फरीदाबाद: गुरुवार को हरियाणा बिजली वितरण निगम फरीदाबाद के सर्कल सेक्टर-23 व हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम A-4 सेक्टर-18 के सर्कल पर कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर HSEB वर्कर यूनियन के बैनरतले प्रदर्शन किया. बता दें कि ये प्रदर्शन सर्कल सचिव कर्मवीर यादव व प्रीतम सिंह की अध्यक्षता में किया गया. जिसके बाद यूनियन की ओर से बिजली कर्मचारियों की मांगों का एक 22 सूत्रीय मांग पत्र अतिरिक्त मुख्य सचिव पावर हरियाणा सरकार व निगम मैनेजमेंट के नाम हरियाणा स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड वर्कर यूनियन ने सौंपा.
इसके साथ ही अपनी मांगों को लेकर हरियाणा प्रदेश के सभी सर्कलों पर कर्मचारियों ने 22 सूत्रीय मांग पत्र अतरिक्त मुख्य सचिव पावर हरियाणा सरकार व निगम मैनेजमेंट को सौंपा. वहीं, कर्मचारियों ने दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के सर्कल सेक्टर-23 पर प्रोटेस्ट करते हुए फरीदाबाद अधीक्षण अभियंता नरेश कुमार कक्कड़ के माध्यम ए.सी.एस पावर हरियाणा सरकार (अतिरिक्त मुख्यसचिव) के नाम विरोध दिवसरूपी मनाते हुए ज्ञापन सौंपा.
मांग पत्र में यूनियन की ओर से मांग की गई है कि बिजली निगम में लगे कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना उनकी पहली मांग है उसके साथ ही दूसरी मांग है कि जब तक इन्हें पक्का नही किया जाता तब तक सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार इन्हें समान काम के एवज में समान वेतनमान दिया जाए. वहीं बिजली कर्मचारियों ने मांग की है कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम को बंद करने, एनपीएस की प्रणाली को बंद कर पुरानी ओल्ड पेंशन प्रणाली की नीति को चालू करने की मांग, साथ ही एक्सग्रेसिया की पोलिसी को बिना किसी शर्त के तत्काल लागू करने की भी मांग की गई है.
बिजली कर्मचारियों ने ये भी मांग की है कि फ्री मेडिकल कैशलेस की सुविधा पूर्णरूप से सभी कर्मियों को दी जाए, जोखिमों से भरे इस महकमे में कर्मचारियों को जोखिम भत्ता देने की भी मांग की गई है. वहीं, शिक्षा भत्ता देने, ऑनलाइन ट्रांसफर पोलिसी को बंद करने, बिजली निगम में जारी ठेकेदारी प्रथा पर पूर्ण विराम लगाते हुए बंद करने की मांग, बिजली निगम में खाली पड़े हजारों रिक्त पदों को स्थाई भर्ती के माध्यम से भरने जैसी कुल 22 मांगें बिजली कर्मचारियों ने रखी है.
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इन सभी मांगों को यूनियन की ओर से प्रदेश सरकार व निगम मैनेजमेंट को अपने ज्ञापन के जरिये भेजा गया . प्रदेश भर में जारी कर्मचारियों के इन आंदोलनों से इसके बाद भी यदि सरकार मांगें नहीं मानती है, तो अगली रणनीति को तय करने के लिये एचएसईबी वर्कर यूनियन मजबूर होकर प्रोटेस्ट करेगा. जिसके बाद इस प्रोटेस्ट से किसी तरह की अशांति और अप्रिय घटना के लिये पूरी तरह से प्रशासन और मैनेजमेंट जिम्मेदार होगा.
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