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फरीदाबाद निगम संयुक्त आयुक्त के तबादले पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, सरकार को किया तलब

हरियाणा की बीजेपी सरकार तबादलों को लेकर अक्सर चर्चा में रहती है. सरकार ने अपने साढ़े 4 साल के कार्यकाल के दौरान अधिकारियों के जमकर तबादले किए हैं . ऐसे ही एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अधिकारी के तबादले पर रोक लगाते हुए सरकार को तलब किया है.

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Published : Jul 16, 2019, 1:04 AM IST

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट, चंडीगढ़.

फरीदाबाद: हरियाणा सरकार की तरफ से किये गए फरीदाबाद नगर निगम के संयुक्त आयुक्त के तबादले पर हाईकोर्ट ने रोक लगाते हुए हरियाणा सरकार को 31 अक्टूबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है .

दरअसल फरीदाबाद नगर निगम के संयुक्त आयुक्त प्रशांत अटकान सरकार की तरफ से किए गए उनके तबादले को लेकर हाई कोर्ट में पहुंचे हैं .

उन्होंने अपने तबादले के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी जिस पर हाईकोर्ट ने फिलहाल उन्हें राहत देते हुए सरकार के तबादले के आदेश पर रोक लगाते हुए हरियाणा सरकार को 31 अक्टूबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि हरियाणा सरकार नियमों के खिलाफ जाकर पिछले 2 साल में उनका 6 बार तबादला किया है . वर्तमान में वो फरीदाबाद नगर निगम के संयुक्त आयुक्त हैं और उन्हेंने फरीदाबाद में अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए बेहतर काम किया है, लेकिन सरकार ने उनके बेहतर काम को नजरअंदाज कर उनका फरीदाबाद से फतेहाबाद में सीटीएम के पद पर तबादला कर दिया .

याचिकाकर्ता के वकील के अनुसार यह तबादला नियमों के खिलाफ है याचिकाकर्ता के वकील की दलील सुनने के बाद हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस कर जारी कर उनके तबादले पर रोक लगा दी .

फरीदाबाद: हरियाणा सरकार की तरफ से किये गए फरीदाबाद नगर निगम के संयुक्त आयुक्त के तबादले पर हाईकोर्ट ने रोक लगाते हुए हरियाणा सरकार को 31 अक्टूबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है .

दरअसल फरीदाबाद नगर निगम के संयुक्त आयुक्त प्रशांत अटकान सरकार की तरफ से किए गए उनके तबादले को लेकर हाई कोर्ट में पहुंचे हैं .

उन्होंने अपने तबादले के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी जिस पर हाईकोर्ट ने फिलहाल उन्हें राहत देते हुए सरकार के तबादले के आदेश पर रोक लगाते हुए हरियाणा सरकार को 31 अक्टूबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि हरियाणा सरकार नियमों के खिलाफ जाकर पिछले 2 साल में उनका 6 बार तबादला किया है . वर्तमान में वो फरीदाबाद नगर निगम के संयुक्त आयुक्त हैं और उन्हेंने फरीदाबाद में अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए बेहतर काम किया है, लेकिन सरकार ने उनके बेहतर काम को नजरअंदाज कर उनका फरीदाबाद से फतेहाबाद में सीटीएम के पद पर तबादला कर दिया .

याचिकाकर्ता के वकील के अनुसार यह तबादला नियमों के खिलाफ है याचिकाकर्ता के वकील की दलील सुनने के बाद हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस कर जारी कर उनके तबादले पर रोक लगा दी .

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हरियाणा की बीजेपी सरकार तबादलों को लेकर अक्सर चर्चा में रहती है सरकार ने अपने साडे 4 साल के कार्यकाल के दौरान अधिकारियों के जमकर तबादले किए हैं । अभी तक सरकार की तरफ से अधिकारियों को इधर से उधर अलग-अलग विभागों में भेजने का दस्तूर लगातार जारी है । हालांकि सरकार की तरफ से फरीदाबाद नगर निगम के संयुक्त आयुक्त प्रशांत अटकान का भी सरकार की तरफ से तबादला किया था जिसे उन्होंने हाई कोर्ट में चुनौती दी है । हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने संयुक्त आयुक्त को राहत देते हुए सरकार के तबादले के आदेश पर रोक लगाते हुए हरियाणा सरकार को 31 अक्टूबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है । दरअसल याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में बताया कि हरियाणा सरकार नियमों के खिलाफ जाकर पिछले 2 साल में उनका 6 बार तबादला किया है जोकि नियमो के खिलाफ है ।


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हरियाणा सरकार की तरफ से किये गए फरीदाबाद नगर निगम के संयुक्त आयुक्त के तबादले पर हाईकोर्ट ने रोक लगाते हुए हरियाणा सरकार को 31 अक्टूबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है । दरअसल फरीदाबाद नगर निगम के संयुक्त आयुक्त प्रशांत अटकान सरकार की तरफ से किए गए उनके तबादले को लेकर हाई कोर्ट में पहुंचे हैं । उन्होंने अपने तबादले के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी जिस पर हाईकोर्ट ने फिलहाल उन्हें राहत देते हुए सरकार के तबादले के आदेश पर रोक लगाते हुए हरियाणा सरकार को 30 अक्टूबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है । याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि हरियाणा सरकार नियमों के खिलाफ जाकर पिछले 2 साल में उनका 6 बार तबादला किया है । वर्तमान में वह फरीदाबाद नगर निगम के संयुक्त आयुक्त हैं और उन्हेंने फरीदाबाद में अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए बेहतर काम किया है लेकिन सरकार ने उनके बेहतर काम को नजरअंदाज कर उनका फरीदाबाद से फतेहाबाद में सीटीएम के पद पर तबादला कर दिया । याचिकाकर्ता के वकील के अनुसार यह तबादला नियमों के खिलाफ है याचिकाकर्ता के वकील की दलील सुनने के बाद हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस कर जारी कर उनके तबादले पर रोक लगा दी । गौरतलब है कि प्रशांत अटकान जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान डीएसपी से विवाद व ऑडियो वायरल होने के बाद चर्चा में आए थे ।



Conclusion:फिलहाल इस मामले की अगली तारीख 31 अक्टूबर है । इस बीच हरियाणा सरकार को हाईकोर्ट में जवाब देना होगा । देखना यह होगा की तबादले को नियमों के खिलाफ बता रहे अधिकारी की दलील पर हरियाणा सरकार हाईकोर्ट में क्या जवाब दायर करती है । उनकी दलील है कि 2 साल में 6 बार नियमो के खिलाफ उनका तबादला हो चुका है ।
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