फरीदाबाद: खोरी गांव में अतिक्रमण हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर की जा रही तोड़फोड़ का मामला अब अंतरराष्ट्रीय बन गया है. खोरी गांव में अतिक्रमण हटाने के मामले को लेकर शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र संघ (UN Special Procedures) की ओर से ट्वीट किया गया है.
संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवाधिकार विशेषज्ञों ने ट्वीट के जरिए भारत सरकार से तोड़फोड़ रोकने और एक लाख की आबादी को बचाने की गुजारिश की है. यूएन की ओर से ट्वीट कर लिखा गया कि संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने भारत से बारिश के बीच इस सप्ताह शुरू हुए अतिक्रमण को रोकने और लगभग एक लाख लोगों को बेदखल होने से रोकने का आह्वान किया.
यूएन ने लिखा कि भारत को खोरी गांव में अतिक्रमण हटाने की अपनी योजनाओं की तत्काल समीक्षा करनी चाहिए और खोरी के प्रभावित लोगों का पुनर्वास कर उन्हें व्यवस्थित करना चाहिए. यूएन में ये शिकायत 30 जून को ई-मेल के जरिए मजदूर आवास संघर्ष समिति खोरी गांव और इंटरनेशनल एलायंस ऑफ इनहैबिटेंट्स ने की थी.
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गौरतलब है कि खोरी गांव सूरजकुंड क्षेत्र (फरीदाबाद) के अलावा प्रहलादपुर क्षेत्र, राजधानी दिल्ली तक फैला हुआ है. यहां करीब 10 हजार मकान बने हैं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वन जमीन पर बने इस निर्माण को तोड़ने और खाली कराने का आदेश दिया है. खोरी गांव में तोड़फोड़ शुरू हो चुकी है. शुकव्रार को तोड़फोड़ के तीसरे दिन 700 से अधिक मकानों पर बुल्डोजर चलाया गया है. इसी के साथ नगर निगम प्रशासन ने पुनर्वास के लिए कैंप लगाकर 100 से अधिक लेागों का पंजीकरण किया है.
बता दें कि, बीते मंगलवार को ही हरियाणा सरकार की तरफ से भी इन लोगों के पुनर्वास को ध्यान में रखते हुए एक नीति लाई गई थी. इस नीति में कुछ बिंदुओं को पूरा करने के बाद यहां के लोगों को मकान मिल पाएगा. फरीदाबाद नगर निगम कमिश्नर गरिमा मित्तल ने बताया था कि फरीदाबाद के डबुआ कॉलोनी और बापू नगर में गांव खोरी के लोगों को बसाया जाएगा. इसके लिए ड्राफ्ट पूरी तरह से तैयार कर लिया गया है.
पॉलिसी के तहत खोरी में रहने वाले परिवार के मुखिया को अपना परिवार पहचान पत्र या फिर बिजली का बिल व बड़खल विधानसभा का वोटर आईडी कार्ड दिखाना अनिवार्य होगा. इसके बाद ही उसे इस पॉलिसी का लाभ मिल पाएगा. इसके अलावा पॉलिसी के तहत अप्लाई करने वाले लोग 6 महीने तक किराए पर कहीं भी रह सकते हैं. उनको 2000 रुपये महीने नगर निगम की तरफ से दिए जाएंगे.
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