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फरीदाबाद में अवैध कंपनियों से निकल रहा रहा गंदा पानी, स्थानीय लोगों में बीमारी का खतरा - illegal companies in faridabad

फरीदाबाद में अवैध कंपनियों के संचलान (illegal companies in faridabad) से शहर में प्रदूषण के साथ बीमारियां भी फैल रही है. जगह-जगह नालियों से गंदा पानी निकल रहा है. यह गंदा और रंगीन पानी कंपनियों से निकल रहा है. जिससे कैंसर जैसी भयानक बीमारियों को भी न्यौता दे रहा है.

residential colonies in faridabad
फरीदाबाद में रेजिडेंशियल कॉलोनियां
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Published : Jan 19, 2023, 7:17 PM IST

फरीदाबाद में रेजिडेंशियल कॉलोनियों से निकल रहा गंदा पानी

फरीदाबाद: इन दिनों जिले में धड़ल्ले से अवैध कंपनियां संचालित की जा रही है. जिस पर प्रतिबंध लगाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. वहीं इन कंपनियों से निकलने वाला गंदा पानी जमीन के अंदर के पानी को भी दूषित कर रहा है. यही वजह है कि कई तरह की बीमारियां भी फैलने में लगी हैं. जानकारी के मुताबिक प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ से हमेशा सख्त कार्रवाई किेए जाने की बात कही जाती है, लेकिन धरातल पर ऐसा दिखता नहीं है.

फरीदाबाद में रेजिडेंशियल कॉलोनियां कई ऐसी हैं, जहां पर अवैध रूप से फैक्ट्रियां चलाई जा रही है. इसी में से एक है ओम एनक्लेव, जहां लाखों की संख्या में लोग रहते हैं. लेकिन इस रेजिडेंशियल कॉलोनी में करीब 100 से ज्यादा ऐसी कंपनियां चल रही हैं जिसको चलाने के लिए किसी भी तरह से प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई है. हालांकि एनजीटी का सख्त आदेश है कि ऐसी फैक्ट्रियों को बंद किया जाना चाहिए जो बीमारियां और पॉल्यूशन फैलाती हो.

लेकिन अकेले ओम एनक्लेव की बात करें तो यहां पर अमूमन हर तीसरे घर में आपको जींस की रंगाई की फैक्ट्री दिख जाएगी और यही वजह है कि बड़े पैमाने में इन कंपनियों में जींस की रंगाई की जाती है और रंगाई के बाद गंदा और दूषित कलरफुल पानी नालियों के माध्यम से खुली जगह और नदी नालों में बहता नजर आता है. ईटीवी भारत की टीम ने जब ओम एनक्लेव का दौरा किया तो हर जगह स्थिति एक जैसी ही नजर आई. हर तीसरे घर से यहां पर कलरफुल गंदा पानी नाली के माध्यम से बाहर छोड़ा जा रहा था.

residential colonies in faridabad
नाली में बह रहा रंगीन पानी

हालांकि फरीदाबाद में यह कंपनियां पूरी तरह से बैन हैं. एनजीटी और प्रशासन ने इन कंपनियों पर रोक लगा रखा है, लेकिन इसके बावजूद भी ओम एनक्लेव, धीरज नगर, हरकेश नगर, एत्मादपुर, नवीन नगर, अगवानपुर, रोशन नगर, बसंतपुर यह, इस्माइलपुर ऐसी प्रमुख कॉलोनियां हैं जहां पर जींस की रंगाई की कंपनियां चलाई जा रही है. हालांकि यह कॉलोनियां दिल्ली से सटे हुए हैं. यही कारण है कि कंपनियों के मालिक इसका फायदा उठा रहे हैं और अवैध कंपनियां चला रहे हैं.

residential colonies in faridabad
कॉलोनियों से निकल रहा गंदा पानी

हालांकि, फरीदाबाद के डीसी विक्रम सिंह ने संबंधित विभाग को आदेश दिया था कि जल्द से जल्द इन फैक्ट्रियों की लिस्ट तैयार करें और उन पर कार्रवाई करें. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि हम इन कंपनियों की लिस्ट तैयार कर रहे हैं और जल्द ही इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. लेकिन डीसी के आदेशों के बावजूद भी अधिकारी इस काम में रुचि लेते नहीं दिख रहे हैं.

लगभग तीन महीने पहले डीसी विक्रम सिंह ने संबंधित अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की थी. बैठक में इन्हीं मुद्दों को लेकर चर्चा की, जिसके बाद रूपरेखा तैयार की गयी कि किस तरह से इन कंपनियों के खिलाफ अभियान छेड़ा जाएगा और कैसे इन कंपनियों को बंद किया जाएगा. लेकिन अभी तक कुछ भी जमीनी स्तर पर दिखाई नहीं दे रहा है.

गौरतलब है कि इन्हीं कंपनियों से निकलने वाला गंदा पानी फरीदाबाद के प्रमुख नहर आगरा गुड़गांव नहर में छोड़ा जा रहा है और यही इन्हीं गंदे पानी से कई तरह की बीमारियां भी उत्पन्न हो रही हैं. स्थिति यह है कि अब फरीदाबाद का पानी पीने लायक नहीं बचा हुआ है. कैंसर के मरीजों की संख्या दिन पर दिन फरीदाबाद में बढ़ती जा रही है. हालांकि देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन कब इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करता है.

यह भी पढ़ें-सरकारी स्कूलों में दो साल तक चली स्मार्ट क्लास, अब प्रोजेक्टर और हाई डेफिनेशन कैमरा भी फांक रहे धूल

फरीदाबाद में रेजिडेंशियल कॉलोनियों से निकल रहा गंदा पानी

फरीदाबाद: इन दिनों जिले में धड़ल्ले से अवैध कंपनियां संचालित की जा रही है. जिस पर प्रतिबंध लगाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. वहीं इन कंपनियों से निकलने वाला गंदा पानी जमीन के अंदर के पानी को भी दूषित कर रहा है. यही वजह है कि कई तरह की बीमारियां भी फैलने में लगी हैं. जानकारी के मुताबिक प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ से हमेशा सख्त कार्रवाई किेए जाने की बात कही जाती है, लेकिन धरातल पर ऐसा दिखता नहीं है.

फरीदाबाद में रेजिडेंशियल कॉलोनियां कई ऐसी हैं, जहां पर अवैध रूप से फैक्ट्रियां चलाई जा रही है. इसी में से एक है ओम एनक्लेव, जहां लाखों की संख्या में लोग रहते हैं. लेकिन इस रेजिडेंशियल कॉलोनी में करीब 100 से ज्यादा ऐसी कंपनियां चल रही हैं जिसको चलाने के लिए किसी भी तरह से प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई है. हालांकि एनजीटी का सख्त आदेश है कि ऐसी फैक्ट्रियों को बंद किया जाना चाहिए जो बीमारियां और पॉल्यूशन फैलाती हो.

लेकिन अकेले ओम एनक्लेव की बात करें तो यहां पर अमूमन हर तीसरे घर में आपको जींस की रंगाई की फैक्ट्री दिख जाएगी और यही वजह है कि बड़े पैमाने में इन कंपनियों में जींस की रंगाई की जाती है और रंगाई के बाद गंदा और दूषित कलरफुल पानी नालियों के माध्यम से खुली जगह और नदी नालों में बहता नजर आता है. ईटीवी भारत की टीम ने जब ओम एनक्लेव का दौरा किया तो हर जगह स्थिति एक जैसी ही नजर आई. हर तीसरे घर से यहां पर कलरफुल गंदा पानी नाली के माध्यम से बाहर छोड़ा जा रहा था.

residential colonies in faridabad
नाली में बह रहा रंगीन पानी

हालांकि फरीदाबाद में यह कंपनियां पूरी तरह से बैन हैं. एनजीटी और प्रशासन ने इन कंपनियों पर रोक लगा रखा है, लेकिन इसके बावजूद भी ओम एनक्लेव, धीरज नगर, हरकेश नगर, एत्मादपुर, नवीन नगर, अगवानपुर, रोशन नगर, बसंतपुर यह, इस्माइलपुर ऐसी प्रमुख कॉलोनियां हैं जहां पर जींस की रंगाई की कंपनियां चलाई जा रही है. हालांकि यह कॉलोनियां दिल्ली से सटे हुए हैं. यही कारण है कि कंपनियों के मालिक इसका फायदा उठा रहे हैं और अवैध कंपनियां चला रहे हैं.

residential colonies in faridabad
कॉलोनियों से निकल रहा गंदा पानी

हालांकि, फरीदाबाद के डीसी विक्रम सिंह ने संबंधित विभाग को आदेश दिया था कि जल्द से जल्द इन फैक्ट्रियों की लिस्ट तैयार करें और उन पर कार्रवाई करें. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि हम इन कंपनियों की लिस्ट तैयार कर रहे हैं और जल्द ही इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. लेकिन डीसी के आदेशों के बावजूद भी अधिकारी इस काम में रुचि लेते नहीं दिख रहे हैं.

लगभग तीन महीने पहले डीसी विक्रम सिंह ने संबंधित अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की थी. बैठक में इन्हीं मुद्दों को लेकर चर्चा की, जिसके बाद रूपरेखा तैयार की गयी कि किस तरह से इन कंपनियों के खिलाफ अभियान छेड़ा जाएगा और कैसे इन कंपनियों को बंद किया जाएगा. लेकिन अभी तक कुछ भी जमीनी स्तर पर दिखाई नहीं दे रहा है.

गौरतलब है कि इन्हीं कंपनियों से निकलने वाला गंदा पानी फरीदाबाद के प्रमुख नहर आगरा गुड़गांव नहर में छोड़ा जा रहा है और यही इन्हीं गंदे पानी से कई तरह की बीमारियां भी उत्पन्न हो रही हैं. स्थिति यह है कि अब फरीदाबाद का पानी पीने लायक नहीं बचा हुआ है. कैंसर के मरीजों की संख्या दिन पर दिन फरीदाबाद में बढ़ती जा रही है. हालांकि देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन कब इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करता है.

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