फतेहाबाद: गलत संगत में आकर नशे की लत में फंसना दुखद पहलू है. इसमें मिसाल वहीं लोग बनते हैं जो हौसला और जज्बा नहीं छोड़ते. हौसला जीने का और जज्बा लड़ने का. ऐसी ही मिसाल पेश की है, जोरा सिंह ने जो कुछ साल पहले खुद नशे की दलदल में फंस गए थे.
जोरा सिंह की नशे के खिलाफ मुहिम
जोरा सिंह नशा मुक्ति केंद्र के जरिए करीब 40 लोगों की जिंदगी बचा चुके हैं. जोरा सिंह का कहना है कि वो फ्री में इनका इलाज करते हैं क्योंकि ज्यादातर नशा करने वालों के पास पैसे नहीं होते. इनके नशा मुक्ति केंद्र में इलाज करवा रहे पीड़ितों ने बताया कि किस तरीके से वो नॉर्मल जिंदगी की ओर कदम रख रहे हैं.
कर चुके हैं 40 लोगों का इलाज
कहानी शुरु होती है अधूरी जानकारी, गलत संगत और शौक से, जो बाद में जानलेवा बन जाती है, सिर्फ इंसान ही नहीं, नशा पूरे परिवार को बर्बाद कर देता है. जोरा सिंह के नशा केंद्र में इलाज करवाने वाले पीड़ितों का कहना है कि उनका यहां अच्छे से ख्याल रखा जाता है. अब वो पहले के मुकाबले ज्यादा अच्छा महसूस कर रहे हैं. पीडितों के मुताबिक वो चहाते ही नशे को ना कहकर सामान्य जिंदगी जिए.
हेरोइन का नशा करने वालों की संख्या ज्यादा
यहां काम करने वाले चिकित्सक बताते हैं कि नशे को छोड़ना इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है. कुछ तो ऐसे भी केस आए हैं. जिन्होंने बहुत जल्द प्रगति करते हुए नशे को ना कहा है. चिकित्सक के मुताबिक ज्यादातर लोग हेरोइन का सेवन करते हैं. सिर्फ लड़के ही नहीं बल्कि लड़कियां भी नशे का शिकार हो रही हैं. वो भी शौकिया तौर पर नशे का सेवन कर रही हैं
सकारात्मक परिणाम ला रही है जोरा सिंह की मुहिम
जोरा सिंह भी 15 साल पहले शौक की वजह से नशे के आदी हो गए थे. जैसे-तैसे उन्होंने सामाजिक संस्थाओं की मदद से उन्होंने नशे को छोड़ा. जिसके बाद उन्होंने फैसला किया वो युवाओं को नशे से दूर रखने की कोशिश करेंगे. इसलिए उन्होंने नशा मुक्ति केंद्र की शुरुआत की और उनकी ये मुहिम सकारात्मक परिणाम ला रही है.
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सिर्फ पुरुष और युवा ही नहीं, बल्कि लड़कियां भी तेजी से ड्रग्स का शिकार हो रही हैं. जिसको रोकने के लिए जोरा सिंह ने मुहिम चलाई है. जोरा सिंह के मुताबिक वो 40 जिंदगियां बचा चुके हैं और उनकी ये मुहिम जारी रहेगी.