फतेहाबाद: कांग्रेस पार्टी की छात्र विंग एनएसयूआई हरियाणा की आरटीआई सेल के स्टेट कोऑर्डिनेटर अजय बिश्नोई द्वारा मार्किट कमेटी टोहाना में दायर की गई आरटीआई के जवाब में बड़ा खुलासा हुआ है.
मार्किट कमेटी पर 100 करोड़ से ज्यादा का कर्ज: बिश्नोई
मार्किट कमेटी के आर्थिक हालात इस कदर खराब हो चुके है कि कमेटी अब 101 करोड़ रुपये से ज्यादा के कर्ज में डूबी हुई है और प्रति वर्ष 7.5 प्रतिशत के हिसाब से लाखों रुपये के अतिरिक्त ब्याज का बोझ भी मार्किट कमेटी पर पड़ रहा है, जिसके चलते कमेटी पूरी तरह से कर्ज के पहाड़ तले दब गई है.
अजय बिश्नोई ने खुलासा करते हुए मीडिया को बताया कि किसानों की खुशहाली और उपमंडल स्तर पर किसानों की फसलों की खरीद, बिक्री के लिए मंडी और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से बनाई गई मार्किट कमेटी के करोड़ो के कर्ज में डूब जाने की वजह से किसानों को मंडियों में पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पा रही है.
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बिश्नोई ने कहा कि सूचना के अधिकार (RTI) के तहत उनके द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में ये खुलासा हुआ है कि 2014 से 2020 तक कमेटी द्वारा किसी भी नई मंडी का निर्माण नहीं किया गया है जिससे स्पष्ट है कि कमेटी के कर्ज के सहारे चलने के कारण नई मंडियों का विकास भी थम सा गया है.
मंडियों के विकास के लिए सरकार ने दिया एक भी पैसा: बिश्नोई
अजय बिश्नोई ने बताया कि आरटीआई के तहत एक जवाब में मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2014 से 2020 तक मार्किट कमेटी टोहाना को केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार से मंडियों के विकास के लिए कोई ग्रांट प्राप्त नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि आए दिन एक तरफ जहां सरकार किसान हितैषी होने के झूठे दावे करती है, वहीं पिछले 6 वर्षो में मंडियों के विकास के लिए कमेटी को एक पैसा भी नहीं दिया है जिससे सरकार का असली किसान विरोधी चेहरा सबके समक्ष बेनकाब हो गया है.
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आरटीआई के तहत इस बात का ब्योरा भी सामने आया है कि मार्किट कमेटी टोहाना मंडियों की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए प्रति वर्ष करीब 26 लाख रुपये खर्च करती है, वहीं बिश्नोई ने ये सवाल उठाया कि कमेटी द्वारा मंडियों में सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद भी अनाज और सब्जी मंडी में गंदगी का अंबार लगा रहता है और ये सब कुछ मार्किट कमेटी टोहाना में बैठे भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है.
अजय बिश्नोई ने बताया कि आरटीआई में ये भी खुलासा हुआ है कि पिछले 6 वर्षों में कमेटी की विभिन्न माध्यमों से 70 करोड़ के करीब कमाई भी हुई है फिर भी करोड़ो का कर्ज काफी सवाल खड़े करता है.
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एनएसयूआई नेता अजय बिश्नोई ने सूचना के आधार पर मार्केटिंग बोर्ड के कर्जदार होने की स्थिति को उजागर किया है. मार्किट कमेटी की आय, खर्चे और देनदारी को लेकर गोलमाल की आशंका भी जताई जा रही है. आरटीआई से मिली जानकारी के आधार पर बिश्नोई ने सरकार से पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग भी की है.