फरीदाबाद: मंगलवार को केंद्र सरकार ने भारतीय सेना में 'अग्निपथ' नाम की योजना का ऐलान किया, जिसके तहत युवाओं को 4 साल के लिए भारतीय सेना में नियुक्तियां दी जाएंगी. इस योजना के लेकर हरियाणा के युवाओं में काफी रोष (youth protest agneepath scheme in haryana) है. सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं ने इस योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब वो चार साल बाद सेना से वापस आएंगे तो उनका भविष्य क्या होगा? इससे तो अच्छा है कि वो सेना में भर्ती की तैयारी की जगह निजी सेक्टर में ही नौकरी की तैयारी करें. चार साल बाद उन्हें अच्छा खासा अनुभव हो जाएगा और उनकी सेलरी भी कहीं ज्यादा अच्छी होगी.
सरकार की इस योजना से देश के युवाओं को अपना भविष्य अंधकार (youth angry on agneepath scheme) में नजर आ रहा है. फरीदाबाद में आर्मी की तैयारी कर रहे आकाश ने बताया कि वो करीब दो साल से भारतीय सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहा है, लेकिन इस योनजा के बाद उनके मन में बड़ा सवाल ये है कि चार साल बाद वो क्या करेंगे. क्योंकि 4 साल आर्मी में देने के बाद निजी सेक्टर में नौकरी करना बेहद मुश्किल है. इस से अच्छा है कि वो पहले से ही निजी सेक्टर में नौकरी करें, ताकि उनके पास एक अच्छा अनुभव हो.
क्या है अग्निपथ योजना? मंगलवार को केंद्र सरकार ने भारतीय सेना में 'अग्निपथ' नाम की योजना का ऐलान किया, जिसके तहत छोटी अवधि के लिए भारतीय सेना में नियुक्तियां की जाएंगी. ये नियुक्तियां सिर्फ चार साल के लिए की जाएंगी. साढ़े 17 साल से 21 साल के युवाओं को ही इस योजना के तहत देश की सेवा करने का मौका मिलेगा. 10वीं और 12वीं के छात्र इसके लिए आवेदन कर सकेंगे. इस चार की नौकरी में जवानों को छह से नौ महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी. अग्निपथ योजना के तहत युवाओं को पहले साल में 30 हजार, दूसरे साल में 33 हजार, तीसरे साल में 36500 और चौथे साल में 40 हजार मासिक वेतन दिया जाएगा.
इसके अलावा अन्य रिस्क और हार्डशिप भत्ते भी मिलेंगे. चार साल की नौकरी के बाद युवाओं को 11.7 लाख रुपये की सेवा निधि दी जाएगी. इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. चार साल पूरे होने के बाद इन सभी अग्निवीरों की सेवा समाप्त हो जाएगी और फिर नई भर्तियां की जाएंगी. रिटायरमेंट के बाद युवाओं को पेंशन नहीं मिलेगी, बल्कि एक मुश्त राशि दी जाएगी. इसके अलावा उन्हें सेना की तरफ से सर्टिफिकेट भी मिलेगा. इसें ज्वाइन करने वाले 25 फीसदी युवाओं को बाद में रिटेन किया जाएगा.
यानी 100 में से 25 लोगों को पूर्णकालिक सेवा का मौका मिलेगा. जिन 25 सैनिकों को रिटेन किया जाएगा उन्हें अग्निवीर कहा जाएगा. इस योजना के तहत अगर कोई अग्निवीर देश सेवा के दौरान शहीद हो जाता है, तो उसके परिजनों को सेवा निधि समेत 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि ब्याज समेत मिलेगी. इसके अलावा बाकी बची नौकरी का भी वेतन दिया जाएगा. अगर कोई अग्निवीर डिसेबिल हो जाता है, तो उसे 44 लाख रुपये तक की राशि दी जाएगी. इसके अलावा बाकी बची नौकरी का भी वेतन मिलेगा.
नई योजना पर क्या सवाल उठ रहे हैं? चार साल पूरे होने के बाद भले ही 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी काडर में भर्ती कर लिया जाएगा, लेकिन सवाल ये है कि दसवीं या बारहवीं पास करके अग्निवीर बने 75 फीसदी युवाओं के पास चार साल बाद क्या विकल्प होगा? भले ही सरकार उन्हें करीब 12 लाख रुपये सेवा निधि देगी, लेकिन उन्हें दूसरी नौकरी दिलवाने के लिए सरकार के पास क्या स्कीम है?
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