फरीदाबाद: हरियाणा के फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ इलाके में छात्रा की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई. छात्रा बीकॉम ऑनर्स थर्ड ईयर की छात्रा थी और वारदात के दिन एग्जाम देकर कॉलेज से घर लौट रही थी, लेकिन इससे पहले की छात्र घर पहुंचती, कॉलेज के पास दो लड़कों ने छात्रा को रास्ते में रोक दिया. पहले आरोपी ने छात्रा को कार में बैठाने की कोशिश की, लेकिन जब छात्रा नहीं मानी तो दिनदाहड़े उसके सिर पर गोली मार दी. गोली लगने के बाद छात्रा की मौत हो गई. दिलदहाड़े हुए हत्या से पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गई.
छात्रा पर शादी का दबाव बना रहा था आरोपी
मृतक छात्रा के पिता से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि आरोपी तौसीफ छात्रा को 2018 में भी तंग कर चुका है. आरोपी छात्रा पर लगातार शादी करने का दबाव बना रहा था. दो साल पहले भी तौसीफ ने छात्रा का अपहरण किया था लेकिन उस वक्त दो घंटे में ही पुलिस ने छात्रा को बरामद कर लिया था. उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस से शिकायत भी की गई थी, लेकिन कांग्रेस के पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक आफताब अहमद के दखल के बाद समझौता करा दिया गया था.
दिनदहाड़े हुई इस वारदात से पूरे देश में रोष का माहौल है. जगह-जगह प्रदर्शन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी हो रही है. न्याय की मांग करते हुए परिजनों ने दिल्ली-मथुरा हाईवे को जाम किया कर दिया. दूसरी तरफ बवाल बढ़ता देख पुलिस भी एक्टिव हुई और 24 घंटे से भी कम वक्त में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह ने बताया कि वारदात में दो आरोपी शामिल थे, जिन्हें दो दिन की रिमांड पर लिया गया है.
रसूखदार परिवार से है तौसीफ
बता दें कि आरोपी तौसीफ कांग्रेस के नूंह से विधायक आफताफ अहमद का चचेरा भाई है. आफताब अहमद कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रहे चुके हैं. वहीं कांग्रेस विधायक आफताब अहमद के पिता हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री खुर्शीद अहमद रह चुके हैं. तौसीफ के पिता जाकिर पुत्र पूर्व विधायक कबीर अहमद है ओर तौसीफ का सगा चाचा जावेद अहमद इस बार सोहना विधानसभा से बसपा की टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन हार गए.
SIT करेगी मामले की जांच
फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह ने कहा कि ये एक जघन्य अपराध है, जिसके लिए एसआईटी गठित कर दी गई है और राजपत्रित स्तर के अधिकारी इसकी जांच करेंगे. उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा साक्ष्य जुटाकर आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाए जाने की कोशिश रहेगी. इस मामले में सभी लोग संयम बनाए रखें.
छात्रा की बहन ने की आरोपियों के एंकाउंटर की मांग
भले ही पुलिस की ओर से आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली गई है, लेकिन छात्रा के परिजनों का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. छात्रा की बहन ने दोनों आरोपियों के एनकाउंटर की मांग की है, जबकि छात्रा के मामा ने मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की गुहार लगाई है.
दिनदहाड़े हुई छात्रा की हत्या ने हरियाणा सरकार को भी कठघरे में खड़ा कर दिाय है. मामले पर हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने पीड़ित परिवार को सुरक्षा दी जाएगी. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि हरियाणा में किसी की भी दबंगई बर्दाश्त नहीं होगी.
मामले पर विपक्ष हुआ हमलावर
एक तरफ जहां परिजन लगातार न्याय की मांग कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष भी इस मुद्दे पर हमालवर हो चुका है. कांग्रेस के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जिस प्रकार निकिता का दिनदहाड़े मर्डर किया गया वो झकझोरने वाला है, लेकिन वहां पर कोई भी पुलिस व्यवस्था नहीं दिखी. सुरजेवाला ने सवाल किया कि खट्टर सरकार कहां गुम है?
हरियाणा में बढ़ रहे महिलाओं के खिलाफ अपराध
सोमवार को जब फरीदाबाद में छात्रा की गोली मारकर हत्या की गई, उसी दिन पानीपत में भी एक महिला पर एसिड फेंका गया. बताया जा रहा है कि महिला ने छेड़छाड़ का विरोध किया था, जिसके बाद बदमाशों ने महिला पर तेजाब फेंक दिया. अगर बात हरियाणा में महिला अपराध की करें तो पिछले एक महीने के आंकड़े बेहद चौकाने वाले हैं.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की वर्ष 2018 की रिपोर्ट के अनुसार बच्चियों, किशोरियों और महिलाओं के खिलाफ 14 हजार 326 अपराध हुए यानि कि प्रतिदिन 39 महिलाओं के खिलाफ कोई न कोई अपराध हुआ. रिपोर्ट से पता चला है कि हरियाणा में हर 5 दिन में 3 दहेज हत्या के मामले दर्ज होते हैं.
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वर्ष 2017 में दुष्कर्म के 1099 केस दर्ज हुए थे, जबकि 2018 में ऐसे मामलों की संख्या 1296 पहुंच गई, वहीं 2019 में नवंबर तक 1529 मामले दर्ज हुए. ये आंकड़े विचलित करने वाले हैं. महिलाओं के विरुद्ध दूसरे अपराधों में भी लगातार इजाफा हुआ है.
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वर्ष 2015 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 9511 मामले दर्ज हुए थे यानि कि तब प्रतिदिन करीब 26 महिलाओं को किसी न किसी तरह के अपराध का सामना करना पड़ा. वर्ष 2016 में 9839 और वर्ष 2017 में 11,370 मामले सामने आए. वर्ष 2018 में 14,326 और वर्ष 2019 में नवंबर तक 14,683 केस दर्ज हुए.
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एनसीबी के आंकड़े भले ही हरियाणा की स्थिति को बेहतर बताएं, लेकिन प्रदेश में अब भी महिलाओं के लिए सुकून से रहने जैसे हालात नहीं है. इसकी बानगी सोमवार को पानीपत और फरीदाबाद की घटनाएं सामने आने से दिखी. देखना ये होगा कि मनोहर सरकार प्रदेश में कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कितनी सख्ती दिखाती है.