ से पीपीई किट भी मुहैया कराई जाती थी, क्योंकि उस वक्त घरों के अंदर भी सैनिटाइजेशन कार्य किया जाता था ,लेकिन अब घरों के बाहर ही सैनिटाइजेशन कार्य किया जाता है.
'कोरोना से संक्रमित होने का लगातार बना रहता है डर'
सैनिटाइजेशन कर्मी की माने तो कोरोना से डर लगता है, क्योंकि उन्हें अलग-अलग जगह जाकर अपना काम करना पड़ता है और उनका परिवार भी साथ में रहता है. जिसके बाद लगातार उन्हें ये डर बना रहता है कि कहीं वो कोरोना से संक्रमित ना हो जाएं.
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