फतेहाबाद: फतेहाबाद में लगातार बढ़ते अपराध, चोरी, लूटपाट की घटनाओं और नशे से परेशान शहरवासियों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. विभिन्न व्यापारिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों से जुड़े लोगों ने शुक्रवार को एक बैठक कर शासन और प्रशासन के प्रति रोष व्यक्त किया. साथ ही 14 मार्च को फतेहाबाद शहर बंद रखने का ऐलान किया है. इन संगठनों से जुड़े प्रतिनिधि बड़ी संख्या में आज सुबह फतेहाबाद के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में इकट्ठा हुए और फतेहाबाद में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता जताते हुए सीधे तौर पर पुलिस को जिम्मेवार ठहराया.
बैठक को संबोधित करते हुए जिंदगी संस्था के हरदीप सिंह ने कहा कि फतेहाबाद में पिछले लंबे समय में फतेहाबाद में चोरी, लूट, छीना झपटी के मामलों में बेतहाशा वृद्धि हुई है. शहर में हर रोज इस तरह की घटनाएं हो रही हैं, मगर पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी है. उन्होंने कहा कि आपराधिक प्रवृति के लोगों के हौसले अब तो इतने बुलंद हो गए हैं कि वे अब पुलिस के साथ भी मारपीट करने लगे हैं. हरदीप सिंह ने कहा कि एक समय था जब फतेहाबाद आपराधिक दृष्टि से बेहद शांत माना जाता था, मगर आज स्थिति इसके बिल्कुल विपरीत है.
उन्होंने कहा कि दिन छिपने के बाद महिलाएं तो क्या आम आदमी का भी घर से निकलना मुश्किल हो गया है. उन्होंने कहा कि बेखौफ बदमाश भरी बाजार में वारदात को अंजाम दे जाते हैं और पुलिस केवल लकीर पीट कर रह जाती है. व्यापार मंडल के अध्यक्ष जगदीश भादू ने भी पुलिस प्रशासन को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि अनाजमंडी में इस वक्त 15 चौकीदार काम कर रहे हैं. मगर शायद ही कोई ऐसा दिन होगा जब मंडी में कोई चोरी की घटना न होती हो.
जगदीश भादू ने पुलिस की कार्यप्रणाली को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जब लोग स्वयं चोर को पकड़कर पुलिस के हवाले करते हैं तो पुलिस चोरों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय उन्हें छोड़ देती है या फिर कमजोर धाराएं लगा देती है, जिससे वे एक दिन में ही जमानत लेकर फिर से वारदात करने लग जाते हैं. बैठक में मौजूद संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने इन आपराधिक घटनाओं के पीछे नशे का बड़ा हाथ माना है.
फतेहाबाद में सामाजिक संगठन के अध्यक्ष ने कहा कि 14 मार्च को सभी संस्थाओं से जुड़े शहरवासी और आमजन अनाजमंडी के शेड के नीचे एकत्र होंगे और शहर में प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेगे. आज की बैठक में नागरिक अधिकार मंच, अनाज मंडी व्यापार मंडल, बुलंद उड़ान, जिंदगी संस्था, किसान संगठन सहित अनेक संगठनों से जुड़े प्रतिनिधि शामिल रहे.