फरीदाबाद: हरियाणा के जिला फरीदाबाद स्थित सूरजकुंड में बीजेपी के दो दिवसीय 'हरियाणा क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद' कार्यक्रम का उद्गाटन पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया. इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कार्यकर्ताओं को कई टास्क दिए. पीएम ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को सलाह दी कि वो शहर की बजाय गांवों पर फोकस करें. साथ ही पार्टी जिलाध्यक्षों को केंद्रीय योजनाओं की जानकारी पहुंचाने का लक्ष्य दिया. इस प्रशिक्षण शिविर में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के प्रतिनिधि शामिल हुए थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को आड़े हाथ लिया. उन्होंने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था भारतीय लोकतंत्र का मजबूत स्तंभ है. लेकिन आजादी के चार दशकों तक कांग्रेस को यह समझ नहीं आया कि गांवों में पंचायती राज व्यवस्था लागू करना कितना जरूरी है. कांग्रेस ने अपने राज में पंचायतों को भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा अड्डा बना दिया था. कांग्रेस के राज में पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त करने के ठोस प्रयास कभी नहीं किए गए.
कांग्रेस की बाजीगरी आंकड़ों और कागजों में ही सीमित रही, जम्मू-कश्मीर इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार ग्राम पंचायत से लेकर जिला स्तर तक के चुनाव हुए हैं. इनमें अब वहां 33 हजार से ज्यादा स्थानीय जनप्रतिनिधि निर्वाचित हुए. पहली बार वहां जमीनी स्तर पर लोकतंत्र स्थापित हुआ है. साल 2014 के बाद से भाजपा सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने का काम शुरू किया. पिछले 9 वर्षों में देश में 30,000 से ज्यादा नए पंचायत घरों का निर्माण हुआ है. पिछले सरकार के मुकाबले हमारी सरकार ने इस क्षेत्र में तीन गुना अधिक बजट दिया है.
कार्यक्रम में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद कार्यक्रम आयोजित हो रहा है. आज यहां 7-8 अगस्त तक चलने वाली क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद में 182 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. इसमें उत्तर भारत के सारे राज्यों के जिला परिषद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और नगर परिषद के अध्यक्ष शामिल हैं. इसी तरह पश्चिम बंगाल (हावड़ा) में 12-13 अगस्त को क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद का अयोजन किया जाएगा. इस कार्यक्रम में कुल 134 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे.
क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद को संबोधित करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सभी प्रतिनिधियों का हरियाणा की धरा पर अभिनंदन करते हुए कहा कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है, इसलिए गांवों के चहुंमुखी विकास के बिना प्रदेश और देश के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती. गांवों का विकास हमारी सरकार की प्राथमिकता है. हमारा लक्ष्य सभी सरकारी योजनाओं का लाभ समाज में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाना है. पंचायतें हमारी राष्ट्रीय एकता, अखंडता, सुशासन और लोकतंत्र का रक्षा कवच हैं.
ये भी पढ़ें: इनेलो विधायक अभय चौटाला को सुरक्षा देने पर हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब, 10 अगस्त को अगली सुनवाई
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमने गांवों के विकास की शक्तियां सीधे ही पंचायती राज संस्थाओं को देने के लिए जिला परिषद के अध्यक्ष को डीआरडीए का चेयरमैन बनाया है. हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने शासन में पंचायती राज संस्थाओं की अधिक भागीदारी देने के लिए अंतर जिला परिषद का गठन किया है. हमने पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व किया है, जिस कारण इस बार बड़ी संख्या में महिलाएं पंचायती राज संस्थाओं में प्रतिनिधि चुनकर आई हैं. पंचायती राज संस्थाओं की वित्तीय स्थिति मजबूत करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में संपत्ति के मूल्य के 2 प्रतिशत के बराबर स्टाम्प शुल्क का अधिभार लगाया गया है.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हरियाणा के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि पंचायती राज्य संस्थानों को मजबूत करने के लिए जिस प्रकार का निर्णय नरेन्द्र मोदी सरकार और उनके नेतृत्व में राज्य सरकारों ने लिए हैं, उसका प्रमाण और प्रभाव आज साफ दिखाई दे रहा है. हरियाणा के लिए खुशी का अवसर यह भी है कि देश हित में अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर सैनिकों, स्वतंत्रता सेनानियों व खास शख्सियतों के सम्मान में हरियाणा से प्रत्येक गांव में जो गौरव-पट्ट लगाने की शुरुआत हुई थी, उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017-18 में पूरे देश के लिए अनुकरणीय बताया था. गौरतलब है 'हरियाणा क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद' कार्यक्रम का आज पहला दिन था और मंगलवार को इसका समापन होगा. (प्रेस नोट)
ये भी पढ़ें: हरियाणा कांग्रेस भी नूंह में बुलडोजर चलाने के खिलाफ, उदयभान बोले- यह डराने वाली कार्रवाई