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फरीदाबाद में गेहूं की सरकारी खरीद नहीं होने से किसान परेशान, मंडी में पहुंचा 14 हजार 500 क्विंटल गेहूं - wheat procurement not started in Faridabad

फरीदाबाद की मंडी में हैफेड द्वारा गेहूं की सरकारी खरीद (wheat procurement not started in Faridabad) नहीं किए जाने से किसान परेशान है. हैफेड गेहूं में नमी और सरकारी मापदंड के अनुसार नहीं होने के कारण गेहूं की खरीद नहीं कर रहा है.

wheat procurement not started in Faridabad
फरीदाबाद में गेहूं की सरकारी खरीद नहीं होने से किसान परेशान
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Published : Apr 7, 2023, 8:48 PM IST

गेहूं की सरकारी खरीद नहीं होने से किसान परेशान.

फरीदाबाद: हरियाणा सरकार द्वारा एक अप्रैल से गेहूं खरीद के आदेश के बावजूद फरीदाबाद में पहले दिन किसी भी खरीद केंद्र पर गेहूं की खरीद नहीं हुई, जबकि निजी व्यापारियों द्वारा सरकार द्वारा तय समर्थन मूल्य से अधिक में गेहूं खरीदा गया है. फरीदाबाद में गेहूं की सरकारी खरीद नहीं होने से किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. फरीदाबाद गेहूं मंडी में अभी तक 14 हजार 500 क्विंटल गेहूं आ चुका है लेकिन गेहूं के काला पड़ने और 16 से 17 प्रतिशत नमी के कारण किसानों की फसल नहीं खरीदी जा रही है.

फरीदाबाद में गेहूं की खरीद को लेकर जब ईटीवी भारत ने किसानों से बात की तो उन्होंने बताया कि वे अपनी गेहूं की फसल लेकर फरीदाबाद अनाज मंडी पहुंचे तब उन्हें पता चला कि यहां गेहूं की सरकारी खरीद नहीं हो रही है. अब हम अपनी फसल को कहां लेकर जाएं? किसान पहले ही कुदरत की मार से परेशान थे और अब अढ़ाती गेहूं में नमी के कारण खरीद नहीं कर रहे हैं.

पढ़ें : दुर्घटना होने पर हरियाणा में खेतिहर मजदूरों को दी जाती है 5 लाख तक वित्तीय सहायता, जानें कैसे उठा सकते हैं योजना का लाभ

आढ़तियों का कहना है कि बरसात के कारण फसलों में नमी होने से गेंहू की चमक सफेद पड़ गई है, जिसके कारण सरकारी खरीद नहीं हो रही है. बारिश में भीगने के कारण किसान गेहूं नहीं निकाल पाए हैं, क्योंकि भीगने से वह खराब हो गया है. इससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है और अब भी जो गेहूं मंडी में है उनमें नमी हैं और उसमें चमक भी नहीं है.

पढ़ें : हरियाणा सरकार का बुजुर्गों को तोहफा, बुढ़ापा पेंशन की आमदनी सीमा बढ़ाई, 250 रुपये बढ़ी हुई मिलेगी पेंशन

वहीं, मार्केट कमेटी के सचिव गिरीश मिश्रा ने बताया कि एफसीआई स्पेक्टर के अनुसार मौसम खराब होने के कारण गेहूं के डेन का रंग फीका है, उसमें नमी भी है. गेहूं का दाना छोटा है और टूट चूका है. इसी वजह से खरीद पर असर पड़ रहा है. हैफेड ने फरीदाबाद में गेहूं की खरीद नहीं की, क्योंकि गेहूं उनके सरकारी मापदंडों पर खरा नहीं उतर रहा है. वहीं किसानों के गेहूं को सुरक्षित रखने के लिए मंडी में तिरपाल की व्यवस्था की गई है. गेहूं की सरकारी खरीद नहीं होने से फरीदाबाद के किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

गेहूं की सरकारी खरीद नहीं होने से किसान परेशान.

फरीदाबाद: हरियाणा सरकार द्वारा एक अप्रैल से गेहूं खरीद के आदेश के बावजूद फरीदाबाद में पहले दिन किसी भी खरीद केंद्र पर गेहूं की खरीद नहीं हुई, जबकि निजी व्यापारियों द्वारा सरकार द्वारा तय समर्थन मूल्य से अधिक में गेहूं खरीदा गया है. फरीदाबाद में गेहूं की सरकारी खरीद नहीं होने से किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. फरीदाबाद गेहूं मंडी में अभी तक 14 हजार 500 क्विंटल गेहूं आ चुका है लेकिन गेहूं के काला पड़ने और 16 से 17 प्रतिशत नमी के कारण किसानों की फसल नहीं खरीदी जा रही है.

फरीदाबाद में गेहूं की खरीद को लेकर जब ईटीवी भारत ने किसानों से बात की तो उन्होंने बताया कि वे अपनी गेहूं की फसल लेकर फरीदाबाद अनाज मंडी पहुंचे तब उन्हें पता चला कि यहां गेहूं की सरकारी खरीद नहीं हो रही है. अब हम अपनी फसल को कहां लेकर जाएं? किसान पहले ही कुदरत की मार से परेशान थे और अब अढ़ाती गेहूं में नमी के कारण खरीद नहीं कर रहे हैं.

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आढ़तियों का कहना है कि बरसात के कारण फसलों में नमी होने से गेंहू की चमक सफेद पड़ गई है, जिसके कारण सरकारी खरीद नहीं हो रही है. बारिश में भीगने के कारण किसान गेहूं नहीं निकाल पाए हैं, क्योंकि भीगने से वह खराब हो गया है. इससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है और अब भी जो गेहूं मंडी में है उनमें नमी हैं और उसमें चमक भी नहीं है.

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वहीं, मार्केट कमेटी के सचिव गिरीश मिश्रा ने बताया कि एफसीआई स्पेक्टर के अनुसार मौसम खराब होने के कारण गेहूं के डेन का रंग फीका है, उसमें नमी भी है. गेहूं का दाना छोटा है और टूट चूका है. इसी वजह से खरीद पर असर पड़ रहा है. हैफेड ने फरीदाबाद में गेहूं की खरीद नहीं की, क्योंकि गेहूं उनके सरकारी मापदंडों पर खरा नहीं उतर रहा है. वहीं किसानों के गेहूं को सुरक्षित रखने के लिए मंडी में तिरपाल की व्यवस्था की गई है. गेहूं की सरकारी खरीद नहीं होने से फरीदाबाद के किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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